Wednesday, September 27, 2017

एनएच-24 पर धूल के गुबार से लोग परेशान

नई दिल्ली
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण की वजह से इस सड़क के आसपास से गुजरने वाले लोग पिछले कई महीने से परेशान हैं। हर समय सड़क पर धूल का गुबार छाया रहता है। खास तौर पर मयूर विहार फेज-टू, पटपड़गंज, समसपुर आदि के लोग इस काम से परेशान हैं। लोगों के अनुसार निर्माण कार्य के दौरान उड़ती धूल को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बारिश होने के बाद भी इस जगह पर धूल उड़ती साफ देखी जा सकती है।

प्रदूषण को कम करने के लिए इस समय दिल्ली में कई कदम उठाए जा रहे हैं। पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन डिपार्टमेंट को निर्देश दे चुके हैं कि सड़कों पर उड़ती धूल को कम करने के लिए मशीनों से सफाई को, सफाई के दौरान छिड़काव हो और निर्माण कार्यों वाली जगहों पर भी धूल को कम करने के कदम उठाए जाएं। लेकिन इसके बाजवूद इस पूरे एरिया में धूल का गुबार साफ नजर आता है, जिसकी वजह से यहां विजिबिलिटी भी काफी कम है और वाहनचालकों को सांस लेने में भी परेशानियां हो रही हैं।

यहां के लोग बताते हैं कि इस समस्या से वह दिन-रात परेशान हैं। एयर पल्यूशन इतना अधिक है कि बुजुर्गों ने बाहर निकलना छोड़ दिया है। बाहर निकलते समय मुंह पर रुमाल रखना पड़ता है। लोगों में सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं। हालांकि प्रदूषण विभाग की तरफ से इस एरिया में पल्यूशन मापने की मशीनें नहीं लगी हैं, लेकिन मयूर विहार के कुछ लोगों ने अपने निजी डिवाइस लगा रखे हैं जो पीएम 10 का स्तर 300 से 350 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर बताते हैं।

लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य वाली जगहों पर सड़कों से धूल हटाने के कोई इंतजाम नहीं है। सर्विस रोड और उपलब्ध सड़कों पर धूल की मोटी परत जमा है। कई जगहों पर रोड पूरी तरह टूटी-फूटी और ऊबड़-खाबड़ है। इतना ही नहीं, सड़कों के दोनों और कहीं निर्माण कार्य की वजह से काफी अधिक मिट्टी है तो कहीं रोड़ियां बिखरी पड़ी हैं।

बारिश की वजह से सड़कों पर जमा यह मिट्टी सीवर सिस्टम और स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज में जा फंसी है। जिसकी वजह से इन ड्रेनों के आसपास पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इन जगहों पर धूल को निकालने के लिए मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। जिसकी वजह से नॉइज पल्यूशन भी काफी अधिक बढ़ गया है। लोगों के अनुसार इस धूल और सड़कों की खराब हालत के बारे में कई बार अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन सुनवाई नहीं होती।

अक्षरधाम की तरफ से मयूर विहार-2 में एंट्री के लिए बने अंडरपास के आसपास दिन में भी धूल का गुबार साफ दिखाई देता है। यहां से निकलने पर सांस की कठिनाई मुझे भी महसूस होती है। ऑफिस जाने के लिए मुझे इस सड़क का इस्तेमाल करना पड़ता है। खांस-खांस कर बुरा हाल हो जाता है।

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