आमिर खान, नई दिल्ली
अदालत ने 80 साल के बुजुर्ग को दुर्लभ अपराध के लिए उम्रकैद सुनाई है। अपने पोते की पत्नी की जलाकर हत्या करने के मामले में बुजुर्ग को उम्रकैद दी गई है। चंदर सिंह नाम के इस बुजुर्ग ने पोते की बीवी पर केरोसीन डालकर उसे आग के हवाले कर दिया था।
डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन्स जज दीपक जगोत्रा ने कहा, 'पोते की पत्नी का खयाल रखने के बजाय चंदर सिंह ने उसकी हत्या कर दी, उसे आगे की जिंदगी अभी देखनी थी।' बुजुर्ग चंदर सिंह के पोते की पत्नी का नाम फरहा था। 11 मार्च, 2011 को फरहा और उसके ददिया ससुर चंदर सिंह के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। मरने से पहले फरहा ने अपने बयान में कहा था कि शादी के 6 महीने बाद उसका झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसे घर छोड़कर चले जाने को कहा गया था। झगड़ा बढ़ा तो चंदर ने उसपर केरोसीन डालकर आग लगा दी। फरहा ने बताया था कि उस वक्त उसका देवर और सास वहां ददिया सास वहां मौजूद थे। बयान के मुताबिक, घटना के वक्त उसका पति टॉइलट में था और चीखने की आवाजें सुनकर वहां पहुंचा और आग बुझाने की कोशिश की।
हैरान करने वाली बात यह है कि बाद में फरहा का पति अपनी गवाही से पलट गया। घटना के 9 दिनों बाद तक महिला जिंदा रही और मरने से पहले के उसके बयान को सच मानते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया। आरोपी चंदर सिंह के वकील की दलील थी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक फरहा की मौत का कारण आग से मिले जख्म नहीं बल्कि सेप्टिसीमिया की वजह से हुई। कोर्ट ने कहा कि अगर जलने के जख्म नहीं होते सेप्टिसीमिया नहीं उभरता।
कोर्ट ने कहा, 'इस घटना ने भारतीय समाज में पोते की पत्नी और ददिया ससुर के पूजनीय रिश्ते को शर्मसार किया है। ददिया ससुर जिसे अपनी बेटी से ज्यादा प्यार देते हैं, यहां उसकी हत्या कर बुजुर्ग ने बहुत बुरा काम किया है।' कोर्ट ने कहा कि ऐसा कर चंदर सिंह ने अपने परिवार को मुसीबत में डाल लिया है और कभी न मिटने वाला दाग लगा दिया है। कोर्ट ने कहा, 'उम्र के इस पड़ाव पर बुजुर्ग ने ऐसा काम किया है... ऐसे अपराध के लिए उसे माफ नहीं किया जा सकता और सजा मिलनी ही चाहिए।' कोर्ट ने उम्रकैद के साथ-साथ चंदर सिंह पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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अदालत ने 80 साल के बुजुर्ग को दुर्लभ अपराध के लिए उम्रकैद सुनाई है। अपने पोते की पत्नी की जलाकर हत्या करने के मामले में बुजुर्ग को उम्रकैद दी गई है। चंदर सिंह नाम के इस बुजुर्ग ने पोते की बीवी पर केरोसीन डालकर उसे आग के हवाले कर दिया था।
डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन्स जज दीपक जगोत्रा ने कहा, 'पोते की पत्नी का खयाल रखने के बजाय चंदर सिंह ने उसकी हत्या कर दी, उसे आगे की जिंदगी अभी देखनी थी।' बुजुर्ग चंदर सिंह के पोते की पत्नी का नाम फरहा था। 11 मार्च, 2011 को फरहा और उसके ददिया ससुर चंदर सिंह के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। मरने से पहले फरहा ने अपने बयान में कहा था कि शादी के 6 महीने बाद उसका झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसे घर छोड़कर चले जाने को कहा गया था। झगड़ा बढ़ा तो चंदर ने उसपर केरोसीन डालकर आग लगा दी। फरहा ने बताया था कि उस वक्त उसका देवर और सास वहां ददिया सास वहां मौजूद थे। बयान के मुताबिक, घटना के वक्त उसका पति टॉइलट में था और चीखने की आवाजें सुनकर वहां पहुंचा और आग बुझाने की कोशिश की।
हैरान करने वाली बात यह है कि बाद में फरहा का पति अपनी गवाही से पलट गया। घटना के 9 दिनों बाद तक महिला जिंदा रही और मरने से पहले के उसके बयान को सच मानते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया। आरोपी चंदर सिंह के वकील की दलील थी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक फरहा की मौत का कारण आग से मिले जख्म नहीं बल्कि सेप्टिसीमिया की वजह से हुई। कोर्ट ने कहा कि अगर जलने के जख्म नहीं होते सेप्टिसीमिया नहीं उभरता।
कोर्ट ने कहा, 'इस घटना ने भारतीय समाज में पोते की पत्नी और ददिया ससुर के पूजनीय रिश्ते को शर्मसार किया है। ददिया ससुर जिसे अपनी बेटी से ज्यादा प्यार देते हैं, यहां उसकी हत्या कर बुजुर्ग ने बहुत बुरा काम किया है।' कोर्ट ने कहा कि ऐसा कर चंदर सिंह ने अपने परिवार को मुसीबत में डाल लिया है और कभी न मिटने वाला दाग लगा दिया है। कोर्ट ने कहा, 'उम्र के इस पड़ाव पर बुजुर्ग ने ऐसा काम किया है... ऐसे अपराध के लिए उसे माफ नहीं किया जा सकता और सजा मिलनी ही चाहिए।' कोर्ट ने उम्रकैद के साथ-साथ चंदर सिंह पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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