नई दिल्ली
बसों में महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और छेड़खानी के मामले रुके, इसके लिए बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात तो होती रही है। महिला और बाल विकास मंत्रालय में चर्चा हो रही है कि बसों में खड़े होने पर रोक लगानी चाहिए। सुझाव संबंधित मंत्रालय को भेजने पर भी विचार हो रहा है।
कई राज्यों में निर्भया फंड के तहत बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की पहल की जा रही है। मंत्रालय के अधिकारी अनौपचारिक बातचीत में मानते हैं कि बसों में सिर्फ कैमरा लगाने से छेड़खानी नहीं रोकी जा सकती। भीड़ भरी बसों में महिला के साथ छेड़खानी कैमरा रिकॉर्ड नहीं कर पाएगा। अगर एक बस में ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगेंगे तो बस की कीमत ही बढ़ जाएगी। मंत्रालय में चर्चा कि सीसीटीवी की बजाय बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। प्रावधान किया जा सकता है कि बस में जितनी सीटें हों, उतने ही लोग चढ़ें। किसी को खड़े रहने की इजाजत नहीं हो। साथ ही बसों का डिजाइन भी चेंज किया जा सकता है।
पैनिक बटन को लेकर पैनिक : मोबाइल में पैनिक बटन को लेकर सरकार स्तर पर ही पैनिक दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक आईटी मिनिस्ट्री के कहने पर यूपी में पैनिक बटन का ट्रायल टाल दिया गया। पहले 26 जनवरी से यूपी में मोबाइल में पैनिक बटन का ट्रायल शुरू होना था। पैनिक बटन को लेकर महिला और बाल विकास मंत्रालय 3 साल से दबाव बना रहा है। तय किया गया था कि ट्रायल सफल होने के बाद इसे पहले पूरे यूपी में लागू किया जाएगा और फिर इसका विस्तार पूरे देश में किया जाएगा। लेकिन फिलहाल यह टल गया है। सूत्रों के मुताबिक अब ट्रायल के लिए जल्द ही सर्कुलर जारी करने की चर्चा चल रही है।
बसों में महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और छेड़खानी के मामले रुके, इसके लिए बसों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात तो होती रही है। महिला और बाल विकास मंत्रालय में चर्चा हो रही है कि बसों में खड़े होने पर रोक लगानी चाहिए। सुझाव संबंधित मंत्रालय को भेजने पर भी विचार हो रहा है।
कई राज्यों में निर्भया फंड के तहत बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की पहल की जा रही है। मंत्रालय के अधिकारी अनौपचारिक बातचीत में मानते हैं कि बसों में सिर्फ कैमरा लगाने से छेड़खानी नहीं रोकी जा सकती। भीड़ भरी बसों में महिला के साथ छेड़खानी कैमरा रिकॉर्ड नहीं कर पाएगा। अगर एक बस में ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगेंगे तो बस की कीमत ही बढ़ जाएगी। मंत्रालय में चर्चा कि सीसीटीवी की बजाय बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। प्रावधान किया जा सकता है कि बस में जितनी सीटें हों, उतने ही लोग चढ़ें। किसी को खड़े रहने की इजाजत नहीं हो। साथ ही बसों का डिजाइन भी चेंज किया जा सकता है।
पैनिक बटन को लेकर पैनिक : मोबाइल में पैनिक बटन को लेकर सरकार स्तर पर ही पैनिक दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक आईटी मिनिस्ट्री के कहने पर यूपी में पैनिक बटन का ट्रायल टाल दिया गया। पहले 26 जनवरी से यूपी में मोबाइल में पैनिक बटन का ट्रायल शुरू होना था। पैनिक बटन को लेकर महिला और बाल विकास मंत्रालय 3 साल से दबाव बना रहा है। तय किया गया था कि ट्रायल सफल होने के बाद इसे पहले पूरे यूपी में लागू किया जाएगा और फिर इसका विस्तार पूरे देश में किया जाएगा। लेकिन फिलहाल यह टल गया है। सूत्रों के मुताबिक अब ट्रायल के लिए जल्द ही सर्कुलर जारी करने की चर्चा चल रही है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: बसों में खड़े होने पर लगे रोक, मंत्रालय का सुझाव