Wednesday, January 31, 2018

नीला पड़ गया था, फैट से निकाला गया जहर

नई दिल्ली
गलती से थिनर पी लेने की वजह से एक 14 महीने के मासूम की जान पर बन आई थी। उसकी हालत नाजुक थी। उसके शरीर से जहर को बाहर निकालने की आगरा के डॉक्टरों की तमाम कोशिशें फेल हो गईं और उसे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां डॉक्टरों ने मासूम के शरीर का सारा खून बदल दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सक्षम(बदला हुआ नाम) के शरीर में फैले जहर ने उसके अंगों को खराब करना शुरू कर दिया था।

सक्षम के शरीर से जहर बाहर करने के लिए डॉक्टरों ने आखिरकार उसके शरीर में फैट इंजेक्ट किया। सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. धीरेन गुप्ता ने बताया, 'पेंट-थिनर फैट सॉल्युबल होता है। ऐसा करने के बाद जहर यूरिन के जरिए बाहर आ गया और बच्चे की जान बच गई।'

गलती से थिनर पी लेने के मामले अकसर सामने आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस नए तरीके से कई लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर ने कहा, 'फॉसफरस जैसे जहरीले पदार्थों के मामले में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।'

डॉक्टरों ने बताया, 'बच्चे को आगरा से लाया गया था। पहले उसे आगरा के एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था, उसका रंग नीला पड़ रहा था और 6 घंटे से सांसें तेज चल रही थीं। गंगाराम अस्पताल में उसे मकैनिकल वेंटिलेशन पर लाया गया था। ऐसे में मात्र दवाओं और खून बदलने से काम नहीं होता।'

डॉक्टरों ने बच्चे के शरीर से जहर बाहर निकालने के लिए फैट के सफल इस्तेमाल की स्टोरी को जर्नल ऑफ क्लिनिकल टॉक्सिकॉलजी में पब्लिश किया है।

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