Saturday, April 1, 2017

ब्लैकलिस्ट: 248 लोग नहीं लड़ सकेंगे MCD चुनाव

नई दिल्ली
2012 में एमसीडी चुनाव लड़ने वाले कुल 2423 उम्मीदवारों में से 248 को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। इनमें से कुछ लोग इस बार अगर नगर निगम का चुनाव लड़ना चाहेंगे तो ऐसा नहीं कर सकेंगे, क्योंकि इन लोगों ने 2012 में हुए एमसीडी चुनावों के बाद अपने-अपने खर्चों का ब्योरा आयोग में जमा नहीं कराया था। इस वजह से इन लोगों की डिटेल निकालकर आयोग ने इनके चुनाव लड़ने पर छह साल तक रोक लगाई थी।

इस मामले में दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि चुनाव लड़ने पर इन कैंडिडेट्स पर रोक केवल दिल्ली में है और वह भी एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए। यह रोक दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने लगाई थी। इसलिए यह डीएमसी एक्ट के तहत केवल दिल्ली के नगर निगम चुनावों पर ही प्रभावी होगी। यह रोक विधानसभा, लोकसभा और दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के किसी भी तरह के चुनावों पर प्रभावी नहीं होगी।

दिल्ली चुनाव आयोग का कहना है कि एमसीडी चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव खत्म होने के बाद अपने खर्चों का ब्योरा आयोग में जमा कराना होता है। यह ब्योरा रिजल्ट घोषित होने के 10 दिन के अंदर आयोग में जमा कराना होता है, चाहे कोई उम्मीदवार जीता हो या हारा हो। अगर कोई इसमें कोताही बरतता है तो उस पर आयोग अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा सकता है। आयोग ने बताया कि वैसे तो खर्चा जमा न कराने वाले उम्मीदवार और भी अधिक थे, लेकिन जिन लोगों ने आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया और अपना ब्योरा जमा करा दिया था, उनके नाम इस ब्लैक लिस्ट से हटा दिए गए थे।

अब पता लगा है कि इनमें से 248 उम्मीदवार ऐसे रहे, जिन्होंने आयोग द्वारा उम्मीदवारों को दो-दो बार भेजे गए नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इनमें से कुछ ने नॉमिनेशन फॉर्म में जो एड्रेस दिए थे, वे भी बदल दिए। इसलिए आयोग ने अपनी सारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद इन पर छह साल तक एमसीडी चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया।

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