अभिनव गर्ग & राजशेखर झा, नई दिल्ली
राजधानी की एक महिला जज का आरोप है कि एक कैब ड्राइवर ने उन्हें अगवा करने की कोशिश की। जज का आरोप है कि कोर्ट पहुंचने के लिए उन्होंने कैब बुक की थी, लेकिन गलत रूट लेकर उन्हें किडनैप करने की कोशिश की गई। मामले की गंभीरता को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने जजों की सुरक्षा को लेकर सरकार के सामने अपनी चिंता जाहिर की है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए रजिस्ट्रार जनरल दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि घटना तब हुई जब महिला जज सेंट्रल दिल्ली से कड़कड़डूमा कोर्ट जा रही थीं। कैब ड्राइवर ने बीच में रूट बदल दिया, जैसे ही जज को आभास हुआ कि गाड़ी कहीं और जा रही है, उन्होंने पुलिस को फोन कर बुला लिया।
गाजीपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है क्योंकि कैब गाजीपुर टोल प्लाजा के पास पाई गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी ड्राइवर का नाम राजीव है और उत्तरपूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में रहता है। हिरासत में लिए जाने के बाद आरोपी ड्राइवर ने बताया कि मयूर विहार की तरफ मुड़ने वाला रास्ता उससे पीछे छूट गया था इसलिए वह सीधा चलता गया। उसने कहा कि जज ने जैसे ही पुलिस को कॉल किया वह घबरा गया और जल्दबाजी में उसने गाजियाबाद के इंदिरापुरम के पास वाला यू-टर्न ले लिया।
जज की शिकायत के मुताबिक, ड्राइवर ने कड़कड़डूमा की ओर जाने के बजाय कैब को यूपी के हापुड़ जाने वाले रास्ते पर मोड़ लिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कैब मखीजा ट्रैवल्स की है। मामला सामने आने के बाद मखीजा ट्रैवल्स भी जांच के दायरे में आ गई है। इस बात की जांच की जा रही है कि ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन किया गया था या नहीं।
उधर, हाई कोर्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मामला सामने आने के बाद चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने दिल्ली सरकार से महिला जजों और अन्य न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने सिक्यॉरिटी की गंभीरता को देखते हुए इस बात पर जोर दिया है कि जजों को अलग कारें मुहैया करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
फिलहाल सरकार ज्यादातर सबॉर्डिनेट जूडिशरी जजों को टैक्सी सेवा देती है। समान रूट पर रहने वाले जजों के लिए कैब पूलिंग की जाती है।
राजधानी की एक महिला जज का आरोप है कि एक कैब ड्राइवर ने उन्हें अगवा करने की कोशिश की। जज का आरोप है कि कोर्ट पहुंचने के लिए उन्होंने कैब बुक की थी, लेकिन गलत रूट लेकर उन्हें किडनैप करने की कोशिश की गई। मामले की गंभीरता को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने जजों की सुरक्षा को लेकर सरकार के सामने अपनी चिंता जाहिर की है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए रजिस्ट्रार जनरल दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि घटना तब हुई जब महिला जज सेंट्रल दिल्ली से कड़कड़डूमा कोर्ट जा रही थीं। कैब ड्राइवर ने बीच में रूट बदल दिया, जैसे ही जज को आभास हुआ कि गाड़ी कहीं और जा रही है, उन्होंने पुलिस को फोन कर बुला लिया।
गाजीपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है क्योंकि कैब गाजीपुर टोल प्लाजा के पास पाई गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी ड्राइवर का नाम राजीव है और उत्तरपूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में रहता है। हिरासत में लिए जाने के बाद आरोपी ड्राइवर ने बताया कि मयूर विहार की तरफ मुड़ने वाला रास्ता उससे पीछे छूट गया था इसलिए वह सीधा चलता गया। उसने कहा कि जज ने जैसे ही पुलिस को कॉल किया वह घबरा गया और जल्दबाजी में उसने गाजियाबाद के इंदिरापुरम के पास वाला यू-टर्न ले लिया।
जज की शिकायत के मुताबिक, ड्राइवर ने कड़कड़डूमा की ओर जाने के बजाय कैब को यूपी के हापुड़ जाने वाले रास्ते पर मोड़ लिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कैब मखीजा ट्रैवल्स की है। मामला सामने आने के बाद मखीजा ट्रैवल्स भी जांच के दायरे में आ गई है। इस बात की जांच की जा रही है कि ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन किया गया था या नहीं।
उधर, हाई कोर्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मामला सामने आने के बाद चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने दिल्ली सरकार से महिला जजों और अन्य न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने सिक्यॉरिटी की गंभीरता को देखते हुए इस बात पर जोर दिया है कि जजों को अलग कारें मुहैया करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
फिलहाल सरकार ज्यादातर सबॉर्डिनेट जूडिशरी जजों को टैक्सी सेवा देती है। समान रूट पर रहने वाले जजों के लिए कैब पूलिंग की जाती है।
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