Friday, August 11, 2017

डॉक्टरों को भी नहीं छोड़ रहा 'मिशीगन' वायरस

नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली सहित पूरे देश में बेमौसमी स्वाइन फ्लू की वजह मिशीगन स्ट्रेन वायरस है। यह स्वाइन फ्लू का ही एक प्रकार है। अब यही राजधानी में डॉक्टरों के लिए मुसीबत बन गया है। कुछ दिनों में एम्स और सफदरजंग के 4 सीनियर डॉक्टर इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इन्हें फ्लू पॉजिटिव आया है और इनमें से तीन का इलाज अस्पताल में ही चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, एक डॉक्टर ने कल सफदरजंग से छुट्टी करा ली है। वे अपने इलाज के लिए राजधानी के एक अन्य बड़े हॉस्पिटल पहुंचे हैं।

बता दें कि राजधानी में अब तक स्वाइन फ्लू से एक हजार से करीब लोग बीमार हो चुके हैं। दिल्ली के हर छोटे-बड़े अस्पताल में इस समय बुखार के मरीजों की खासी संख्या देखने को मिल रही है। स्वाइन फ्लू और फीवर वॉर्ड फुल हैं। ऐसे में डॉक्टरों को भी बीमारी ने शिकार बना लिया है। वैसे स्वाइन फ्लू से बचने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ का टीकाकरण किया जाता है, लेकिन जिन डॉक्टर्स को स्वाइन फ्लू हुआ है, उन्होंने टीका नहीं लगवाया था।

'हमारे बारे में कोई नहीं सोचता'
एम्स के एक सीनियर रेजिडेंट ने कहा, 'हम हर दिन स्वाइन फ्लू मरीजों का इलाज कर रहे हैं। एक-एक दिन में 200 से 250 पेशंट्स का ट्रीटमेंट किया जा रहा है, लेकिन कोई हमारी सुरक्षा के बारे में नहीं सोचता। अभी हमें स्वाइन फ्लू से बचने के लिए वैक्सीनेशन मिला ही नहीं है।'

'हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन'
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ़.डीके शर्मा ने कहा, 'हमारे पास वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक है। किसी डॉक्टर या स्टाफ मेंबर को हम जबर्दस्ती वैक्सीन नहीं दे सकते। यह सच है कि कुछ डॉक्टर्स को फ्लू होने की शिकायत मिली है, लेकिन इस बारे में हम जल्द नोटिफिकेशन जारी करने वाले हैं। ताकि हर कोई वैक्सीन लेने के लिए आगे आए।'

एक सप्ताह में 4 डॉक्टर बीमार
एम्स के दो सीनियर डॉक्टरों को स्वाइन फ्लू हुआ है। दोनों डॉक्टर इमर्जेंसी वॉर्ड में 4 अगस्त की रात तैनात थे। इसके बाद सुबह से इनकी तबियत बिगड़ने लगी थी। सैंपल की जांच कराई गए तो फ्लू पॉजिटिव आया। ठीक इसी तरह फीवर वॉर्ड में तैनात एक रेजिडेंट और एक जूनियर रेजिडेंट लेडी डॉक्टर को सफदरजंग में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव बताया गया है। इनमें से रेजिडेंट डॉक्टर ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में गुरुवार शाम ट्रीटमेंट शुरू करा लिया है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

डॉ़. जगदीश प्रसाद, डायरेक्टर जर्नल ऑफ हेल्थ, स्वास्थ्य मंत्रालय कहते हैं स्वाइन फ्लू ठंड में आता है, लेकिन अभी पूरे देश में हड़कंप-सा मचा है। यह सच है कि स्वाइन फ्लू मौसम ठंडा होने पर हावी होता है, लेकिन इस समय जो फ्लू देखने को मिल रहा है, यह मिशीगन स्ट्रेन वायरस है। इस वायरस की पहचान पिछले साल ही हमने कर ली थी। इस पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च स्टडी कर रहा है। जल्द इसकी वैक्सीन मार्केट में आएगी। यह स्ट्रेन वायरस अभी विदेशों में ही पाया जाता था।

क्या इससे मौत हो सकती है?
बिल्कुल, अगर मरीज को फीवर के अलावा अन्य कोई बीमारी भी है। अगर वह बुजुर्ग है, बच्चा या गर्भवती महिला है। मरीज को किडनी, हार्ट या डायबिटीज को लेकर कोई समस्या है, तो ऐसे लोगों में यह वायरस तेजी से नुकसान करता है। हालांकि स्वस्थ व्यक्ति को वायरस ज्यादा हानि नहीं पहुंचा पाता।

लोग कैसे बचाव करें?
सबसे पहले तो घर के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को नजदीकी अस्पताल में जाकर स्वाइन फ्लू का टीका लगवा लेना चाहिए। दिल्ली में केंद्र के सभी अस्पतालों में यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। टीकाकरण से इस वायरस को काफी हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है। फीवर होने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएं।

7 साल पहले स्वाइन फ्लू कुछ और था क्या?
बिल्कुल, 7 साल पहले जिस स्वाइन फ्लू की वजह से पूरे देश में हजारों लोगों की मौत हुई थी, उसमें कैलिफोर्निया स्ट्रेन और मिशीगन दोनों वायरस थे। वह काफी हावी था, लेकिन अभी सिर्फ मिशीगन स्ट्रेन वायरस देखने को मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह 8 देशों के लिए अडवाइजरी जारी की है, जिसमें इंडिया भी शामिल है। इन सभी देशों में मिशीगन स्ट्रेन वायरस पाया गया है।

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