नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन पर बैंक कर्मी बन लोगों को लूटने वाले गिरोह के 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह को बाकी लोगों को पकड़ने की कोशिश जारी है। जॉइंट कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि गिरोह का मुख्यालय झारखंड के जमटारा जिले के नक्सल इलाके में था। वहां से वह पूरे देश में लूट को अंजाम देता था।
यह गिरोह बड़ी संख्या में लोगों के डेबिट कार्ड और बैंक डीटेल्स बैंक अधिकारियों या हैकर्स की मदद से ले लेता था। फिर एक-एक करके लोगों को लूटता था। ये लोग पीड़ित से को फोन कर कहते कि उसका कार्ड ब्लॉक हो गया है। पीड़ित को फंसाकर उसका कार्ड अनब्लॉक करने का झांसा देकर उसका ओटीपी ले लेते थे। बाद में फंड मोबाइल वॉलिट में ट्रांसफर कर लेते थे।
पढ़ें: साइबर क्राइम का गढ़ है झारखंड का यह गांव
डीसीपी(अपराध) भीष्म सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए चारों लोग 20 साल की उम्र के आसपास हैं। चारों की पहचान मोहम्मद सलीम, वरिंदर सिंह, मेजर सिंह और अभिषेक शर्मा के रूप में हुई है। उनके पास से 6 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, 5 एटीएम कार्ड, एक हार्ड डिस्क और एक मॉडम मिला है।
पुलिस ने बताया कि जुलाई में एक ब्यूरोक्रेट के बैंक अकाउंट से ऐसे ही फर्जी कॉल के बाद से पैसे निकाले जाने लगे थे। मामले की जांच करते-करते पुलिस ने 4 राज्यों में छापे मारे जिसमें पंजाब से 3 संदिग्धों को पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला कि इसके मास्टरमाइंड झारखंड के करमाटार में बैठे हैं। पुलिस ने वहां से सलीम को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अब उन बैंक कर्मियों का पता लगाने में जुट गई है जिन्होंने गैंग के खाते खोले और उन्हें दूसरे उपभोक्ताओं की डीटेल्स दीं।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन पर बैंक कर्मी बन लोगों को लूटने वाले गिरोह के 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह को बाकी लोगों को पकड़ने की कोशिश जारी है। जॉइंट कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि गिरोह का मुख्यालय झारखंड के जमटारा जिले के नक्सल इलाके में था। वहां से वह पूरे देश में लूट को अंजाम देता था।
यह गिरोह बड़ी संख्या में लोगों के डेबिट कार्ड और बैंक डीटेल्स बैंक अधिकारियों या हैकर्स की मदद से ले लेता था। फिर एक-एक करके लोगों को लूटता था। ये लोग पीड़ित से को फोन कर कहते कि उसका कार्ड ब्लॉक हो गया है। पीड़ित को फंसाकर उसका कार्ड अनब्लॉक करने का झांसा देकर उसका ओटीपी ले लेते थे। बाद में फंड मोबाइल वॉलिट में ट्रांसफर कर लेते थे।
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डीसीपी(अपराध) भीष्म सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए चारों लोग 20 साल की उम्र के आसपास हैं। चारों की पहचान मोहम्मद सलीम, वरिंदर सिंह, मेजर सिंह और अभिषेक शर्मा के रूप में हुई है। उनके पास से 6 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, 5 एटीएम कार्ड, एक हार्ड डिस्क और एक मॉडम मिला है।
पुलिस ने बताया कि जुलाई में एक ब्यूरोक्रेट के बैंक अकाउंट से ऐसे ही फर्जी कॉल के बाद से पैसे निकाले जाने लगे थे। मामले की जांच करते-करते पुलिस ने 4 राज्यों में छापे मारे जिसमें पंजाब से 3 संदिग्धों को पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला कि इसके मास्टरमाइंड झारखंड के करमाटार में बैठे हैं। पुलिस ने वहां से सलीम को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अब उन बैंक कर्मियों का पता लगाने में जुट गई है जिन्होंने गैंग के खाते खोले और उन्हें दूसरे उपभोक्ताओं की डीटेल्स दीं।
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