विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा में पुरानी दिल्ली की हेरिटेज (विरासत) इमारतों की बदहाली का मामला उठा है। कहा गया है कि कई इमारतें नशे के अड्डों में तब्दील हो चुकी हैं। सदन में कहा गया कि इन इमारतों के रखरखाव की जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों पर हैं, इसलिए भी उन्हें संवारने को लेकर समस्या आ रही है। सदन में गालिब की हवेली के हालात पर भी चिंता जताई गई।
विधानसभा के चल रहे सेशन में सत्ता पक्ष की सदस्य व चांदनी चौक की विधायक अलका लांबा ने इस मसले को उठाया। उन्होंने कहा कि पुरानी दिल्ली इलाके में अनेक हेरिटेज इमारतें हैं, इनमें एक-दो विश्व विरासत का दर्जा भी हासिल है। उन्होंने कहा कि इन अधिकतर इमारतों में अवैध निर्माण हो रहे हैं या वहां पर अतिक्रमण कर लिया गया है। इतना ही नहीं, कई इमारत तो नशेड़ियों के अड्डे बन चुके हैं, जिससे इनका पुराना रूप नष्ट हो रहा है। उनहोंने बल्लीमारान स्थित गालिब की हवेली की भी जानकारी दी और कहा कि उचित रखरखाव के अभाव में उसके हालात बिगड़ रहे हैं, जबकि इस हवेली को देखने के लिए देश और विदेश के टूरिस्ट लगातार आते हैं। ऐसे में इसका गौरव बरकरार रखना जरूरी है।
उन्होंने यह भी बताया कि पुरानी दिल्ली के कुदसिया गार्डन में तीन हेरिटेज इमारते हैं। इनमें कुदसिया महल सबसे अधिक बुरी हालात में है। रखरखाव के अभाव में वह लगातार जर्जर हो रहा है। अब पता चला है कि उसकी सुधि लेने का प्रयास शुरू हो चुका है। अलका लांबा का कहना था कि इन इमारतों के रखरखाव की जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों के पास है, जिस कारण परेशानियां ज्यादा आ रही हैं। किसी इमारत को एएसआई देखती है, किसी का रखरखाव उसका दिल्ली सर्कल देखता है तो किसी के सुधार की जिम्मेदारी आर्ट एंड कल्चर विभाग के पास है। जनप्रतिनिधियों की समस्या यह है कि इन इमारतों के रखरखाव के लिए उन्हें इन विभागों में चक्कर लगाने पड़ते हैं। विधायक के अनुसार इन इमारतों को देखने लगातार देशी-विदेशी टूरिस्ट आते हैं, लिहाजा इनके सौंदर्यीकरण पर सरकार को खास ध्यान देना चाहिए।
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