नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए पर्यावरण प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली सरकार को एक बड़ी योजना के तहत बसों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार करने के लिए दिसंबर 21018 तक की समयसीमा दी है। योजना को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। ईपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में 16 नवंबर को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट वायु प्रदूषण के लिए समग्र कार्य योजना में समयसीमा निर्धारित की है।
प्राधिकरण ने पूर्व में मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल में इससे कहा था कि वह प्रस्तावित कदमों के क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट समयसीमा सहित अपनी रिपोर्ट फिर से जमा करे। शीर्ष अदालत अब संशोधित रिपोर्ट को देखेगी और मंजूरी मिलने पर यह केंद्र द्वारा अधिसूचित की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली सरकार को दिसंबर 2018 तक 1998 और 2016 के आदेशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। इसे कम से कम 10 हजार बसों के बेडे की आवश्यकता है।
दिल्ली में बसों के बेड़े को बढ़ाकर 10 हजार करने का प्रस्ताव कोई नया नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 1998 और 2016 में दिल्ली सरकार को इस संबंध में प्रक्रिया तेज करने को कहा था। हालांकि, यह पहली बार है जब समयसीमा निर्धारित की गई है। आप सरकार ने अगले साल तक दो हजार सीएनजी बसें (एक हजार डीटीसी के लिए और एक हजार क्लस्टर योजना के लिए) खरीदने की प्रक्रिया हाल में शुरू की है। वर्ष 2010 से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में कोई नई बस शामिल नहीं की गई है। परिवहन विभाग के आंकड़ो के अनुसार वर्तमान में डीटीसी के पास 3,944 बसों का बेड़ा है, जबकि क्लस्टर योजना के तहत दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम 1,634 बसों का संचालन करता है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए पर्यावरण प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली सरकार को एक बड़ी योजना के तहत बसों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार करने के लिए दिसंबर 21018 तक की समयसीमा दी है। योजना को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। ईपीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में 16 नवंबर को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट वायु प्रदूषण के लिए समग्र कार्य योजना में समयसीमा निर्धारित की है।
प्राधिकरण ने पूर्व में मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल में इससे कहा था कि वह प्रस्तावित कदमों के क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट समयसीमा सहित अपनी रिपोर्ट फिर से जमा करे। शीर्ष अदालत अब संशोधित रिपोर्ट को देखेगी और मंजूरी मिलने पर यह केंद्र द्वारा अधिसूचित की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली सरकार को दिसंबर 2018 तक 1998 और 2016 के आदेशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। इसे कम से कम 10 हजार बसों के बेडे की आवश्यकता है।
दिल्ली में बसों के बेड़े को बढ़ाकर 10 हजार करने का प्रस्ताव कोई नया नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 1998 और 2016 में दिल्ली सरकार को इस संबंध में प्रक्रिया तेज करने को कहा था। हालांकि, यह पहली बार है जब समयसीमा निर्धारित की गई है। आप सरकार ने अगले साल तक दो हजार सीएनजी बसें (एक हजार डीटीसी के लिए और एक हजार क्लस्टर योजना के लिए) खरीदने की प्रक्रिया हाल में शुरू की है। वर्ष 2010 से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में कोई नई बस शामिल नहीं की गई है। परिवहन विभाग के आंकड़ो के अनुसार वर्तमान में डीटीसी के पास 3,944 बसों का बेड़ा है, जबकि क्लस्टर योजना के तहत दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम 1,634 बसों का संचालन करता है।
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Read more: बसों की संख्या बढ़ाने के लिए एक साल का समय