विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
तीनों निगमों में कांग्रेस की हुई हार के बावजूद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन मजबूत नजर आ रहे हैं। हाईकमान ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें अपने तरीके से संगठन चलाने का अधिकार दे दिया है। इस निर्णय से माकन विरोधी खेमा सन्न है। कांग्रेस संगठन में नई पारी खेलने को तैयार हैं अजय माकन।
राजधानी में पिछले कुछ माह में जो राजनैतिक समीकरण बने और बिगड़े थे और राजौरी गार्डन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा था, उससे लगने लगा था कि निगम चुनावों में मुख्य टक्कर बीजेपी और कांग्रेस में होगी। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर आ गई और आम आदमी पार्टी को दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। वैसे बीजेपी की इस चुनाव में धमाकेदार जीत हुई और बाकी दोनों पार्टियों को उस तरह से सफलता नहीं मिली, जैसा वह मानकर चल रही थीं, लेकिन कांग्रेस के लिए एक लाभ की बात यह रही कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 9 था, वह एमसीडी चुनाव में बढ़कर 22 प्रतिशत हो गया है।
कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ने के बावजूद हार का जिम्मा लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसका कारण यह था कि पार्टी की हार तो हुई ही थी, उनके खिलाफ पार्टी में ही कई बड़े-छोटे नेता लामबंदी करने लगे थे। आरोप यह भी है कि यही नेता अगर निगम चुनाव के दौरान इस्तीफा नहीं देते या मन से प्रचार करते तो कांग्रेस को इस तरह से हार का सामना नहीं करना पड़ता। विरोधियों के आरोपों से बचने के लिए माकन ने इस्तीफा तो दिया लेकिन हाईकमान ने उन पर विश्वास बनाए रखा और उन्हें तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा वापस लेने का आदेश दिया।
बताते हैं कि इस्तीफे को लेकर माकन ने मंगलवार को पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने ही इस्तीफा नामंजूर कर दिया। माकन का कहना है कि हाईकमान की ओर से उन्हें दिल्ली में कांग्रेस को मजबूत करने को कहा गया है, जिसकी वह आज से ही शुरुआत करने जा रहे हैं। आज दोपहर को उन्होंने एमसीडी चुनाव जीते और लड़ने वाले उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी की आगे की रणनीति तय की जाएगी। माकन के अनुसार एमसीडी चुनाव में हार के बावजूद दिल्ली के लोगों में कांग्रेस के प्रति विश्वास बढ़ा है। अब हमें इस विश्वास को और मजबूत करना है। यह पूछे जाने पर कि वह फिर से नई पारी शुरू करने जा रहे हैं, उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा जताया है, इसलिए वह कोई ढील नहीं देने वाले। वह लगातार पार्टी को मजबूत करने की कवायद करते रहेंगे। माना जा रहा है कि माकन पार्टी विरोधियों के खिलाफ भी जल्द ऐक्शन लेंगे।
तीनों निगमों में कांग्रेस की हुई हार के बावजूद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन मजबूत नजर आ रहे हैं। हाईकमान ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें अपने तरीके से संगठन चलाने का अधिकार दे दिया है। इस निर्णय से माकन विरोधी खेमा सन्न है। कांग्रेस संगठन में नई पारी खेलने को तैयार हैं अजय माकन।
राजधानी में पिछले कुछ माह में जो राजनैतिक समीकरण बने और बिगड़े थे और राजौरी गार्डन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा था, उससे लगने लगा था कि निगम चुनावों में मुख्य टक्कर बीजेपी और कांग्रेस में होगी। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर आ गई और आम आदमी पार्टी को दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। वैसे बीजेपी की इस चुनाव में धमाकेदार जीत हुई और बाकी दोनों पार्टियों को उस तरह से सफलता नहीं मिली, जैसा वह मानकर चल रही थीं, लेकिन कांग्रेस के लिए एक लाभ की बात यह रही कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 9 था, वह एमसीडी चुनाव में बढ़कर 22 प्रतिशत हो गया है।
कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ने के बावजूद हार का जिम्मा लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसका कारण यह था कि पार्टी की हार तो हुई ही थी, उनके खिलाफ पार्टी में ही कई बड़े-छोटे नेता लामबंदी करने लगे थे। आरोप यह भी है कि यही नेता अगर निगम चुनाव के दौरान इस्तीफा नहीं देते या मन से प्रचार करते तो कांग्रेस को इस तरह से हार का सामना नहीं करना पड़ता। विरोधियों के आरोपों से बचने के लिए माकन ने इस्तीफा तो दिया लेकिन हाईकमान ने उन पर विश्वास बनाए रखा और उन्हें तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा वापस लेने का आदेश दिया।
बताते हैं कि इस्तीफे को लेकर माकन ने मंगलवार को पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने ही इस्तीफा नामंजूर कर दिया। माकन का कहना है कि हाईकमान की ओर से उन्हें दिल्ली में कांग्रेस को मजबूत करने को कहा गया है, जिसकी वह आज से ही शुरुआत करने जा रहे हैं। आज दोपहर को उन्होंने एमसीडी चुनाव जीते और लड़ने वाले उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी की आगे की रणनीति तय की जाएगी। माकन के अनुसार एमसीडी चुनाव में हार के बावजूद दिल्ली के लोगों में कांग्रेस के प्रति विश्वास बढ़ा है। अब हमें इस विश्वास को और मजबूत करना है। यह पूछे जाने पर कि वह फिर से नई पारी शुरू करने जा रहे हैं, उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा जताया है, इसलिए वह कोई ढील नहीं देने वाले। वह लगातार पार्टी को मजबूत करने की कवायद करते रहेंगे। माना जा रहा है कि माकन पार्टी विरोधियों के खिलाफ भी जल्द ऐक्शन लेंगे।
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