नई दिल्ली
खुले में टॉयलेट करने को लेकर विवाद में शनिवार रात जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास ई-रिक्शा चालक रविंद्र की पीट-पीटकर हत्या का केस दिल्ली पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ में एक नाबालिग को भी पकड़ा है। दोनों आरोपी छात्र हैं। पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व पेपर देने आए करीब 300 छात्रों के फॉर्म की छानबीन के बाद आरोपियों के बारे में सुराग मिल सका। इस केस में अभी अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
डीसीपी मिलिंद डुंबरे के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी की पहचान यूपी के मुजफ्फरनगर निवासी 19 साल के शेखर कपासिया के तौर पर हुई है। इसके साथ पकड़ा गया आरोपी नाबालिग है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि शनिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास ई-रिक्शा चालक रविंद्र से बहस हुई थी। इस दौरान हाथापाई हुई। रविंद्र और अन्य चालकों ने छात्रों को बेइज्जत करके भगा दिया था। वहां से दोनों ई-रिक्शा पकड़कर किरोड़ीमल कॉलेज पहुंचे जहां पर पेपर था। शाम को पेपर छूटने के बाद अपने तमाम फ्रेंड्स को साथ लेकर रविंद्र की तलाश में जीटीबी नगर पहुंचे। जहां काफी देर तक मंडराते रहे। मगर रविंद्र नहीं मिला। देर रात करीब साढ़े आठ बजे रविंद्र आया। उसी दौरान उसकी पिटाई की। आरोपियों ने दावा किया कि उनका इरादा हत्या करने का नहीं था। वह सिर्फ अपनी बेइज्जती का बदला लेने व सबक सिखाने के लिए आए थे।
सीनियर पुलिस अफसरों के मुताबिक, पुलिस को झगड़े की कोई पीसीआर कॉल उस दौरान नहीं मिली थी। वारदात के करीब डेढ़ घंटे बाद करीब 10 बजे कॉल मिली। उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। शुरूआत में केस पूरी तरह ब्लाइंड था। सुरागकशी के लिए ई-रिक्शा चालकों के अलावा करीब 1000 से अधिक छात्रों से पूछताछ हुई। मेट्रो स्टेशन के पास ही एक सरकारी बीयर की शॉप से मिले सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों के बारे में पहला सुराग मिला।
हुलिया के आधार पर ई-रिक्शा चालकों से बारी-बारी से पूछताछ की। केस की कड़ियां जुड़ती चली गई। गौरतलब है कि इस घटना की पॉलिटिकल आलोचना हुई थी। परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने केंद्रीय मंत्री वैंकया नायडू व बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी घर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन से जोड़कर देखते हुए वेंकया नायडू ने अपने वेतन से 50 हजार रुपए का चेक दिया तो पीएम की तरफ से एक लाख की आर्थिक मदद दी गई। दिल्ली सरकार ने भी आश्रितों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था।
ई-रिक्शा चालक रविंद्र की हत्या में पकड़े गए दो आरोपियों के अलावा अभी एक दर्जन लड़कों की तलाश कर रही है। जिनमें पांच आरोपियों के बारे में पुलिस को पुख्ता सुराग मिल चुके हैं। जॉइंट सीपी राजेश खुराना के मुताबिक, वारदात के अगले दिन रविंद्र की मौत की खबर मीडिया के जरिए आरोपी छात्रों को मिली थी। पुलिस के डर की वजह से आरोपियों ने दिल्ली छोड़ दिया था। मुख्य आरोपी शेखर कपासिया को उसके पैतृक घर मुजफफरनगर जिले से गिरफ्तार किया गया। आरोपी छात्र डीयू के स्कूल ऑफ लैग्वेज का सेकंड ईयर का छात्र है।
शेखर डीयू के अरबिंदो कॉलेज में बीकॉम सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। वहीं पकड़ा गया नाबालिग एसओएल पॉलिटिकल से बीए फर्स्ट ईयर का छात्र है। दोनों मुजफ्फरनगर के एक ही गांव के रहने वाले हैं। वहीं शेखर पिछले दो साल से संत नगर इलाके में रह रहा है। घटना वाले दिन नाबालिग का किरोड़ीमल कॉलेज में पेपर था। पेपर देने से पूर्व शेखर और नाबालिग ने बीयर खरीदकर पी। इसी दौरान उनका रविंद्र से झगड़ा हो गया।
पहचान छुपाने के लिए बदला था वेश
इस केस को सुलझाने में पुलिस की एक दर्जन टीमें लगी थीं। पुलिस ने सबसे पहले किरोड़ीमल कॉलेज में उस दिन एग्जाम देने आए छात्रों की डिटेल जुटाई। उसके बाद एक-एक कर सभी छात्रों की जानकारी निकाली तो पता चला कि नाबालिग छात्र अपने दिल्ली के घर से गायब है और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। उसके आधार पर पुलिस नाबालिग, बाद में शेखर तक पहुंची। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वारदात के बाद उन लोगों ने अपने मोबाइल सिम तोड़कर फेंक दिए थे और वह अपने गांव आ गए थे। टीवी पर सीसीटीवी क्लिप चलने के बाद शेखर इतना बुरी तरह डर गया कि उसने पहचान छिपाने के लिए अपना वेश बदल लिया था।
'रविंद्र कर रहा था टॉयलेट'
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए दोनों आरोपियों ने जो कहानी बताई है वो बिल्कुल उलट है। आरोपियों का दावा है कि वारदात वाले दिन रविंद्र ई-रिक्शा रोककर टॉयलेट कर रहा था। दोनों ने इसका विरोध किया तो वह उनसे बदसलूकी करने लगा। विरोध करने पर उसने एक आरोपी को पीट भी दिया। पेपर होने के बाद नाबालिग व शेखर शाम को मिले। शेखर ने अपने दोस्तों को कॉल कर दी। रात के समय आरोपियों ने जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास रविंद्र की पिटाई कर दी। मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसरों का कहना है कि आरोपी खुद को बचाने के लिए मनगढ़ंत कहानी कह रहे हैं।
खुले में टॉयलेट करने को लेकर विवाद में शनिवार रात जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास ई-रिक्शा चालक रविंद्र की पीट-पीटकर हत्या का केस दिल्ली पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ में एक नाबालिग को भी पकड़ा है। दोनों आरोपी छात्र हैं। पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व पेपर देने आए करीब 300 छात्रों के फॉर्म की छानबीन के बाद आरोपियों के बारे में सुराग मिल सका। इस केस में अभी अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
डीसीपी मिलिंद डुंबरे के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी की पहचान यूपी के मुजफ्फरनगर निवासी 19 साल के शेखर कपासिया के तौर पर हुई है। इसके साथ पकड़ा गया आरोपी नाबालिग है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि शनिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास ई-रिक्शा चालक रविंद्र से बहस हुई थी। इस दौरान हाथापाई हुई। रविंद्र और अन्य चालकों ने छात्रों को बेइज्जत करके भगा दिया था। वहां से दोनों ई-रिक्शा पकड़कर किरोड़ीमल कॉलेज पहुंचे जहां पर पेपर था। शाम को पेपर छूटने के बाद अपने तमाम फ्रेंड्स को साथ लेकर रविंद्र की तलाश में जीटीबी नगर पहुंचे। जहां काफी देर तक मंडराते रहे। मगर रविंद्र नहीं मिला। देर रात करीब साढ़े आठ बजे रविंद्र आया। उसी दौरान उसकी पिटाई की। आरोपियों ने दावा किया कि उनका इरादा हत्या करने का नहीं था। वह सिर्फ अपनी बेइज्जती का बदला लेने व सबक सिखाने के लिए आए थे।
सीनियर पुलिस अफसरों के मुताबिक, पुलिस को झगड़े की कोई पीसीआर कॉल उस दौरान नहीं मिली थी। वारदात के करीब डेढ़ घंटे बाद करीब 10 बजे कॉल मिली। उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। शुरूआत में केस पूरी तरह ब्लाइंड था। सुरागकशी के लिए ई-रिक्शा चालकों के अलावा करीब 1000 से अधिक छात्रों से पूछताछ हुई। मेट्रो स्टेशन के पास ही एक सरकारी बीयर की शॉप से मिले सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों के बारे में पहला सुराग मिला।
हुलिया के आधार पर ई-रिक्शा चालकों से बारी-बारी से पूछताछ की। केस की कड़ियां जुड़ती चली गई। गौरतलब है कि इस घटना की पॉलिटिकल आलोचना हुई थी। परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने केंद्रीय मंत्री वैंकया नायडू व बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी घर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन से जोड़कर देखते हुए वेंकया नायडू ने अपने वेतन से 50 हजार रुपए का चेक दिया तो पीएम की तरफ से एक लाख की आर्थिक मदद दी गई। दिल्ली सरकार ने भी आश्रितों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था।
ई-रिक्शा चालक रविंद्र की हत्या में पकड़े गए दो आरोपियों के अलावा अभी एक दर्जन लड़कों की तलाश कर रही है। जिनमें पांच आरोपियों के बारे में पुलिस को पुख्ता सुराग मिल चुके हैं। जॉइंट सीपी राजेश खुराना के मुताबिक, वारदात के अगले दिन रविंद्र की मौत की खबर मीडिया के जरिए आरोपी छात्रों को मिली थी। पुलिस के डर की वजह से आरोपियों ने दिल्ली छोड़ दिया था। मुख्य आरोपी शेखर कपासिया को उसके पैतृक घर मुजफफरनगर जिले से गिरफ्तार किया गया। आरोपी छात्र डीयू के स्कूल ऑफ लैग्वेज का सेकंड ईयर का छात्र है।
शेखर डीयू के अरबिंदो कॉलेज में बीकॉम सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। वहीं पकड़ा गया नाबालिग एसओएल पॉलिटिकल से बीए फर्स्ट ईयर का छात्र है। दोनों मुजफ्फरनगर के एक ही गांव के रहने वाले हैं। वहीं शेखर पिछले दो साल से संत नगर इलाके में रह रहा है। घटना वाले दिन नाबालिग का किरोड़ीमल कॉलेज में पेपर था। पेपर देने से पूर्व शेखर और नाबालिग ने बीयर खरीदकर पी। इसी दौरान उनका रविंद्र से झगड़ा हो गया।
पहचान छुपाने के लिए बदला था वेश
इस केस को सुलझाने में पुलिस की एक दर्जन टीमें लगी थीं। पुलिस ने सबसे पहले किरोड़ीमल कॉलेज में उस दिन एग्जाम देने आए छात्रों की डिटेल जुटाई। उसके बाद एक-एक कर सभी छात्रों की जानकारी निकाली तो पता चला कि नाबालिग छात्र अपने दिल्ली के घर से गायब है और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। उसके आधार पर पुलिस नाबालिग, बाद में शेखर तक पहुंची। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वारदात के बाद उन लोगों ने अपने मोबाइल सिम तोड़कर फेंक दिए थे और वह अपने गांव आ गए थे। टीवी पर सीसीटीवी क्लिप चलने के बाद शेखर इतना बुरी तरह डर गया कि उसने पहचान छिपाने के लिए अपना वेश बदल लिया था।
'रविंद्र कर रहा था टॉयलेट'
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए दोनों आरोपियों ने जो कहानी बताई है वो बिल्कुल उलट है। आरोपियों का दावा है कि वारदात वाले दिन रविंद्र ई-रिक्शा रोककर टॉयलेट कर रहा था। दोनों ने इसका विरोध किया तो वह उनसे बदसलूकी करने लगा। विरोध करने पर उसने एक आरोपी को पीट भी दिया। पेपर होने के बाद नाबालिग व शेखर शाम को मिले। शेखर ने अपने दोस्तों को कॉल कर दी। रात के समय आरोपियों ने जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास रविंद्र की पिटाई कर दी। मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसरों का कहना है कि आरोपी खुद को बचाने के लिए मनगढ़ंत कहानी कह रहे हैं।
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