नई दिल्ली
अदालत ने दो लोगों को रेप के आरोप से बरी करते हुए कहा कि महिला ने दोनों में से किसी एक पर शादी का दबाव बनाने के लिए केस दर्ज कराया।
अडिशनल सेशन जज गौतम मनन ने दोनों आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि 21 साल की शिकायतकर्ता की गवाही को देखें तो इन दोनों को रेप, बंधक बनाकर रखने के मकसद से अगवा करने, जहर देकर चोट पहुंचाने और गलत ढंग से बंधक बनाकर रखने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
अदालत ने कहा कि महिला के बयान से साफ है कि न ही उसका कार में अपहरण हुआ, न उसे जबरदस्ती शराब पिलाई गई और न कभी आरोपियों ने उसका रेप किया। शिकायतकर्ता को उसकी एक दोस्त ने गलत सलाह देते हुए दोनों आरोपियों में से किसी एक को शादी के लिए मजबूर करने के लिए ऐसा बयान देने के लिए कहा।
अभियोजन के मुताबिक, पिछले साल महिला की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसमें महिला ने आरोप लगाया कि 21 दिसंबर, 2016 को कथित आरोपियों ने गुड़गांव में एक बस स्टैंड पर उसे नशा देकर बेहोश कर दिया और एक फ्लैट में ले गए।
वहां उन्होंने कथित रूप से जबरन उसे शराब पिलाई और उसका रेप किया। महिला ने अदालत के सामने गवाही देते हुए कहा कि घटना वाले दिन उसने अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए और बाद में अपनी दोस्त के कहने पर उन दोनों में से किसी एक को शादी के लिए मजबूर करने के मकसद से झूठा बयान दिया।
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