Saturday, February 3, 2018

बुकिंग के बाद भी देर से पहुंची कैब, जुर्माना

नई दिल्ली
एक ऐप बेस्ड टैक्सी प्रवाइडर कंपनी की लापरवाही उसके कस्टमर के लिए परेशानी की वजह बन गई। नाराज कस्टमर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह कस्टमर को हर्जाने के तौर पर 25,000 रुपये दे।

सीनियर सिविल जज गीतांजलि ने दिल्ली के योजना विहार निवासी एसपी अग्रवाल की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया। केस के मुताबिक, एसपी अग्रवाल ने 9 अक्टूबर, 2015 को घर से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए कैब बुक की थी। उन्हें 10 अक्टूबर की सुबह 4 बजे जाना था। कंपनी की ओर से एसएमएस पर बुकिंग कन्फर्म होने से लेकर ड्राइवर की डिटेल तक उन्हें मिल गई। लेकिन यात्रा वाले दिन न तो ड्राइवर ने फोन उठाया और न ही कंपनी के कॉल सेंटर से कोई रेस्पॉन्स मिला। एसपी अग्रवाल दूसरा अरेंजमेंट कर एयरपोर्ट पहुंचे। वह बड़ी मुश्किल से फ्लाइट पकड़ पाए थे।

कोर्ट में टैक्सी प्रवाइडर कंपनी ने अग्रवाल के आरोपों का खंडन किया। कंपनी ने दलील दी कि कैब साढ़े चार बजे शिकायतकर्ता के अड्रेस पर पहुंच गई थी, लेकिन बताया गया कि अब टैक्सी नहीं चाहिए, अरेंजमेंट किया जा चुका है। कोर्ट ने अग्रवाल के पक्ष में फैसला सुनाया। इस बात पर भी गौर किया गया कि याचिकाकर्ता ने सुबह 4 बजे के लिए टैक्सी बुक की थी। कैब टाइम पर नहीं आई, इसलिए दूसरा विकल्प लिया गया। कोर्ट ने इस बात को भी गंभीरता से लिया कि याचिकाकर्ता को फ्लाइट पकड़ने में दिक्कत हुई। वह उसे मिस नहीं कर सकते थे, क्योंकि उन्होंने एक बड़ी रकम खर्च की थी। याचिकाकर्ता ने यह नहीं बताया कि उन्हें कितना अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। इसलिए कोर्ट ने 25,000 रुपये ही हर्जाना दिलवाया। कोर्ट ने माना कि कैब कंपनी के अस्थिर, उदासीन, लापरवाह और बेफिक्र रवैये की वजह से याचिकाकर्ता को घोर मानसिक यातना झेलनी पड़ी।

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