नई दिल्ली
जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने छात्रों के लिए उपस्थिति को अनिवार्य बनाने के प्रशासन के आदेश के बहिष्कार की आज घोषणा की। शिक्षक संघ ने कहा कि यह शिक्षकों के लिए अनुपयोगी और अर्थहीन किस्म का नौकरशाही जैसा काम है।
शिक्षक संगठन की बुधवार हुई आमसभा में इस आशय का फैसला किया गया। जेएनयूटीए की अध्यक्ष आयशा किदवई ने एक वक्तव्य में कहा कि रिसर्च स्कॉलरों से हर दिन रिपोर्ट करने की उम्मीद करना बेतुका है, खासकर तब जब कि उन्हें शहर के विभिन्न इलाकों में काम करने की जरूरत हो।
उन्होंने कहा, 'यह शिक्षकों के लिए नौकरशाही के किस्म का एक निरर्थक तथा अर्थहीन काम है।' इस महीने की शुरुआत में जेएनयू छात्र संघ ने भी प्रशासन के इस कदम का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने छात्रों के लिए उपस्थिति को अनिवार्य बनाने के प्रशासन के आदेश के बहिष्कार की आज घोषणा की। शिक्षक संघ ने कहा कि यह शिक्षकों के लिए अनुपयोगी और अर्थहीन किस्म का नौकरशाही जैसा काम है।
शिक्षक संगठन की बुधवार हुई आमसभा में इस आशय का फैसला किया गया। जेएनयूटीए की अध्यक्ष आयशा किदवई ने एक वक्तव्य में कहा कि रिसर्च स्कॉलरों से हर दिन रिपोर्ट करने की उम्मीद करना बेतुका है, खासकर तब जब कि उन्हें शहर के विभिन्न इलाकों में काम करने की जरूरत हो।
उन्होंने कहा, 'यह शिक्षकों के लिए नौकरशाही के किस्म का एक निरर्थक तथा अर्थहीन काम है।' इस महीने की शुरुआत में जेएनयू छात्र संघ ने भी प्रशासन के इस कदम का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: अनिवार्य उपस्थिति: बहिष्कार करेगा JNUTU