Friday, August 4, 2017

बढ़ते रेप केस, दिल्ली पुलिस कराएगी स्टडी

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस खुद मान रही है कि दिल्ली में महिलाओं और युवतियों के साथ यौनाचार की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है। रेप जैसे घिनौने जुर्म को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस अब एक स्टडी कराने जा रही है। इस स्टडी में पुलिस मनोचिकित्सकों की मदद से न केवल रेप विक्टिम बल्कि रेप को अंजाम देने वाले आरोपियों और सजायाफ्ता कैदियों की मनोदशा जानने का प्रयास करेगी। पुलिस का मानना है कि इस स्टडी की मदद से तेजी से बदल रहे समाज की उस सोच का पता चल सकेगा, जिसकी वजह से रेप जैसे घिनौने अपराध बढ़ रहे हैं।

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ और विश्व स्तरीय मेट्रोपॉलिटन सिटी भी है। दिल्ली आर्थिक और जनसंख्या के हिसाब से विकास कर रही है, लेकिन इसके साथ ही यहां रेप के केस भी बढ़ते जा रहे हैं। यौन उत्पीड़न के चलते महिलाओं और लड़कियां शारीरिक और मानसिक विकार से ग्रस्त हो रही हैं और कुछ ऐसी भी हैं, जो मौत के मुंह में चली जाती हैं।

दिल्ली पुलिस भी आए दिन इन वारदातों की वजह से घिरी रहती है। इन सबकी वजह से पुलिस ने अब यह फैसला लिया है कि इस अपराध को मनोविज्ञान की मदद से रोका जाए। पुलिस ने तय किया है कि दिल्ली भर में 'सोशियॉलजिकल स्टडी ऑफ कॉज ऑफ रेप ऐंड साइको एनालिसिस ऑफ द अक्युस्ड इन रेप केसिस' के तहत रेप के पीछे समाजिक कारण और जुर्म के वक्त आरोपी की मनोदशा पता लगाने के लिए एक स्टडी कराई जाए। इसके लिए पुलिस किसी एनजीओ या फिर मनोचिकित्सा से जुड़ी किसी एजेंसी की मदद लेगी।

किस तरह से कराई जाएगी स्टडी

फिलहाल यह स्टडी 3 महीने के लिए कराई जाएगी। इस दौरान स्टडी करने वाली एजेंसी विक्टिम, आरोपी और पुलिस अधिकारियों से सवाल जवाब करेगी। सवाल-जवाब के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि रेप का ट्रेंड क्या है? किन हालातों में रेप किया गया? किस इलाके में रेप की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं? विक्टिम की मनोदशा क्या रही? उस पर और उसके परिजनों पर इसका क्या प्रभाव पड़ा। इतना ही नहीं जिस इलाके में रेप की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, वहां के लोगों से भी बातचीत कर वहां के माहौल का जायजा लिया जाएगा।

मनोचिकित्सक से लेंगे सलाह

मनोचिकित्सक इस बात का पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आरोपी का बर्ताव किस तरह का है। इस अपराध को करने के बाद उसका अनुभव क्या है, मसलन उसे कोई पछतावा है या नहीं। उसकी काउंसलिंग भी की जाएगी। सर्वे पर आधारित इस स्टडी में खास हिदायत यह भी होगी कि सर्वे का सैंपल साइज 400 से 1200 लोगों का होना चाहिए। मतलब जिस भी इलाके में रेप के केस ज्यादा हो रहे हैं वहां की कुल आबादी में से कम से कम 1200 लोगों से बातचीत की जाएगी।

एजेंसी कम से कम 100 आरोपियों या सजायाफताओं से बातचीत करेगी और उनका साइकोएनालिसिस टेस्ट कराएगी। इस स्टडी के आधार पर पुलिस उन इलाकों को चिन्हित करेगी जहां रेप के केस सबसे ज्यादा हैं और फिर उसके पीछे के कारणों को समाजिक दृष्टिकोण से दूर करने का प्रयास करेगी।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: बढ़ते रेप केस, दिल्ली पुलिस कराएगी स्टडी