पंखुड़ी यादव, नई दिल्ली
बीच सड़क फोन झपटने की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं। पीड़ित झपटमारों के आगे बेबस नजर आते हैं और उनके पास बाद में पुलिस में शिकायत कराने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता। लेकिन दिल्ली में 48 साल के बीएसएफ के पूर्व जवान का फोन छीनना दो झपटमारों के लिए भारी पड़ गया। इस रिटायर्ड डेप्युटी कमांडेंट ने सेवा के दौरान मिली ट्रेनिंग का फायदा उठाते हुए दोनों झपटमारों को न सिर्फ पीछा किया बल्कि उनसे अपना फोन वापस लेकर ही दम लिया।
बुधवार को हुई इस घटना का विडियो सीसीटीवी में कैद हुआ है। इस पूर्व जवान को राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार मिल चुका है। रविंद्र सिंह बिष्ट रिटायरमेंट के बाद दिल्ली में एक बैंक में जनरल सिक्यॉरिटी मैनेजर के रूप में काम करते हैं। उन्होंने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि घटना तब हुई जब वह ऑफिस से जा रहे थे। बिष्ट ने बताया, 'मैं झंडेवाला के फैज रोड स्थित अपने कार्यालय जा रहा था, तभी मैंने देखा कि दो लोग मेरी तरफ देख रहे हैं। मैंने कुछ गलत महसूस किया और तेजी से भागने लगा। कुछ देर में एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझे गालियां देने लगा।'
उन्होंने आगे बताया, 'जब मैंने पूछा, तो उसने कहा कि मैं उसके पैर पर चढ़ गया था, और मेरे पैर पर लात मारी। मैंने कहा कि मैं काम के लिए लेट हो रहा है और मेरे पास बचपने के लिए समय नहीं है। लेकिन उसने मुझे लात मारना जारी रखा।' इसके बाद झपटमार अपने साथी के पास गया जो उसका स्कूटर पर इंतजार कर रहा था और उसके बाद दोनों तेजी से भागे और रविंद्र की पीठ पर लात मारी, जिससे वह झुक गए। वह पहले से ही लेट थे इसलिए उन्होंने ऑफिस जाने के लिए चलना जारी रखा।
जब वह चल रहे थे तो उन्हें अहसास हुआ कि उनके दोनों फोन गायब हैं। वह आगे बताते हैं, 'तभी मैंने सोचा कि दोनों मुझसे अनावश्यक रूप से क्यों उलझ रहे थे। मैंने एक कोशिश करने की ठानी। बिना समय गंवाए मैं झंडेवालान मंदिर की तरफ दौड़ा। दोनों लड़के सड़क पर गलत दिशा की तरफ आ रहे थे। मैंने उनका स्कूटर पकड़ लिया जिससे वे गिर गए। उन्हें पता चल गया कि मैं जानता हूं कि उनके पास मेरा फोन है। जब मैंने उन्हें मारना शुरू किया, तब फोन पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति के पॉकेट से गिरा। वह संकरे रास्ते की तरफ भागा।' बिष्ट बताते हैं कि उनका फोन महंगा नहीं था लेकिन उनका उससे भावनात्मक जुड़ाव था।
बीच सड़क फोन झपटने की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं। पीड़ित झपटमारों के आगे बेबस नजर आते हैं और उनके पास बाद में पुलिस में शिकायत कराने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता। लेकिन दिल्ली में 48 साल के बीएसएफ के पूर्व जवान का फोन छीनना दो झपटमारों के लिए भारी पड़ गया। इस रिटायर्ड डेप्युटी कमांडेंट ने सेवा के दौरान मिली ट्रेनिंग का फायदा उठाते हुए दोनों झपटमारों को न सिर्फ पीछा किया बल्कि उनसे अपना फोन वापस लेकर ही दम लिया।
बुधवार को हुई इस घटना का विडियो सीसीटीवी में कैद हुआ है। इस पूर्व जवान को राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार मिल चुका है। रविंद्र सिंह बिष्ट रिटायरमेंट के बाद दिल्ली में एक बैंक में जनरल सिक्यॉरिटी मैनेजर के रूप में काम करते हैं। उन्होंने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि घटना तब हुई जब वह ऑफिस से जा रहे थे। बिष्ट ने बताया, 'मैं झंडेवाला के फैज रोड स्थित अपने कार्यालय जा रहा था, तभी मैंने देखा कि दो लोग मेरी तरफ देख रहे हैं। मैंने कुछ गलत महसूस किया और तेजी से भागने लगा। कुछ देर में एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझे गालियां देने लगा।'
उन्होंने आगे बताया, 'जब मैंने पूछा, तो उसने कहा कि मैं उसके पैर पर चढ़ गया था, और मेरे पैर पर लात मारी। मैंने कहा कि मैं काम के लिए लेट हो रहा है और मेरे पास बचपने के लिए समय नहीं है। लेकिन उसने मुझे लात मारना जारी रखा।' इसके बाद झपटमार अपने साथी के पास गया जो उसका स्कूटर पर इंतजार कर रहा था और उसके बाद दोनों तेजी से भागे और रविंद्र की पीठ पर लात मारी, जिससे वह झुक गए। वह पहले से ही लेट थे इसलिए उन्होंने ऑफिस जाने के लिए चलना जारी रखा।
जब वह चल रहे थे तो उन्हें अहसास हुआ कि उनके दोनों फोन गायब हैं। वह आगे बताते हैं, 'तभी मैंने सोचा कि दोनों मुझसे अनावश्यक रूप से क्यों उलझ रहे थे। मैंने एक कोशिश करने की ठानी। बिना समय गंवाए मैं झंडेवालान मंदिर की तरफ दौड़ा। दोनों लड़के सड़क पर गलत दिशा की तरफ आ रहे थे। मैंने उनका स्कूटर पकड़ लिया जिससे वे गिर गए। उन्हें पता चल गया कि मैं जानता हूं कि उनके पास मेरा फोन है। जब मैंने उन्हें मारना शुरू किया, तब फोन पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति के पॉकेट से गिरा। वह संकरे रास्ते की तरफ भागा।' बिष्ट बताते हैं कि उनका फोन महंगा नहीं था लेकिन उनका उससे भावनात्मक जुड़ाव था।
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