नई दिल्ली
देश-दुनिया से लगातार आगरा के ताज महज देखने आने वालों की भीड़ और उससे होने वाले ताज महल को नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने भीड़ को कम करने की कवायद शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ताज महल में एंट्री फीस में बदलाव करने का फैसला किया है, वहीं दूसरी ओर भीड़ में पर्यटकों को होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए योजना बनाई जा रही है। यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने दी। यह योजना आगामी 1 अप्रैल से लागू होगी।
सरकार की योजना है कि अगर इससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलती है, तो जल्द ही इसे दिल्ली के लाल किले और कुतुब मीनार जैसे स्मारकों में भी शुरू किया जाएगा। बढ़ती भीड़ से ताज को पहुंचने वाले खतरों के मद्देनजर शर्मा का कहना था कि मकसद ताज महल को आने वाली पीढ़ियों के लिए संभाल कर रखना है। तमाम शोधों और संगठनों की तरफ से ताज महल को हो रहे खतरों को लेकर चेतावनी दी जा रही है।
मंत्री ने बताया कि नैशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट ने पिछले दिनों ताज महल के प्लैटफॉर्म और मकबरे एरिया के वजन सहने की क्षमता के बारे में एक स्टडी की थी। इसमें कहा गया था कि मकबरे की खूबसूरती और इमारत को बचाने के लिए इस एरिया में भीड़ कम करने के लिए तुरंत कोई कदम उठाया जाना चाहिए। भीड़ को कम करने के लिए पहले सरकार रोजाना एक निर्धारित तादाद में दर्शकों की एंट्री देने पर विचार कर रही थी। इस योजना के व्यावहारिक पक्ष को देखते हुए फीस बढ़ाने का फैसला किया गया। शर्मा कहते हैं कि फीस बढ़ाने का मकसद सरकार की आमदनी बढ़ाने से ज्यादा भीड़ प्रबंधन है, जिससे वही लोग मकबरे वाले हिस्से तक जाएं, जिनकी इसमें रुचि हो।
इसके लिए सरकार ने एंट्री टिकटों की कीमत में बदलाव करने का फैसला लिया है। घरेलू पर्यटकों के लिए 40 रुपये की बजाय 50 रुपये का टिकट होगा। यह टिकट बारकोड युक्त होंगे, जो तीन घंटे के लिए वैध होंगे। उससे ज्यादा रुकने पर आपको अतिरिक्त पैसा देना होगा। अब इस टिकट के जरिए मकबरे तक नहीं पहुंचा जा सकेगा। अगर मकबरे तक जाना चाहते हैं तो दर्शकों को और जेब ढीली करनी होगी। इसके लिए 200 रुपये का टिकट लेना होगा।
ताज महल और उसके आसपास सक्रिय दलाल और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, यूपी पुलिस और आगरा विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रही है।
देश-दुनिया से लगातार आगरा के ताज महज देखने आने वालों की भीड़ और उससे होने वाले ताज महल को नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने भीड़ को कम करने की कवायद शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ताज महल में एंट्री फीस में बदलाव करने का फैसला किया है, वहीं दूसरी ओर भीड़ में पर्यटकों को होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए योजना बनाई जा रही है। यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने दी। यह योजना आगामी 1 अप्रैल से लागू होगी।
सरकार की योजना है कि अगर इससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलती है, तो जल्द ही इसे दिल्ली के लाल किले और कुतुब मीनार जैसे स्मारकों में भी शुरू किया जाएगा। बढ़ती भीड़ से ताज को पहुंचने वाले खतरों के मद्देनजर शर्मा का कहना था कि मकसद ताज महल को आने वाली पीढ़ियों के लिए संभाल कर रखना है। तमाम शोधों और संगठनों की तरफ से ताज महल को हो रहे खतरों को लेकर चेतावनी दी जा रही है।
मंत्री ने बताया कि नैशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट ने पिछले दिनों ताज महल के प्लैटफॉर्म और मकबरे एरिया के वजन सहने की क्षमता के बारे में एक स्टडी की थी। इसमें कहा गया था कि मकबरे की खूबसूरती और इमारत को बचाने के लिए इस एरिया में भीड़ कम करने के लिए तुरंत कोई कदम उठाया जाना चाहिए। भीड़ को कम करने के लिए पहले सरकार रोजाना एक निर्धारित तादाद में दर्शकों की एंट्री देने पर विचार कर रही थी। इस योजना के व्यावहारिक पक्ष को देखते हुए फीस बढ़ाने का फैसला किया गया। शर्मा कहते हैं कि फीस बढ़ाने का मकसद सरकार की आमदनी बढ़ाने से ज्यादा भीड़ प्रबंधन है, जिससे वही लोग मकबरे वाले हिस्से तक जाएं, जिनकी इसमें रुचि हो।
इसके लिए सरकार ने एंट्री टिकटों की कीमत में बदलाव करने का फैसला लिया है। घरेलू पर्यटकों के लिए 40 रुपये की बजाय 50 रुपये का टिकट होगा। यह टिकट बारकोड युक्त होंगे, जो तीन घंटे के लिए वैध होंगे। उससे ज्यादा रुकने पर आपको अतिरिक्त पैसा देना होगा। अब इस टिकट के जरिए मकबरे तक नहीं पहुंचा जा सकेगा। अगर मकबरे तक जाना चाहते हैं तो दर्शकों को और जेब ढीली करनी होगी। इसके लिए 200 रुपये का टिकट लेना होगा।
ताज महल और उसके आसपास सक्रिय दलाल और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, यूपी पुलिस और आगरा विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर काम कर रही है।
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