नई दिल्ली
आने वाले दिनों में सराय काले खां से लेकर धौलाकुआं तक के रिंग रोड के हिस्से की हर क्रॉसिंग से गुजरने वाले वीइकल पर कैमरे की नजर रहेगी। यही नहीं, इन कैमरों को ट्रैफिक पुलिस के सिस्टम से इस तरह से जोड़ा जाएगा कि नियम तोड़ने वाले वीइकल का तुरंत फोटो भी खिंच जाएगा और ई-चालान बनकर वाहन मालिक के घर पहुंच जाएगा। इन कैमरों को लगाने पर 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह खर्च मारुति सुजुकी वहन करेगी। यही नहीं, लगने के बाद अगले दो साल तक इन कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी की होगी। इस सिस्टम को लगाने का मकसद ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना और सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाना है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उपराज्यपाल अनिल बैजल की मौजूदगी में इन कैमरों को लगाने के लिए मारुति सुजुकी और दिल्ली पुलिस के बीच करार हुआ। इस मौके पर गडकरी ने इस सिस्टम की सराहना करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों में सड़क नियमों के बारे में जागरुकता लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम का मकसद सिर्फ चालान करना नहीं बल्कि नियम तोड़ने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने का है। ई-चालान बनने से यह सिस्टम पारदर्शी होगा और फोटो खिंचने से यह भी साफ होगा कि वाकई वाहन चालक ने नियम तोड़ा या नहीं।
रिंग रोड के 14 किलोमीटर का यह दिल्ली का पहला ऐसा कॉरिडोर होगा, जहां ट्रैफिक सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम को इस तरह से लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत उच्च क्षमता वाले कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे इस कॉरिडोर के चौराहों और अन्य क्रासिंग पर लालबत्ती जंप करने, तय स्पीड से अधिक रफ्तार से चलने वाली वीइकल की नंबर प्लेट की तस्वीर ले लेंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे कॉरिडोर में दस जंक्शन इन कैमरों से कवर होंगे। माना जा रहा है कि अगले एक साल में यह पूरा सिस्टम शुरू हो जाएगा।
आने वाले दिनों में सराय काले खां से लेकर धौलाकुआं तक के रिंग रोड के हिस्से की हर क्रॉसिंग से गुजरने वाले वीइकल पर कैमरे की नजर रहेगी। यही नहीं, इन कैमरों को ट्रैफिक पुलिस के सिस्टम से इस तरह से जोड़ा जाएगा कि नियम तोड़ने वाले वीइकल का तुरंत फोटो भी खिंच जाएगा और ई-चालान बनकर वाहन मालिक के घर पहुंच जाएगा। इन कैमरों को लगाने पर 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह खर्च मारुति सुजुकी वहन करेगी। यही नहीं, लगने के बाद अगले दो साल तक इन कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी की होगी। इस सिस्टम को लगाने का मकसद ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना और सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाना है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उपराज्यपाल अनिल बैजल की मौजूदगी में इन कैमरों को लगाने के लिए मारुति सुजुकी और दिल्ली पुलिस के बीच करार हुआ। इस मौके पर गडकरी ने इस सिस्टम की सराहना करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों में सड़क नियमों के बारे में जागरुकता लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम का मकसद सिर्फ चालान करना नहीं बल्कि नियम तोड़ने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने का है। ई-चालान बनने से यह सिस्टम पारदर्शी होगा और फोटो खिंचने से यह भी साफ होगा कि वाकई वाहन चालक ने नियम तोड़ा या नहीं।
रिंग रोड के 14 किलोमीटर का यह दिल्ली का पहला ऐसा कॉरिडोर होगा, जहां ट्रैफिक सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम को इस तरह से लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत उच्च क्षमता वाले कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे इस कॉरिडोर के चौराहों और अन्य क्रासिंग पर लालबत्ती जंप करने, तय स्पीड से अधिक रफ्तार से चलने वाली वीइकल की नंबर प्लेट की तस्वीर ले लेंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे कॉरिडोर में दस जंक्शन इन कैमरों से कवर होंगे। माना जा रहा है कि अगले एक साल में यह पूरा सिस्टम शुरू हो जाएगा।
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Read more: इस रोड के हर जंक्शन पर तीसरी आंख की नजर