नई दिल्ली
तीस हजारी अदालत ने सड़क और सीवरों का कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित अनियमितताओं में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ शिकायत पर ऐंटी करप्शन ब्रांच को 1 सितंबर तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है। स्पेशल जज पूनम चौधरी ने एसीबी से मामले में शिकायतकर्ता राहुल शर्मा और उनके परिवार की जान को खतरे से जुड़ी आशंका के मुद्दे पर भी रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच एजेंसी से इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया। जवाब में जांच अधिकारी ने कहा कि धमकी के मुद्दे से जुड़ी एक रिपोर्ट पहले से ही अदालत के रिकॉर्ड में मौजूद है और उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक ऐसा कोई खतरा नहीं है।
इसपर अदालत ने सवाल उठाया कि दूसरी अदालतों में दायर रिपोर्ट पर यह कोर्ट भरोसा कर सकती है? शिकायतकर्ता जान को खतरा होने की बात कह रहा है, जांच एजेंसी इसकी रिपोर्ट दे। शर्मा की ओर से पेश सीनियर ऐडवोकेट अजय बर्मन ने कहा कि मामले में आरोपी सुरेंद्र बंसल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है और शिकायतकर्ता, जो एक एनजीओ चलाता है, की जान को खतरा बना हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिपोर्ट को एसीबी अपने पास दबा कर बैठी है, जबकि उसे वह रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी चाहिए।
रोड्स ऐंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन (RACO) के फाउंडर शर्मा ने मामले में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सड़कों और सीवर लाइनों से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित अनियमितताओं के आरोप में केजरीवाल, उनके साढ़ू सुरेद्र बंसल और एक पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की है। शिकायत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि इस प्रॉजेक्ट के लिए वास्तविकता में कोई मटीरियल नहीं खरीदा गया।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सामान की खरीद के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए गए, जिससे सरकारी खजाने को करीब 10 करोड़ का नुकसान पहुंचा। शर्मा का दावा है कि कंस्ट्रक्शन फर्म के मालिक बंसल ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए कई डमी फर्म तैयार कीं। कॉन्ट्रैक्ट पर कभी कोई काम नहीं हुआ और केजरीवाल के दबाव में सारी पेमेंट क्लियर कर दी गईं।
तीस हजारी अदालत ने सड़क और सीवरों का कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित अनियमितताओं में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ शिकायत पर ऐंटी करप्शन ब्रांच को 1 सितंबर तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया है। स्पेशल जज पूनम चौधरी ने एसीबी से मामले में शिकायतकर्ता राहुल शर्मा और उनके परिवार की जान को खतरे से जुड़ी आशंका के मुद्दे पर भी रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच एजेंसी से इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया। जवाब में जांच अधिकारी ने कहा कि धमकी के मुद्दे से जुड़ी एक रिपोर्ट पहले से ही अदालत के रिकॉर्ड में मौजूद है और उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक ऐसा कोई खतरा नहीं है।
इसपर अदालत ने सवाल उठाया कि दूसरी अदालतों में दायर रिपोर्ट पर यह कोर्ट भरोसा कर सकती है? शिकायतकर्ता जान को खतरा होने की बात कह रहा है, जांच एजेंसी इसकी रिपोर्ट दे। शर्मा की ओर से पेश सीनियर ऐडवोकेट अजय बर्मन ने कहा कि मामले में आरोपी सुरेंद्र बंसल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है और शिकायतकर्ता, जो एक एनजीओ चलाता है, की जान को खतरा बना हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिपोर्ट को एसीबी अपने पास दबा कर बैठी है, जबकि उसे वह रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी चाहिए।
रोड्स ऐंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन (RACO) के फाउंडर शर्मा ने मामले में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सड़कों और सीवर लाइनों से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित अनियमितताओं के आरोप में केजरीवाल, उनके साढ़ू सुरेद्र बंसल और एक पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की है। शिकायत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि इस प्रॉजेक्ट के लिए वास्तविकता में कोई मटीरियल नहीं खरीदा गया।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सामान की खरीद के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए गए, जिससे सरकारी खजाने को करीब 10 करोड़ का नुकसान पहुंचा। शर्मा का दावा है कि कंस्ट्रक्शन फर्म के मालिक बंसल ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए कई डमी फर्म तैयार कीं। कॉन्ट्रैक्ट पर कभी कोई काम नहीं हुआ और केजरीवाल के दबाव में सारी पेमेंट क्लियर कर दी गईं।
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