प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
आपसी रंजिश में 2 बदमाशों ने एक बदमाश की हत्या कर दी। इसके बाद लाश को बोरे में पैक किया और नाले में फेंक दिया। बदमाश रोजाना नाले में यह चेक करने जाते थे कि बॉडी वहीं है या आगे बह गई। उन्होंने ऐसा कई दिनों तक किया। काफी समय बीत गया।
बदमाशों को लगने लगा कि अब कोई उन तक नहीं पहुंच सकेगा। 40 दिन बाद लाश एक किलोमीटर बहकर सीएनजी पंप के पास पहुंच गई। तब किसी ने पुलिस को कॉल करके बताया। मृतक की पहचान अजय उर्फ अज्जू के रूप में हुई। परिजनों ने उसकी 3 जनवरी को नंद नगरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच ने मर्डर करने वाले दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। इनकी पहचान करण गोयल (22) और मोहम्मद इमरान (31) के रूप में हुई है।
जॉइंट सीपी आलोक कुमार ने बताया कि 10 फरवरी को सीमापुरी पुलिस ने सीएनजी पंप के पास प्लास्टिक बैग से सड़ी-गली लाश बरामद की थी। छानबीन और बैग से मिले कपड़ों के आधार पर शव की पहचान हुई। मृतक के सिर में चोट के गहरे निशान थे। सीमापुरी पुलिस ने मर्डर और सबूत नष्ट करने की धाराओं में मामला दर्ज किया था। केस सॉल्व करने के लिए क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव की देखरेख में एसीपी जसबीर संह, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एसआई विजय समारिया, नीरज कुमार और सिपाही सिकंदर सहित अन्य पुलिस वालों की टीम बनाई गई। लोकल स्तर पर जांच में पता चला कि इस मर्डर में 2 क्रिमिनल शामिल हैं। सूचना के बाद इन्हें लोनी गोल चक्कर से पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अजय उर्फ अज्जू के मर्डर में शामिल होने का जुर्म कबूल लिया।
मालूम हुआ कि करण के पिता रवींद्र गुप्ता नंद नगरी स्थित वाइन शॉप के पास दुकान चलाते हैं। उसके पिता प्रधान भी हैं। अजय उर्फ अज्जू लोकल क्रिमिनल था। उसके खिलाफ कई केस थे। वह आए दिन आरोपियों को परेशान करता था। अज्जू की करण से एक बार कहासुनी हो गई थी। करण ने अज्जू को सबक सिखाने के लिए दोस्त, मोहम्मद इमरान का साथ लिया। एक जनवरी की रात अपनी शॉप पर ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। कनपटी के दोनों तरफ गोली मारी थी। आरोपियों ने हत्या के बाद लाश को राजीव गांधी सुपर स्पेशैलिटी हॉस्पिटल के पास नाले में फेंक दिया था।
आपसी रंजिश में 2 बदमाशों ने एक बदमाश की हत्या कर दी। इसके बाद लाश को बोरे में पैक किया और नाले में फेंक दिया। बदमाश रोजाना नाले में यह चेक करने जाते थे कि बॉडी वहीं है या आगे बह गई। उन्होंने ऐसा कई दिनों तक किया। काफी समय बीत गया।
बदमाशों को लगने लगा कि अब कोई उन तक नहीं पहुंच सकेगा। 40 दिन बाद लाश एक किलोमीटर बहकर सीएनजी पंप के पास पहुंच गई। तब किसी ने पुलिस को कॉल करके बताया। मृतक की पहचान अजय उर्फ अज्जू के रूप में हुई। परिजनों ने उसकी 3 जनवरी को नंद नगरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच ने मर्डर करने वाले दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। इनकी पहचान करण गोयल (22) और मोहम्मद इमरान (31) के रूप में हुई है।
जॉइंट सीपी आलोक कुमार ने बताया कि 10 फरवरी को सीमापुरी पुलिस ने सीएनजी पंप के पास प्लास्टिक बैग से सड़ी-गली लाश बरामद की थी। छानबीन और बैग से मिले कपड़ों के आधार पर शव की पहचान हुई। मृतक के सिर में चोट के गहरे निशान थे। सीमापुरी पुलिस ने मर्डर और सबूत नष्ट करने की धाराओं में मामला दर्ज किया था। केस सॉल्व करने के लिए क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव की देखरेख में एसीपी जसबीर संह, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एसआई विजय समारिया, नीरज कुमार और सिपाही सिकंदर सहित अन्य पुलिस वालों की टीम बनाई गई। लोकल स्तर पर जांच में पता चला कि इस मर्डर में 2 क्रिमिनल शामिल हैं। सूचना के बाद इन्हें लोनी गोल चक्कर से पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अजय उर्फ अज्जू के मर्डर में शामिल होने का जुर्म कबूल लिया।
मालूम हुआ कि करण के पिता रवींद्र गुप्ता नंद नगरी स्थित वाइन शॉप के पास दुकान चलाते हैं। उसके पिता प्रधान भी हैं। अजय उर्फ अज्जू लोकल क्रिमिनल था। उसके खिलाफ कई केस थे। वह आए दिन आरोपियों को परेशान करता था। अज्जू की करण से एक बार कहासुनी हो गई थी। करण ने अज्जू को सबक सिखाने के लिए दोस्त, मोहम्मद इमरान का साथ लिया। एक जनवरी की रात अपनी शॉप पर ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। कनपटी के दोनों तरफ गोली मारी थी। आरोपियों ने हत्या के बाद लाश को राजीव गांधी सुपर स्पेशैलिटी हॉस्पिटल के पास नाले में फेंक दिया था।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: मर्डर कर नाले में फेंकी लाश, रोज देखने जाते