Wednesday, May 31, 2017

ईस्ट एमसीडी की डेंगी मामले में जबर्दस्त खिंचाई

नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने सिविल एजेंसी की इस बात को लेकर खिंचाई की है कि वह राजधानी की सड़कों से कूड़ा हटाने में फेल हो रही है। अदालत ने डेंगी और चिकनगुनिया रोकने के लिए तमाम आदेश पारित किए हैं। अदालत ने कहा कि अगर अदालत के निर्देश का पालन नहीं हुआ तो कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के लिए तैयार रहना होगा। हाई कोर्ट की ऐक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया है कि राजधानी की सड़कों से कूड़ा नहीं हटाया गया है। अदालत ने कहा है कि आपने हलफनामे में कहा है कि आपने राजधानी के तमाम एरिया को साफ कर दिया है। जबकि मीडिया रिपोर्ट कह रही है कि चार दिनों से कूड़ा नहीं हटाया गया है।

हाई कोर्ट ने कहा है कि मामला बेहद गंभीर है। डेंगी और चिकनगुनिया के मामले में ईस्ट एमसीडी ने जो भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है वह पूरी तरह से उलट है। ये कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की तरह है। आप (ईस्ट एमसीडी) गलत ऐफिडेविट फाइल नहीं कर सकते। आपके अपनी जिम्मेदारी से भागने के कारण आम लोग परेशान नहीं हो सकते। ईस्ट एमसीडी के जूरिडिक्शन में कूड़ा को लेकर चैनल में न्यूज दिखाया गया है और हलफनामा कुछ और कह रहा है।

कोर्ट रूम में प्रॉजेक्टर द्वारा प्रोग्राम को प्ले किया गया और उसमें तमाम मुद्दे दिखाए गए। ईस्ट एमसीडी के कर्मियों की सैलरी के पेमेंट न होने का मामला, ड्रेनेज सफाई के लिए जूते आदि की कमी और अन्य उपकरणों की कमी को भी उजागर किया गया है। अदालत ने दिल्ली सरकार के अर्बन डेवलपमेंट सेक्रटरी, सिविल बॉडी के कमिश्नर से कहा है कि वह विडियो प्रोग्राम देखें। अदालत ने चैनल टीम से कहा है कि वह जहां भी कूड़ा आदि है उसे रैंडम इंस्पेक्शन करें और 2 जून को रिपोर्ट पेश करें।

अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि दिल्ली सरकार और सिविल एजेंसी चिकनगुनिया और डेंगी रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए हैं। वहीं दिल्ली सरकार और सिविल बॉडी ने कोर्ट को बताया था कि मच्छर जनित इन बीमारियों को रोकने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: ईस्ट एमसीडी की डेंगी मामले में जबर्दस्त खिंचाई