Monday, October 30, 2017

पीपीपी के तहत पक्के मकान की योजना पर बवाल

नई दिल्ली
पीपीपी के तहत दिल्ली की पहली झुग्गी बस्ती में रहने वालों को पक्के मकान बनाकर देने की योजना पर सोमवार को फिर बवाल हुआ। इस बवाल के बाद अब आवास एवं शहरी कार्यमंत्री हरदीप पुरी ने दखल देते हुए डीडीए से कहा है कि यहां मकान के दावों की अच्छी तरह से जांच पड़ताल करके जल्द उनका फैसला किया जाए। इस बीच इन दावों की पड़ताल के लिए एक अपीलीय अथॉरिटी का भी गठन कर दिया गया है।

आवास एवं शहरी कार्यमंत्री ने डीडीए से कहा है कि वह दावों की जांच जल्द करे। इस मामले में उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और फिर डीडीए उपाध्यक्ष के साथ बैठक करके उन्हें इस मामले में समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि 2009 में योजना बनाई गई थी कि शादीपुर डिपो के समीप बनी इस बड़ी झुग्गी बस्ती की जगह झुग्गी वालों को बहुमंजिला मकान बनाकर दे दिए जाएं और बाकी बची हुई जमीन का कमर्शल उपयोग किया जाए। इसके लिए प्राइवेट पार्टनर का भी चयन किया गया। इस तरह से पीपीपी के तहत बनी इस योजना पर 2009 में काम शुरू किया गया। लेकिन अब तक इस बस्ती में रहने वालों से झुग्गियां खाली नहीं करायी जा सकी हैं। इसी वजह से 5.20 हेक्टेयर जमीन में से लगभग ढाई हेक्टेयर जमीन पर अभी भी कब्जा है।

मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब तक इस जगह पर पक्के मकान बनाकर झुग्गी वालों को दिए जाएं, उस दौरान इन झुग्गी वालों को रहने के लिए आनंद पर्वत में जगह उपलब्ध कराने का फैसला किया गया था। लेकिन अब तक वहां 1355 परिवार ही शिफ्ट हुए हैं। मंत्रालय का कहना है कि उसे जानकारी दी गई कि जब 2009 में सर्वे किया गया, उस वक्त 2800 झुग्गियां थीं लेकिन बाद में 771 और परिवारों ने दावा ठोंक दिया। इन दावों को खारिज कर दिया गया।

मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 25 अक्टूबर को डीडीए ने यहां रह रहे बाकी झुग्गी वालों से कहा था कि वे आनंद पर्वत शिफ्ट हो जाएं ताकि इस जगह पर उनके लिए पक्के मकानों का निर्माण शुरू किया जाए। लेकिन जब सोमवार को डीडीए के अधिकारी इन लोगों को शिफ्ट कराने पहुंचे तो वहां बवाल हो गया। हालांकि, डीडीए ने दावा किया है कि कुछ स्वार्थी तत्वों ने यह हंगामा किया।

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