Saturday, July 29, 2017

फांसी के इंतजार में ऐसे रह रहे निर्भया के रेपिस्ट

नई दिल्ली
16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के सबसे सुरक्षित वॉर्ड में रखा गया है। इन चारों को तीन अलग-अलग सेल में रखा गया है। इनमें से एक विनय शर्मा की हाल ही में जेल बदल दी गई है। विनय को पहले जेल नंबर-4 में रखा गया था। वहां एक बार उसने दीवार से अपना सिर फोड़ने की कोशिश की थी। इसके बाद उसे जेल नंबर-7 में शिफ्ट कर दिया गया था। अब विनय को जेल नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया है।

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि चारों के खाने-पीने का पूरा ख्याल रखा जाता है। उन पर दिन-रात निगरानी भी रखी जाती है, क्योंकि इनके गुनाह ने पूरे देश में एक भूचाल ला दिया था। इस कारण उन्हें दूसरे कैदियों से अलग रखा जाता है। मई में इन चारों की सुप्रीम कोर्ट ने भी मौत की सजा बरकरार रखी थी। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इस तरह के खतरनाक कैदियों पर सर्विलांस बढ़ा दिया जाए। यह दो नजरिए से जरूरी हो जाता है। पहला कि कहीं वे फांसी देने से पहले सूइसाइड न कर लें। दूसरा, कहीं जेल से भाग न जाएं।

चारों दोषियों पर सातों दिन 24 घंटे पैनी निगाह रखी जाती है। इन पर तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (टीएसपी) के जवानों की नजर रहती है। वे न तो इनकी भाषा समझते हैं और न ही चारों उनकी भाषा समझते हैं। ऐसे में टीएसपी भी अपना काम पूरी ईमानदारी से कर पाती है और यह भी टीएसपी के किसी जवान को किसी तरह का लालच देकर कुछ चीजों को अपने फेवर में करने की कोशिश नहीं कर पाते हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि निर्भया गैंग रेप के 6 दोषियों में से एक राम सिंह ने तो तिहाड़ जेल में ही कथित तौर पर फांसी लगा ली थी। इनमें से एक नाबालिग है। बाकी बचे चारों अब जेल नंबर-4 में हैं।

इनमें मुकेश और अक्षय ठाकुर को एक सेल में, जबकि पवन गुप्ता और विनय शर्मा को दो अलग-अलग सेल में बंद किया गया है। तिहाड़ जेल के वॉर्डरों की निगरानी के अलावा सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जाती है। जेल प्रशासन का कहना है कि चारों समय से जागते हैं और समय से सोते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद अब वे एकदम शांत हो गए हैं। पहले इनमें से एक-दो जेल नियमों को कभी-कभी तोड़ते थे, लेकिन अब जेल प्रशासन जैसा इनसे कहता है वे वैसा ही करते हैं।

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