नई दिल्ली
आतंकवादी संगठन अल कायदा के कथित आतंकी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल सेल ने उसे पकड़ा। वह नेपाल भागने की फिराक में था। उसका नाम रजा उल अहमद (25) है। इसकी तलाश पश्चिम बंगाल पुलिस को भी थी। फिलहाल उसे पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि रजा बांग्लादेश के अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) का सदस्य है। एबीटी, बांग्लादेश में अल कायदा की ब्रांच है। पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या वह 15 अगस्त या इसके आसपास दिल्ली में कोई आतंकी हमला करने की तैयारी में था। बताया जाता है कि इसका मुख्य उद्देश्य ही देश में तबाही मचाना था। बम धमाका करना और आर्थिक रूप से हिंदुस्तान को कमजोर करने का काम बांग्लादेश की इस यूनिट के जिम्मे है।
अहमद को भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए संभावनाएं तलाशने और इन्हें किस वक्त और कैसे अंजाम दिया जा सकता है इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साथ ही अहमद के जिम्मे में भारत में नकली भारतीय करंसी के फ्लो को अधिक से अधिक बढ़ाने का भी काम था। इसी के चलते पश्चिम बंगाल पुलिस को इसकी तलाश थी। इस मामले में दिल्ली की स्पेशल सेल को भी इसके बारे में भनक लगी और इसे पिछले सप्ताह पकड़ा गया।
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार अब्दुल्लाह मामले में भी इसकी अहम भूमिका रही थी। देवबंद का रहने वाला फैजान फरार है। उसकी गिरफ्तारी से कई और अहम सवालों के जवाब मिलेंगे। गिरफ्तार रजा हिंदी, इंग्लिश के साथ-साथ बांग्ला और अरबी भाषा की अच्छी जानकारी रखता है। वह मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है। करीब तीन साल पहले उसने आतंकवादी संगठन अल कायदा जॉइन किया था। धीरे-धीरे इसने संगठन में अपनी स्थिति मजबूत बनाई और इसके बाद उसे भारत में आतंकी साजिश को अंजाम देने की अहम जिम्मेदारी दी गई।
सूत्रों का कहना है कि इससे देश में दिल्ली समेत दूसरे हिस्सों में अल कायदा के स्लीपर सेल की जानकारी भी मिल सकती है। इस बारे में भी इससे जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, 25 साल का यह युवक देखने से एकदम सीधा-सादा लगता है, लेकिन इसका दिमाग बहुत शातिर है। पिछले दिनों इसने नकली नोटों की एक बड़ी खेप को बांग्लादेश से बॉर्डर पार कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इससे देश में ऐसे ठिकानों और एजेंटों के बारे में भी पता लग सकता है, जो यहां बड़ी तबाही मचाने की नापाक मंशा रखते हैं।
सूत्रों का कहना है कि इसकी गिरफ्तारी को स्पेशल सेल इसे बड़ी कामयाबी के रूप में देख रहा है। कई राज्यों की पुलिस इसके पीछे लगी थी। इससे केरल के कुछ युवकों के आईएस में शामिल होने के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। यह पता लगाने की भी कोशिश की जाएगी कि आईएस ने भारत में कहां-कहां तक अपनी पैठ बना ली है। सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। खासतौर से लाल किला और इसके आसपास। लाल किले की प्राचीर से ही प्रधानमंत्री अपना भाषण देते हैं। इस बात को देखते हुए की कहीं कोई आतंकवादी हमला न हो, स्पेशल सेल भी आईबी और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के साथ-साथ अपने स्तर पर भी आतंकवादियों की धर-पकड़ में लगी है।
आतंकवादी संगठन अल कायदा के कथित आतंकी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल सेल ने उसे पकड़ा। वह नेपाल भागने की फिराक में था। उसका नाम रजा उल अहमद (25) है। इसकी तलाश पश्चिम बंगाल पुलिस को भी थी। फिलहाल उसे पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि रजा बांग्लादेश के अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) का सदस्य है। एबीटी, बांग्लादेश में अल कायदा की ब्रांच है। पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या वह 15 अगस्त या इसके आसपास दिल्ली में कोई आतंकी हमला करने की तैयारी में था। बताया जाता है कि इसका मुख्य उद्देश्य ही देश में तबाही मचाना था। बम धमाका करना और आर्थिक रूप से हिंदुस्तान को कमजोर करने का काम बांग्लादेश की इस यूनिट के जिम्मे है।
अहमद को भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए संभावनाएं तलाशने और इन्हें किस वक्त और कैसे अंजाम दिया जा सकता है इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। साथ ही अहमद के जिम्मे में भारत में नकली भारतीय करंसी के फ्लो को अधिक से अधिक बढ़ाने का भी काम था। इसी के चलते पश्चिम बंगाल पुलिस को इसकी तलाश थी। इस मामले में दिल्ली की स्पेशल सेल को भी इसके बारे में भनक लगी और इसे पिछले सप्ताह पकड़ा गया।
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार अब्दुल्लाह मामले में भी इसकी अहम भूमिका रही थी। देवबंद का रहने वाला फैजान फरार है। उसकी गिरफ्तारी से कई और अहम सवालों के जवाब मिलेंगे। गिरफ्तार रजा हिंदी, इंग्लिश के साथ-साथ बांग्ला और अरबी भाषा की अच्छी जानकारी रखता है। वह मूल रूप से बांग्लादेश का रहने वाला है। करीब तीन साल पहले उसने आतंकवादी संगठन अल कायदा जॉइन किया था। धीरे-धीरे इसने संगठन में अपनी स्थिति मजबूत बनाई और इसके बाद उसे भारत में आतंकी साजिश को अंजाम देने की अहम जिम्मेदारी दी गई।
सूत्रों का कहना है कि इससे देश में दिल्ली समेत दूसरे हिस्सों में अल कायदा के स्लीपर सेल की जानकारी भी मिल सकती है। इस बारे में भी इससे जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, 25 साल का यह युवक देखने से एकदम सीधा-सादा लगता है, लेकिन इसका दिमाग बहुत शातिर है। पिछले दिनों इसने नकली नोटों की एक बड़ी खेप को बांग्लादेश से बॉर्डर पार कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इससे देश में ऐसे ठिकानों और एजेंटों के बारे में भी पता लग सकता है, जो यहां बड़ी तबाही मचाने की नापाक मंशा रखते हैं।
सूत्रों का कहना है कि इसकी गिरफ्तारी को स्पेशल सेल इसे बड़ी कामयाबी के रूप में देख रहा है। कई राज्यों की पुलिस इसके पीछे लगी थी। इससे केरल के कुछ युवकों के आईएस में शामिल होने के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। यह पता लगाने की भी कोशिश की जाएगी कि आईएस ने भारत में कहां-कहां तक अपनी पैठ बना ली है। सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। खासतौर से लाल किला और इसके आसपास। लाल किले की प्राचीर से ही प्रधानमंत्री अपना भाषण देते हैं। इस बात को देखते हुए की कहीं कोई आतंकवादी हमला न हो, स्पेशल सेल भी आईबी और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के साथ-साथ अपने स्तर पर भी आतंकवादियों की धर-पकड़ में लगी है।
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