Tuesday, August 1, 2017

सुनंदा केस में देरी पर हाई कोर्ट ने उठाया सवाल

नई दिल्ली
सुनंदा पुष्कर की मौत की छानबीन और इसके कारण का पता लगाने में हुई देरी के बारे में हाई कोर्ट ने पुलिस से सवाल किए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने 2015 में इस मामले में सबूत इकट्ठा किए थे, लेकिन अभी तक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के बारे में नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है। अदालत ने कहा कि साक्ष्यों को दो साल पहले इकट्ठा किया गया, लेकिन अभी तक मामले में आखिरी मुकाम तक पहुंचा नहीं जा सका है। इस केस में अंतिम परिणाम नहीं मिल पाया है, ऐसा क्यों?

अदालत ने कहा कि साल 2014 में किसी की मौत होती है। पहले उसे पुलिस आत्महत्या बताती है, लेकिन मामला बाद में हत्या का बन जाता है। मगर, अब तक पुलिस आखिरी मुकाम तक नहीं पहुंच पाई है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कांग्रेस के नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सीबीआई की अगुवाई में स्पेशल टीम द्वारा जांच की गुहार लगाई है। इसी अर्जी पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की है।

स्वामी की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि छानबीन में देरी की गई है। इस मामले में कोर्ट की मॉनिटरिंग में छानबीन होनी चाहिए और एसआईटी का गठन होना चाहिए। सीबीआई की अगुवाई में टीम का गठन किया जाए और इसमें आईबी, ईडी, रॉ और दिल्ली पुलिस के अधिकारी हों। 17 जनवरी 2014 की रात में दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में सुनंदा पुष्कर मृत पाई गई थीं। याचिका में कहा गया है कि छानबीन काफी धीमी गति से हुई है।

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