Tuesday, February 27, 2018

मारपीट से हुई तंग, पिता पर किया छेड़छाड़ का केस

नई दिल्ली
छेड़छाड़ की स्थिति में लड़कियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस संबंध स्कूल में आयोजित एक वर्कशॉप ने एक छात्रा को इस कदर प्रभावित किया कि उसने मारपीट करने वाले पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। हालांकि, अपने पिता को अभद्र व्यवहार करने से रोकने में पुलिस की उदासीनता के कारण मामला दर्ज न होने पर इस 17 साल की लड़की ने पिता के खिलाफ छेड़छाड़ की झूठी प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इसके बावजूद, कोर्ट ने छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाने के वास्तविक कारण की सच्चाई बताने पर लड़की के साहस की प्रशंसा की। लड़की के पिता पर आरोप है कि वह अपनी पत्नी और बेटियों को शराब पीकर पीटता था। कोर्ट ने कहा कि लड़की ने झूठा मामला दर्ज कराने की बात स्वीकार की। उसने कहा कि बार-बार शिकायतों के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर उसे यह कदम उठाना पड़ा।

लड़की ने कोर्ट को बताया कि उसने स्कूल में एक वर्कशॉप में छेड़छाड़ के अपराध की गंभीरता के बारे में जाना। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने कहा, 'असल में उसने अपनी शिकायत और बयान में जिस छेड़छाड़ की घटना का जिक्र किया, वैसा कुछ हुआ ही नहीं था।' अदालत ने व्यक्ति को आईपीसी के तहत छेड़छाड़ और पॉक्सो कानून के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप से बरी किया लेकिन उसे पत्नी तथा दो नाबालिग बेटियों पर हमला करने और धमकी देने के आरोप में दोषी ठहराया।

लड़की के साहस ने जज को प्रभावित किया और उन्होंने कहा कि अपनी मां की दुर्दशा देखकर यह उसकी 'मजबूरी' थी कि उसने इस तरह के आरोप लगाए। कोर्ट ने पिता को एक साल के लिए अच्छा आचरण रखने के निर्देश के साथ 25 हजार रुपये के निजी मुचलके तथा इतनी ही राशि का एक जमानतदार देने पर प्रोबेशन पर रिहा कर दिया।

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