आलोक मिश्रा, नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी दिल्ली से रिक्त हो रहीं 3 राज्यसभा सीटों में से 2 पर पार्टी से बाहर के व्यक्तियों को टिकट दे सकती है। तीसरी सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का नाम करीब-करीब तय हो चुका है। बुधवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक के बाद तीनों नामों का ऐलान किया जा सकता है। तीनों ही सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत तय है।
सूत्रों के मुताबिक शहर के रहनेवाले एक बिजनसमैन, एक शीर्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट, एक लोकप्रिय वकील और एक पूर्व बैंकर के नाम संभावित उम्मीदवारों में शामिल है। 3 राज्यसभा सीटों के लिए 16 जनवरी को चुनाव होने हैं। चांदनी चौक से AAP विधायक अलका लांबा ने राज्यसभा में पार्टी की ओर से किसी महिला को भेजे जाने की मांग करते हुए पूर्व बैंकर मीरा सान्याल का समर्थन किया है।
लांबा ने ट्वीट किया, 'वह (सान्याल) एक पूर्व बैंकर हैं और अर्थव्यवस्था की विशेषज्ञ हैं। उनका राज्यसभा में होना मेरी पार्टी के साथ-साथ देश के लिए भी बहुत जरूरी है।' AAP के गलियारों में सान्याल का नाम काफी दिनों से चर्चाओं में है लेकिन न तो पार्टी ने और न ही खुद सान्याल ने इसकी पुष्टि की है।
राज्यसभा के लिए पार्टी प्रवक्ता आशुतोष का नाम सबसे आगे माना जा रहा था लेकिन अब वह शायद इस रेस से बाहर हो चुके हैं। हालांकि लांबा ने ट्वीट किया कि आशुतोष प्रबल दावेदारों में शामिल थे। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने इसे खारिज किया है। एक समय कुमार विश्वास पहली पसंद थे, लेकिन पार्टी सुप्रीमो के साथ मतभेदों की वजह से अब उनका राज्यसभा में जाना मुश्किल है। एक सूत्र ने बताया, 'विश्वास के नाम पर पार्टी में आम सहमति नहीं बन सकी क्योंकि उन पर ज्यादातर को अविश्वास है।'
AAP के पदाधिकारी राज्यसभा के दावेदारों के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। पार्टी राज्यसभा नॉमिनेशन के लिए पूर्व आरबीआई गवर्नर और कुछ दूसरी हस्तियों के लगातार संपर्क में थी।
संजय सिंह राज्यसभा के लिए दावेदारों की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के दूसरे पदाधिकारी भी उनके नाम पर सहमत हैं। संजय सिंह को केजरीवाल का करीबी माना जाता है। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के पीछे उनकी प्रमुख भूमिका मानी जाती है। सिंह ने 2014 के आम चुनाव में भी उत्तर भारत में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था। जब इस साल फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनाव हुए तो सिंह वहां के पार्टी प्रभारी थे।
एक सूत्र ने बताया कि आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के एक लोकप्रिय वकील को राज्यसभा में जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी। पार्टी नेताओं को लगा कि बाहरियों को राज्यसभा भेजने से पार्टी के भीतर मतभेद खत्म करने में मदद मिल सकती है। बता दें कि 29 दिसंबर को कुमार विश्वास के समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय में टेंट लगाकर डेरा डाल दिया था। विश्वास समर्थकों को कहना था कि जब तक विश्वास को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया जाता, तब तक वे पार्टी मुख्यालय से नहीं हटेंगे। वे दिनभर पार्टी मुख्यालय में जमे रहे और आखिरकार रात 8 बजे वहां से हटे। AAP के दिल्ली प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया था कि पार्टी मुख्यालय में डेरा डालने वालों में 80 प्रतिशत बीजेपी के कार्यकर्ता थे।
आम आदमी पार्टी दिल्ली से रिक्त हो रहीं 3 राज्यसभा सीटों में से 2 पर पार्टी से बाहर के व्यक्तियों को टिकट दे सकती है। तीसरी सीट पर पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का नाम करीब-करीब तय हो चुका है। बुधवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक के बाद तीनों नामों का ऐलान किया जा सकता है। तीनों ही सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत तय है।
सूत्रों के मुताबिक शहर के रहनेवाले एक बिजनसमैन, एक शीर्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट, एक लोकप्रिय वकील और एक पूर्व बैंकर के नाम संभावित उम्मीदवारों में शामिल है। 3 राज्यसभा सीटों के लिए 16 जनवरी को चुनाव होने हैं। चांदनी चौक से AAP विधायक अलका लांबा ने राज्यसभा में पार्टी की ओर से किसी महिला को भेजे जाने की मांग करते हुए पूर्व बैंकर मीरा सान्याल का समर्थन किया है।
लांबा ने ट्वीट किया, 'वह (सान्याल) एक पूर्व बैंकर हैं और अर्थव्यवस्था की विशेषज्ञ हैं। उनका राज्यसभा में होना मेरी पार्टी के साथ-साथ देश के लिए भी बहुत जरूरी है।' AAP के गलियारों में सान्याल का नाम काफी दिनों से चर्चाओं में है लेकिन न तो पार्टी ने और न ही खुद सान्याल ने इसकी पुष्टि की है।
राज्यसभा के लिए पार्टी प्रवक्ता आशुतोष का नाम सबसे आगे माना जा रहा था लेकिन अब वह शायद इस रेस से बाहर हो चुके हैं। हालांकि लांबा ने ट्वीट किया कि आशुतोष प्रबल दावेदारों में शामिल थे। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने इसे खारिज किया है। एक समय कुमार विश्वास पहली पसंद थे, लेकिन पार्टी सुप्रीमो के साथ मतभेदों की वजह से अब उनका राज्यसभा में जाना मुश्किल है। एक सूत्र ने बताया, 'विश्वास के नाम पर पार्टी में आम सहमति नहीं बन सकी क्योंकि उन पर ज्यादातर को अविश्वास है।'
AAP के पदाधिकारी राज्यसभा के दावेदारों के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। पार्टी राज्यसभा नॉमिनेशन के लिए पूर्व आरबीआई गवर्नर और कुछ दूसरी हस्तियों के लगातार संपर्क में थी।
संजय सिंह राज्यसभा के लिए दावेदारों की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के दूसरे पदाधिकारी भी उनके नाम पर सहमत हैं। संजय सिंह को केजरीवाल का करीबी माना जाता है। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के पीछे उनकी प्रमुख भूमिका मानी जाती है। सिंह ने 2014 के आम चुनाव में भी उत्तर भारत में पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था। जब इस साल फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनाव हुए तो सिंह वहां के पार्टी प्रभारी थे।
एक सूत्र ने बताया कि आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के एक लोकप्रिय वकील को राज्यसभा में जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी। पार्टी नेताओं को लगा कि बाहरियों को राज्यसभा भेजने से पार्टी के भीतर मतभेद खत्म करने में मदद मिल सकती है। बता दें कि 29 दिसंबर को कुमार विश्वास के समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय में टेंट लगाकर डेरा डाल दिया था। विश्वास समर्थकों को कहना था कि जब तक विश्वास को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार नहीं बनाया जाता, तब तक वे पार्टी मुख्यालय से नहीं हटेंगे। वे दिनभर पार्टी मुख्यालय में जमे रहे और आखिरकार रात 8 बजे वहां से हटे। AAP के दिल्ली प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया था कि पार्टी मुख्यालय में डेरा डालने वालों में 80 प्रतिशत बीजेपी के कार्यकर्ता थे।
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