Friday, May 5, 2017

निर्भयाः और भी कई बार दिल्ली हुई शर्मसार

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इसके बाद निर्भया के मां-बाप के चेहरे पर संतुष्टि का भाव दिखा। पूरे देश में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की प्रशंसा हो रही है। राजधानी में ऐसी दरिंदगी से कानून व्यवस्था पर सवाल उठता है। यह अकेली ऐसी घटना नहीं है। ऐसी अनेक घटनाएं घटी हैंं। आइये जानते हैं कब-कब दिल्ली पर लगा 'दाग'-

धौला कुआं गैंगरेप
नवंबर 2010 में धौला कुंआ गैंगरेप केस ऐसा था जिसने पूरी दिल्ली के रोंगटे खड़े कर दिए। 24 नवंबर 2010 में नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली एक बीपीओ एग्जिक्यूटिव को 5 लोग धौलाकुआं से अगवा कर कार में मंगोलपुरी ले गए और वहां उसके साथ गैंगरेप किया। हादसे के बाद ही पीड़िता दिल्ली छोड़कर अपने प्रदेश वापस लौट गईं। आरोपियों के खिलाफ रेप और अगवा करने के आरोप में करीब चार साल मुकदमा चला। ट्रायल कोर्ट ने 20 अक्टूबर 2014 को पांचों को उम्रकैद की अधिकतम सजा दी।

'ऊबर' रेप कांड
2014 में 'उबर' रेप कांड से भी दिल्ली शर्मसार हुई। गुड़गांव की एक फाइनैंस कंपनी में काम करने वाली एक 25 साल की युवती के साथ 5 दिसंबर, 2014 की रात उबर कंपनी के लिए कैब चलाने वाले टैक्सी ड्राइवर शिव कुमार यादव ने रेप को अंजाम दिया। घटना उस वक्त हुई जब पीड़िता रात में उबर की टैक्सी में बैठकर वसंत विहार से नॉर्थ दिल्ली के इंद्रलोक स्थित अपने घर लौट रही थी। पुलिस ने 7 दिसंबर को कैब ड्राइवर को मथुरा से गिरफ्तार किया। अदालत ने 20 अक्टूबर 2015 को ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस उबर कैब के ड्राइवर शिवकुमार यादव को 25 साल की महिला एग्जीक्यूटिव के साथ रेप का दोषी करार देते हुए 4 नवंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई।

विदेशी महिला से गैंगरेप
जनवरी 2014 में 53 साल की विदेशी डैनिश महिला से गैंगरेप की घटना थी। इस मामले में भी ट्रायल कोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है। डेनमार्क से महिला 1 जनवरी 2014 को यहां आई थीं। देशभर में घूमने के बाद वह 13 जनवरी को दिल्ली लौटीं और यहां पहाड़गंज के एक होटल में ठहर गईं। अगले दिन वह कनॉट प्लेस में एक म्यूजियम घूमने के बाद अपने होटल लौट रही थीं। उसी समय 9 आरोपियों ने उन्हें पकड़ लिया और सुनसान जगह पर ले जाकर उनके साथ गैंगरेप और लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया। अदालत ने 6 जून, 2016 को 5 को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई बाकी 3 आरोपी नाबालिग हैं जिनके खिलाफ जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड में इंक्वायरी चल रही है।

गुड़िया को भी इंसाफ का इंतजार
निर्भया केस के लगभग चार महीने बाद दिल्ली में एक और गैंगरेप की घटना ने सबको शर्मशार कर दिया था। 5 साल की गुड़िया के साथ दो लोगों ने गैंगरेप किया था। इलाज के दौरान बच्ची के प्राइवेट पार्ट से कैंडल और बॉटल के टुकड़े तक मिले थे। निर्भया की तरह ही गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली की जनता सड़कों पर उतरी थी। लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी मामला लोटर कोर्ट में पेंडिग है।

निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए गुड़िया के चाचा संतोष ने कहा कि इस फैसले से ऐसे लोगों में डर बैठेगा, रेप जैसे घिनौने अपराध करने से डरेंगे। लेकिन साथ ही उन्होंने गुड़िया के केस में अभी तक ढीली रही सुनवाई की निंदा भी की। एनबीटी से खास बातचीत में संतोष ने कहा कि दोनों आरोपी जेल में है। उसमें से एक अपने को जूवेनाइल बता रहा है। दो साल से इस पर ही सुनवाई हो रही है। जब लोअर कोर्ट में इतनी देरी हो रही है तो अंतिम फैसला आने में ना जाने कितना वक्त लगेगा।

उन्होंने कहा, ' बच्ची की उम्र बढ़ रही है, हम चाहते थे कि जल्द से जल्द इस केस का फैसला आ जाए ताकि उसे कुछ पता नहीं चले। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों मनोज शाह और प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया था जिनके खिलाफ अपहरण, हत्या की कोशिश, सबूत नष्ट करने और गलत ढंग से बंधक बनाकर रखने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए। इन्हें पोक्सो कानून के तहत भी आरोपी माना गया।

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