Friday, August 11, 2017

DTC बस से टेंपो टकराया, 2 ड्राइवरों की मौत

नई दिल्ली
रोहिणी में मधुबन चौक के अंडरपास में बीती रात एक दर्दनाक हादसे में डीटीसी के 2 ड्राइवरों की मौत हो गई, दोनों लो-फ्लोर बस की मरम्मत के चलते पीछे खड़े होकर ट्रैफिक डाइवर्ट कर रहे थे, ताकि अंधेरे में कोई वाहन टकरा न जाए, तभी एक तेज रफ्तार टेंपो ने दोनों को रौंद दिया। उनकी मौके पर मौत हो गई।

टैंपो बस में टकराया, जिससे बस की मरम्मत कर रहे एक मिस्त्री और एक कंडक्टर बुरी तरह घायल हुए। कंडक्टर की हालत नाजुक बताई जा रही है। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि टैंपो और बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घायलों को बाहर निकालने में मुश्किलें आईं। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने दो को मृत बताया। हादसे में टेंपो चालक भी गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। दोनों मृत ड्राइवरों के नाम सुनील कुमार (32) और प्रमोद (37)। सुनील किराड़ी के सुलेमान गांव का रहने वाला था। प्रमोद का घर-परिवार लाडपुर गांव में है।

हादसा करीब 12:45 बजे हुआ। बस ब्रेकडाउन के चलते अंडरपास के नीचे खड़ी थी। ड्राइवर सुनील, प्रमोद और कंडक्टर सुमित वहां खड़े ट्रैफिक डायवर्ट कर रहे थे। मिस्त्री अबरार मरम्मत कर रहा था। तभी तेज रफ्तार टेंपो ने पहले एक बाइक को टक्कर मारी, फिर डीटीसी कर्मियों को रौंदते हुए बस से टकराया। बस कंडक्टर सुमित की हालत गंभीर बताई जा रही है।

'दोनों बच्चों को लेकर कहां जाऊंगी'

दो ड्राइवरों की मौत से डीटीसी विभाग के रोहिणी डिपो में मातम पसरा है। आज सुबह रोहिणी के डिपो-3 में मृत ड्राइवर प्रमोद के परिजन, दोनों बच्चे, रिश्तेदार और बड़ी संख्या में डीटीसी का स्टाफ जमा हो गया। लोगों ने कुछ देर के लिए बाहर निकल रोड भी जाम कर दी और समझाने पर डिपो में लौटे। उन्हें सांत्वना देने विधानसभा के नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता और मेयर प्रीति अग्रवाल पहुंचे थे। उन्होंने दिल्ली सरकार पर बेपरवाह होने का आरोप लगाया।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वह मामले को विधानसभा में उठाएंगे और पीड़ित परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजा व अश्रित परिजन को नौकरी देने की मांग करेंगे। वहीं, मेयर प्रीति ने कहा कि डीटीसी के ड्राइवर ड्यूटी के चलते दिन-रात की परवाह नहीं करते। हादसे के समय भी ब्रेकडाउन ड्यूटी कर रहे थे। हादसे के बाद सुबह तक दिल्ली सरकार की ओर से उनके परिजनों की सुध नहीं ली गई।

दूसरों को हादसे से बचाने के लिए खड़े थे, खुद शिकार हुए
प्रमोद की पत्नी उर्मिला ने कहा कि पति की मौत के बाद उनका और बच्चों का क्या होगा? डिपो पर उनके दोनों बच्चे भी साथ थे। उनकी उम्र 10 और 11 साल है। उर्मिला ने मुआवजे और नौकरी की मांग की। प्रमोद का घर लाडपुर गांव में है। डिपो में बड़ी संख्या में डीटीसी कर्मी जमा थे, जो प्रमोद के परिवार को सांत्वना दे रहे थे। कर्मियों का कहना था कि प्रमोद और सुनील उनके भाई जैसे थे, हमेशा ड्यूटी को समर्पित रहते थे, जिस समय हादसा हुआ, उस समय खराब बस के पीछे खड़े होकर ट्रैफिक डायवर्ट कर रहे थे, ताकि कोई अन्य वाहन चालक बस से टकरा न जाए, लेकिन वह खुद हादसे के शिकार हो गए।

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