नई दिल्ली
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने राजधानी में चलने वाली बसों के साथ-साथ ऑटो, टैक्सी, आरटीवी और ग्रामीण सेवा की भी जीपीएस मॉनिटरिंग का प्लान तैयार किया है। इसके लिए ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) बनाया गया है, जहां 8 वर्क स्टेशनों के जरिए अलग-अलग कैटिगरी की गाड़ियों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
स्पेशल कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) केके दहिया ने बताया कि डिपार्टमेंट ने 2018 में रोड सेफ्टी को सबसे बड़ा अजेंडा बनाया है। इसके तहत उन पब्लिक सर्विस गाड़ियों को चलने की इजाजत नहीं होगी, जिनमें जीपीएस नहीं लगा है। ऐसे वाहनों का डेटा जुटाया जा रहा है। पहले इन्हें नोटिस भेजकर जीपीएस एक्टिवेट करवाने को कहा जाएगा। ऐसा नहीं करने पर चालान भेजा जाएगा। जीपीएस मॉनिटरिंग से उन बसों, आरटीवी, ग्रामीण सेवा की आसानी से पहचान हो जाएगी, जो तय लिमिट से ज्यादा स्पीड से दौड़ती हैं।
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने राजधानी में चलने वाली बसों के साथ-साथ ऑटो, टैक्सी, आरटीवी और ग्रामीण सेवा की भी जीपीएस मॉनिटरिंग का प्लान तैयार किया है। इसके लिए ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) बनाया गया है, जहां 8 वर्क स्टेशनों के जरिए अलग-अलग कैटिगरी की गाड़ियों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
स्पेशल कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) केके दहिया ने बताया कि डिपार्टमेंट ने 2018 में रोड सेफ्टी को सबसे बड़ा अजेंडा बनाया है। इसके तहत उन पब्लिक सर्विस गाड़ियों को चलने की इजाजत नहीं होगी, जिनमें जीपीएस नहीं लगा है। ऐसे वाहनों का डेटा जुटाया जा रहा है। पहले इन्हें नोटिस भेजकर जीपीएस एक्टिवेट करवाने को कहा जाएगा। ऐसा नहीं करने पर चालान भेजा जाएगा। जीपीएस मॉनिटरिंग से उन बसों, आरटीवी, ग्रामीण सेवा की आसानी से पहचान हो जाएगी, जो तय लिमिट से ज्यादा स्पीड से दौड़ती हैं।
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