नई दिल्ली
मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है। दिल्ली सरकार जहां मेट्रो किराए में बढ़ोतरी का विरोध कर रही है, वहीं डीएमआरसी और केंद्र सरकार किराया बढ़ाने के पक्ष में हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खत के जवाब में कहा कि अगर किराया नहीं बढ़ा तो दिल्ली मेट्रो डीटीसी बन जाएगी। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा है कि ज्यादा किराए की वजह से लोग अगर मेट्रो का इस्तेमाल ही न कर पाए तो मेट्रो चलाने का क्या मतलब है।
पढ़ें: केजरीवाल को जवाब, 'किराया नहीं बढ़ा तो डीटीसी बन जाएगी मेट्रो'
केजरीवाल ने रविवार एनबीटी दिल्ली के ट्वीट को रीट्वीट कर हरदीप पुरी के बयान का जवाब दिया। केजरीवाल ने लिखा, 'सर, अगर लोग इतने ज्यादा किराये की वजह से मेट्रो का इस्तेमाल ही न कर पाएं तो मेट्रो चलाने का क्या फायदा? बेइंतहा किराया बढ़ाकर मुनाफा कमाना ठीक नहीं। मेट्रो को कुशल बनाकर मुनाफा कमाया जाए। किराया निर्धारण कमिटी में दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ोतरी का खूब विरोध किया। दिल्ली की चुनी हुई सरकार की बात क्यों नहीं सुनी गई मेट्रो के आय-व्यय के सारे आंकड़ें जनता के सामने रखे जाएं?'
पढ़ें: मेट्रो किराये पर केजरीवाल ने दिया हॉन्गकॉन्ग फॉर्म्युला
इतना ही नहीं, केजरीवाल ने मेट्रो के खातों की निष्पक्ष जांच की भी मांग की। उन्होंने लिखा, 'पहले बिजली कंपनियां फर्जी घाटा दिखाकर बिजली दाम बढ़ाती थीं। हमने 3 साल से बिजली दाम नहीं बढ़ने दिए। मेट्रो के खातों की निष्पक्ष जांच हो।'
दरअसल डीएमआरसी ने दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी को जरूरी बताया था जिसके बाद केजरीवाल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को खत लिखकर किराया बढ़ाने के फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपने खत में हॉन्ग कॉन्ग मेट्रो का उदाहरण देते हुए लिखा था कि किसी भी संस्था को अपनी क्षमता विकसित करनी चाहिए, जिससे लागत को कम किया जा सके। मगर डीएमआरसी अपनी पूरी लागत को सिर्फ किराया बढ़ाकर जनता पर थोप रही है। इसके जवाब में पुरी ने कहा, '8 सालों तक मेट्रो के किराये नहीं बढ़ाए गए। मेट्रो कैसे चलेगी? एक तरीका है कि वह डीटीसी बन जाए और डीटीसी की हालत तो आपको पता ही है।' इसके बाद फिर केजरीवाल ने पुरी को ट्विटर के जरिए जवाब दिया।
मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है। दिल्ली सरकार जहां मेट्रो किराए में बढ़ोतरी का विरोध कर रही है, वहीं डीएमआरसी और केंद्र सरकार किराया बढ़ाने के पक्ष में हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खत के जवाब में कहा कि अगर किराया नहीं बढ़ा तो दिल्ली मेट्रो डीटीसी बन जाएगी। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा है कि ज्यादा किराए की वजह से लोग अगर मेट्रो का इस्तेमाल ही न कर पाए तो मेट्रो चलाने का क्या मतलब है।
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केजरीवाल ने रविवार एनबीटी दिल्ली के ट्वीट को रीट्वीट कर हरदीप पुरी के बयान का जवाब दिया। केजरीवाल ने लिखा, 'सर, अगर लोग इतने ज्यादा किराये की वजह से मेट्रो का इस्तेमाल ही न कर पाएं तो मेट्रो चलाने का क्या फायदा? बेइंतहा किराया बढ़ाकर मुनाफा कमाना ठीक नहीं। मेट्रो को कुशल बनाकर मुनाफा कमाया जाए। किराया निर्धारण कमिटी में दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ोतरी का खूब विरोध किया। दिल्ली की चुनी हुई सरकार की बात क्यों नहीं सुनी गई मेट्रो के आय-व्यय के सारे आंकड़ें जनता के सामने रखे जाएं?'
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इतना ही नहीं, केजरीवाल ने मेट्रो के खातों की निष्पक्ष जांच की भी मांग की। उन्होंने लिखा, 'पहले बिजली कंपनियां फर्जी घाटा दिखाकर बिजली दाम बढ़ाती थीं। हमने 3 साल से बिजली दाम नहीं बढ़ने दिए। मेट्रो के खातों की निष्पक्ष जांच हो।'
दरअसल डीएमआरसी ने दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी को जरूरी बताया था जिसके बाद केजरीवाल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को खत लिखकर किराया बढ़ाने के फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपने खत में हॉन्ग कॉन्ग मेट्रो का उदाहरण देते हुए लिखा था कि किसी भी संस्था को अपनी क्षमता विकसित करनी चाहिए, जिससे लागत को कम किया जा सके। मगर डीएमआरसी अपनी पूरी लागत को सिर्फ किराया बढ़ाकर जनता पर थोप रही है। इसके जवाब में पुरी ने कहा, '8 सालों तक मेट्रो के किराये नहीं बढ़ाए गए। मेट्रो कैसे चलेगी? एक तरीका है कि वह डीटीसी बन जाए और डीटीसी की हालत तो आपको पता ही है।' इसके बाद फिर केजरीवाल ने पुरी को ट्विटर के जरिए जवाब दिया।
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