नई दिल्ली
राजधानी पहले से ही एयर और नॉइज पलूशन से परेशान है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर में ऐसी रॉयल एनफील्ड की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है जिनमें लोग कंपनी का साइलेंसर चेंज करवाकर तेज आवाज वाले साइलेंसर लगवा लेते हैं। इनके शोर से दूसरे लोगों को बेहद परेशानी होती है। जम्मू और कश्मीर के एक पुलिस अफसर ने अपने एरिया में चलने वाली ऐसी बाइक्स वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए ऐक्शन शुरू कर दिया है। लेकिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में अभी इस पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है।
तेज आवाज वाले इन साइलेंसर से सब परेशान हैं। बुलेट की आवाज से किसी का छोटा बच्चा डर जाता है तो किसी के हाथ से सामान छूट जाता है। बुजुर्गों और दिल की समस्या वाले भी इससे काफी परेशान हैं। बेहद तेज आवाज निकालने वाली ये बाइक्स जब तेज रफ्तार में अचानक किसी स्कूटर या बाइक सवार के पास से गुजरती हैं तो ऐक्सिडेंट भी हो जाते हैं।
रॉयल एनफील्ड की सवारी करने वाले अपनी बाइक्स को मॉडिफाई करवाने में भी काफी आगे रहते हैं। इन बाइक्स में सबसे ज्यादा जिस पार्ट को बदलवाया जाता है वो है साइलेंसर या एग्जॉस्ट सिस्टम। रॉयल एनफील्ड बाइक्स के एग्जॉस्ट की आवाज में और ज्यादा 'थंडर' लाने के लिए लोग कंपनी का असली साइलेंसर निकलवाकर उसकी जगह मार्केट में मौजूद अलग-अलग किस्म के साइलेंसर लगवाते हैं। इनमें से कुछ की आवाज तो फिर भी झेलने लायक होती है लेकिन कई साइलेंसर ऐसे होते जिनकी आवाज इतनी तेज होती है कि सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों को बेहत परेशान कर देती है।
क्या कहता है कानून
अगर कानून के हिसाब से देखा जाए तो किसी भी गाड़ी में किया जाने वाला मॉडिफिकेशन गलत है। जब कोई कंपनी मार्केट में गाड़ी उतारती है तो उसकी लंबाई-चौड़ाई से लेकर इंजन और एमिशन तक को कई लेवल पर टेस्ट पास करना होता है उसके बाद ही उसे भारत में बेचने का सर्टिफिकेट दिया जाता है। पुलिस इस मामले में आरसी वॉइलेशन के चालान काटती है।
किस तरह के साइलेंसर हैं मार्केट में
दिल्ली में करोल बाग के नाईवालान या फिर कश्मीरी गेट स्थित मार्केट में जाएंगे तो आपको कई तरह से साइलेंसर मिल जाएंगे। यहां के दुकानदार बताते हैं कि कई लोग तो शोरूम से सीधे उनके पास आते हैं और कंपनी के साइलेंसर को निकलवाकर अपनी पसंद की आवाज वाले साइलेंसर लगवाते हैं। मार्केट में इस वक्त 400 रुपये से लेकर 8000 रुपये तक के साइलेंसर मौजूद हैं। इसमें लोकल से लेकर ब्रैंडेड कंपनियों के साइलेंसर मौजूद हैं।
छोटा पंजाब : यह साइलेंसर काफी वक्त से लोगों की पसंद बना हुआ है। यह सस्ता भी होता है और आवाज भी इसकी काफी तेज होती है।
कीमत : 400 से 600 रुपये
बड़ा पंजाब : यह भी काफी पॉपुलर साइसेंसर है। छोटे पंजाब के मुकाबले इसकी आवाज और ज्यादा तेज होती है।
कीमत : 650 से 900 रुपये
डबल बैरल : इसमें एक की जगह दो एग्जॉस्ट पाइप लगे होते हैं। देखने में यह काफी स्टाइलिश लगता है।
कीमत : 2500 से 4000 रुपये
बैरल एग्जॉस्ट : इसको भी इसके तेज साउंड की वजह से पसंद किया जाता है।
कीमत : 3500 से 6000 रुपये
कोबरा : इस साइलेंसर को इसके बेहतर स्टाइल और साउंड की वजह से पसंद किया जाता है। ज्यादा बेस वाला साउंड निकलता है।
कीमत : 3000 से 5500 रुपये
डॉल्फिन : डॉल्फिन जैसे शेप की वजह से नाम पड़ा। इसके साउंड में भी ज्यादा बेस होता है शोर कम होता है।
कीमत : 2500 से 4000 रुपये
टेल गनर : एक मल्टीबैरल गन की तरह इसकी शेप होती है। इसमें घूमने वाला बैरल भी होता है और फिक्स्ड भी।
कीमत : 4000 से 8000 रुपये
राजधानी पहले से ही एयर और नॉइज पलूशन से परेशान है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर में ऐसी रॉयल एनफील्ड की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है जिनमें लोग कंपनी का साइलेंसर चेंज करवाकर तेज आवाज वाले साइलेंसर लगवा लेते हैं। इनके शोर से दूसरे लोगों को बेहद परेशानी होती है। जम्मू और कश्मीर के एक पुलिस अफसर ने अपने एरिया में चलने वाली ऐसी बाइक्स वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए ऐक्शन शुरू कर दिया है। लेकिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में अभी इस पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है।
तेज आवाज वाले इन साइलेंसर से सब परेशान हैं। बुलेट की आवाज से किसी का छोटा बच्चा डर जाता है तो किसी के हाथ से सामान छूट जाता है। बुजुर्गों और दिल की समस्या वाले भी इससे काफी परेशान हैं। बेहद तेज आवाज निकालने वाली ये बाइक्स जब तेज रफ्तार में अचानक किसी स्कूटर या बाइक सवार के पास से गुजरती हैं तो ऐक्सिडेंट भी हो जाते हैं।
रॉयल एनफील्ड की सवारी करने वाले अपनी बाइक्स को मॉडिफाई करवाने में भी काफी आगे रहते हैं। इन बाइक्स में सबसे ज्यादा जिस पार्ट को बदलवाया जाता है वो है साइलेंसर या एग्जॉस्ट सिस्टम। रॉयल एनफील्ड बाइक्स के एग्जॉस्ट की आवाज में और ज्यादा 'थंडर' लाने के लिए लोग कंपनी का असली साइलेंसर निकलवाकर उसकी जगह मार्केट में मौजूद अलग-अलग किस्म के साइलेंसर लगवाते हैं। इनमें से कुछ की आवाज तो फिर भी झेलने लायक होती है लेकिन कई साइलेंसर ऐसे होते जिनकी आवाज इतनी तेज होती है कि सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों को बेहत परेशान कर देती है।
क्या कहता है कानून
अगर कानून के हिसाब से देखा जाए तो किसी भी गाड़ी में किया जाने वाला मॉडिफिकेशन गलत है। जब कोई कंपनी मार्केट में गाड़ी उतारती है तो उसकी लंबाई-चौड़ाई से लेकर इंजन और एमिशन तक को कई लेवल पर टेस्ट पास करना होता है उसके बाद ही उसे भारत में बेचने का सर्टिफिकेट दिया जाता है। पुलिस इस मामले में आरसी वॉइलेशन के चालान काटती है।
किस तरह के साइलेंसर हैं मार्केट में
दिल्ली में करोल बाग के नाईवालान या फिर कश्मीरी गेट स्थित मार्केट में जाएंगे तो आपको कई तरह से साइलेंसर मिल जाएंगे। यहां के दुकानदार बताते हैं कि कई लोग तो शोरूम से सीधे उनके पास आते हैं और कंपनी के साइलेंसर को निकलवाकर अपनी पसंद की आवाज वाले साइलेंसर लगवाते हैं। मार्केट में इस वक्त 400 रुपये से लेकर 8000 रुपये तक के साइलेंसर मौजूद हैं। इसमें लोकल से लेकर ब्रैंडेड कंपनियों के साइलेंसर मौजूद हैं।
छोटा पंजाब : यह साइलेंसर काफी वक्त से लोगों की पसंद बना हुआ है। यह सस्ता भी होता है और आवाज भी इसकी काफी तेज होती है।
कीमत : 400 से 600 रुपये
बड़ा पंजाब : यह भी काफी पॉपुलर साइसेंसर है। छोटे पंजाब के मुकाबले इसकी आवाज और ज्यादा तेज होती है।
कीमत : 650 से 900 रुपये
डबल बैरल : इसमें एक की जगह दो एग्जॉस्ट पाइप लगे होते हैं। देखने में यह काफी स्टाइलिश लगता है।
कीमत : 2500 से 4000 रुपये
बैरल एग्जॉस्ट : इसको भी इसके तेज साउंड की वजह से पसंद किया जाता है।
कीमत : 3500 से 6000 रुपये
कोबरा : इस साइलेंसर को इसके बेहतर स्टाइल और साउंड की वजह से पसंद किया जाता है। ज्यादा बेस वाला साउंड निकलता है।
कीमत : 3000 से 5500 रुपये
डॉल्फिन : डॉल्फिन जैसे शेप की वजह से नाम पड़ा। इसके साउंड में भी ज्यादा बेस होता है शोर कम होता है।
कीमत : 2500 से 4000 रुपये
टेल गनर : एक मल्टीबैरल गन की तरह इसकी शेप होती है। इसमें घूमने वाला बैरल भी होता है और फिक्स्ड भी।
कीमत : 4000 से 8000 रुपये
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: कब लगेगी डराते बुलेट साइलेंसर पर लगाम?