नई दिल्ली
इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन ने दिल्ली के जिन 14 सड़कों पर लगे रोड साइनेज की स्टडी उसमें यह बात सामने आई है कि गलत रोड साइनेज के चलते लोगों की जानें गईं और उन्हें अपनी जेब से हजारों करोड़ रुपये भरना पड़ा। घायल लोगों के इलाज पर एक साल के दौरान 1050 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। हादसे में 144 बच्चों की जान गई।
सरकारी रेकॉर्ड के मुताबिक, ज्यादातर हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई। साल 2015 में रोड एक्सिडेंट में जितने भी लोगों की मौत हुई, उनमें से 50 प्रतिशत शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई। 42 प्रतिशत हादसे ड्राइवरों की गलती से हुई।
जेनेवा की संस्था इंटरनैशनल रोड फेडरेशन के चेयरमैन के. के. कपिला के अनुसार, दोषपूर्ण रोड साइनेज के चलते न केवल लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, बल्कि हादसे में घायल लोगों के इलाज पर 1050 करोड़ रुपये खर्च हुए।
उनका कहना है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में एक साल में 1622 लोगों की रोड एक्सिडेंट में मौत हुई। इनमें से 50 प्रतिशत मौतें शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुईं। 42 प्रतिशत हादसे ड्राइवरों की गलती से हुए। रोड साइनेज गलत होने से एक व्यक्ति की मौत इस साल हुई। लेकिन, ये आंकड़े कहीं से भी तथ्यात्मक नहीं लगते।
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