Monday, August 7, 2017

'किडनैपिंग' ड्रामा: महिला से दरोगा ने बंधवाकर शुरू की जांच

राजशेखर झा, नई दिल्ली
पूर्वी दिल्ली के एक मॉल से किडनैप हुए बच्चे के बारे में जब पुलिस को सूचना मिली तब पुलिस ने सोचा नहीं होगा कि वह जिस केस को सुलझाने की इतनी कोशिश कर रही है, वह किडनैपिंग का मामला ही नहीं है। इस मामले का संबंध एक महिला और 4 साल की बच्ची से था। इनके परिवार की तलाश में एसआई मनिंदर सिंह की अगुवाई में 10 मेंबरों की टीम ने करीब आधे शहर की खाक छान ली थी।

24 घंटे की जांच के बाद महिला की शिनाख्त मधुबाला के रूप में हुई, जो उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद की रहने वाली है। पुलिस ने बताया कि महिला ऐमनीजा यानी भूलने की बीमारी से पीड़ित है। पुलिस के मुताबिक, महिला पहले बतौर फैशन डिज़ाइनर काम करती थी और उसकी शादी एक टीचर से हुई थी। महिला का दावा था कि वह बच्ची की मां है, लेकिन रविवार शाम तक पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर पाई थी। हालांकि, बाद में पता चला कि बच्ची उसी की बेटी है।

पूरा ड्रामा तब शुरू हुआ जब शनिवार शाम 7 बजे एक पीसीआर कॉल की गई। यह कॉल एक शख्स ने बच्चे के साथ एक महिला को इधर-उधर घूमते देख की की थी। इस कॉल के बाद पुलिस मॉल पहुंची और महिला से पूछताछ शुरू की गई। महिला अजीब सा बर्ताव कर रही थी और अपनी पहचान बता नहीं पा रही थी। इसके बाद पुलिस उसे थाने लेकर गई।

थाने में एक वक्त महिला चिल्लाने लगी और चीजें इधर-उधर फेंकने लगी। उसने बच्चे के साथ वहां से भागने की भी कोशिश की। हालांकि, बच्ची महिला को 'ममी' कह रही थी। महिला पुलिसकर्मियों और काउंसलरों को बुलाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एसएचओ मनिंदर सिंह वहां पहुंचे और महिला से शांत होने को कहा, वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। सिंह सने एक राखी दी और कहा कि वह उनके हाथ में बांधे। जब सिंह ने महिला को 'बहन' कहा तो वह शांत होकर एक जगह बैठ गई।

अब स्थिति नियंत्रण में थी। आधी रात को 12 बजे महिला ने पुलिस को कुछ अड्रेसेस दिए और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। तड़के 3 बजे पता चला कि कोई भी पता सही थीं था। इसके बाद महिला को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया और पुलिस जांच में जुटी रही। पुलिस को एक ऐसा रिपोर्ट मिली जहां एक परिवार ने मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि, वह दूसरा केस था। मैजिस्ट्रेट के सामने महिला की पेशी हुई और उसे आश्रय ग्रह ले जाया गया। इसके बाद पुलिस ने लोगों से अपील की कि आगे आएं और बताएं कि क्या कोई इन्हें पहचानता है।

पूरा मामला रविवार रात करीब 8 बजे सुलझा, जब गुमशुदगी के मामलों के बारे में पता लगाने के लिए टीमें एनसीआर भेजी गईं। साहिबाबाद में एक मिसिंग की शिकायत मिली और कन्फर्म करने के बाद महिला और बच्ची को परिवार को सौंप दिया गया।

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