नई दिल्ली
पुलिस ने लग्जरी कारें दूतावास में लगवाने का झांसा देकर उसे बेचने वाले एक जालसाज को अरेस्ट किया है। आरोपी की पहचान अजय डबास (26) के रूप में हुई। पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपी मशहूर ठग नटवरलाल से बहुत प्रभावित था। दिल्ली के अलावा वह मुंबई और हरियाणा में भी वॉन्टेड था। दरअसल, वह मरम्मत के नाम पर कार लेकर उसके जाली कागजात तैयार करता था और फिर बेच देता था।
अडिशनल डीसीपी नंद किशोर मीणा ने बताया कि विजेंद्र कुमार त्यागी नामक शख्स ने प्रीत विहार थाने में कंप्लेंट दर्ज कराई थी कि उन्होंने अपनी फॉर्चुनर कार बेचने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट पर विज्ञापन डाला था। विज्ञापन को देखकर अजय डबास नामक शख्स ने उनसे संपर्क किया। अजय ने उनसे कहा कि वह उनकी कार दूतावास में रेंट पर लगाकर उन्हें हर महीने 50,000 रुपये तक दिलवा सकता है। वह उसकी बातों में आकर कार रेंट पर लगवाने के लिए तैयार हो गए। दूतावास में लगवाने से पहले उसने कार की जरूरी मरम्मत करवाने की बात कही। मरम्मत कराने के लिए अपनी कार आरोपी को सौंप दी। इसके बाद वह कार लेकर फरार हो गया। पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया।
आरोपी की धरपकड़ के लिए प्रीत विहार थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर मनिंदर सिंह की देखरेख में पुलिस की एक टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने जब आरोपी के मोबाइल नंबर्स की जांच की तो उसके सभी फोन स्विच ऑफ मिले।
जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी वसंत कुंज स्थित होटल में रूम बुक कराकर रह रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने होटल पर दबिश देकर आरोपी को अरेस्ट कर लिया। तफ्तीश में इस बात का खुलासा हुआ कि पीड़ित से कार लेने के बाद उसने तैयब नामक शख्स से दो लाख रुपये में सौदा किया था। वह उन्हें बगैर कार दिए उनसे दो लाख रुपये की नकदी लेकर भाग गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह ऑडी और फॉर्चुनर जैसी गाड़ियों को ही अपना निशाना बनाता था।
पुलिस ने लग्जरी कारें दूतावास में लगवाने का झांसा देकर उसे बेचने वाले एक जालसाज को अरेस्ट किया है। आरोपी की पहचान अजय डबास (26) के रूप में हुई। पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपी मशहूर ठग नटवरलाल से बहुत प्रभावित था। दिल्ली के अलावा वह मुंबई और हरियाणा में भी वॉन्टेड था। दरअसल, वह मरम्मत के नाम पर कार लेकर उसके जाली कागजात तैयार करता था और फिर बेच देता था।
अडिशनल डीसीपी नंद किशोर मीणा ने बताया कि विजेंद्र कुमार त्यागी नामक शख्स ने प्रीत विहार थाने में कंप्लेंट दर्ज कराई थी कि उन्होंने अपनी फॉर्चुनर कार बेचने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट पर विज्ञापन डाला था। विज्ञापन को देखकर अजय डबास नामक शख्स ने उनसे संपर्क किया। अजय ने उनसे कहा कि वह उनकी कार दूतावास में रेंट पर लगाकर उन्हें हर महीने 50,000 रुपये तक दिलवा सकता है। वह उसकी बातों में आकर कार रेंट पर लगवाने के लिए तैयार हो गए। दूतावास में लगवाने से पहले उसने कार की जरूरी मरम्मत करवाने की बात कही। मरम्मत कराने के लिए अपनी कार आरोपी को सौंप दी। इसके बाद वह कार लेकर फरार हो गया। पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया।
आरोपी की धरपकड़ के लिए प्रीत विहार थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर मनिंदर सिंह की देखरेख में पुलिस की एक टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने जब आरोपी के मोबाइल नंबर्स की जांच की तो उसके सभी फोन स्विच ऑफ मिले।
जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी वसंत कुंज स्थित होटल में रूम बुक कराकर रह रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने होटल पर दबिश देकर आरोपी को अरेस्ट कर लिया। तफ्तीश में इस बात का खुलासा हुआ कि पीड़ित से कार लेने के बाद उसने तैयब नामक शख्स से दो लाख रुपये में सौदा किया था। वह उन्हें बगैर कार दिए उनसे दो लाख रुपये की नकदी लेकर भाग गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह ऑडी और फॉर्चुनर जैसी गाड़ियों को ही अपना निशाना बनाता था।
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