Saturday, February 3, 2018

...तो स्लम में तब्दील हो जाएगी दिल्ली

नई दिल्ली
दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने सीलिंग से राहत देने के लिए शुक्रवार को एक प्रस्ताव तैयार किया है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके लागू होने पर नई मुसीबत खड़ी हो जाएंगी और बार-बार छूट देने से दिल्ली स्लम में तब्दील हो जाएगी। व्यापारी संगठन भी इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं।

दिल्ली की टाउन प्लानिंग के विशेषज्ञ कई साल से मांग कर रहे हैं कि रिहायशी इलाकों में किसी भी हाल में कमर्शल गतिविधि नहीं होनी चाहिए। इसी छूट से दिल्ली स्लम में बदलती जा रही है। डीडीए के पूर्व अडिशनल कमिश्नर (टाउन प्लानिंग) आरजी गुप्ता का कहना है कि कमर्शल इलाकों में पार्किंग का प्रावधान कैसे लागू हो पाएगा? पार्किंग बाजार के अंदर होगी तो वहां के हालात बिगड़ेंगे। पार्किंग बाजारों से हटकर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के समुचित विकास के लिए प्लानिंग अथॉरिटी बनानी चाहिए। रिहायशी इलाकों में अनअप्रूव्ड कमर्शल गतिविधियां एकदम बंद होनी चाहिए।

गुप्ता कहते हैं कि दुकानदारों को न तो एफएआर में बढ़ोतरी से राहत मिलने वाली है और न ही बेसमेंट में कमर्शल ऐक्टिविटी को मंजूरी देने से मिलेगी। एफएआर बढ़ाने का मतलब है कि मार्केट में जनसंख्या बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए पार्किंग और अच्छी रोड होनी चाहिए। पहले मार्केट के आसपास इन चीजों में सुधार किया जाए और फिर एफएआर में बढ़ोतरी हो। गुप्ता का कहना है कि वह एक्सपर्ट के साथ मिलकर इस छूट का विरोध करने के लिए जल्द आपत्तियां दर्ज करवाएंगे।

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