नई दिल्ली
देश के टॉप टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स IIT से पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स में विदेश में नौकरी को लेकर क्रेज घटा है। आंकड़ों के मुताबिक IIT से पासआउट होने वाले अब कम स्टूडेंट्स ही विदेश में नौकरी का ऑप्शन सिलेक्ट करते हैं। सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली से विदेशों में नौकरी के लिए जाते रहे हैं लेकिन अब यहां भी विदेश में नौकरी चुनने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आई है।
एचआरडी मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक IIT बॉम्बे और दिल्ली में ही नहीं बल्कि आईआटी खड़कपुर, IIT मद्रास, IIT कानपुर में भी साल दर साल विदेश में नौकरी चुनने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम हुई है। मिनस्ट्री से मिले आंकड़ें बताते हैं कि 2012-13 में IIT खड़कपुर से पास होने वाले स्टूडेंट्स में से 2.40 पर्सेंट ने विदेश में नौकरी का विकल्प चुना। जबकि इसके अगले साल यानी 2013-14 में 1.75 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही इस तरफ कदम बढ़ाया। 2014-15 में ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या 2.06 पर्सेंट रही तो 2015-16 में यह घटकर 1.14 पर्सेंट पहुंच गई। इस बार IIT खड़कपुर से पासआउट स्टूडेंट्स में से महज 0.85 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही विदेश में नौकरी को चुना है।
IIT बॉम्बे में भी यही ट्रेंड देखने को मिला है। जहां 2012-13 में 5.67 पर्सेंट स्टूडेंट्स और 2013-14 में 6.72 पर्सेंट स्टूडेंट्स विदेश में नौकरी के लिए गए वहीं 2014-15 में यह घटकर 5.14 पर्सेंट और 2015-16 में 4.56 पर्सेंट ही रह गए। इस साल पासआउट स्टूडेंट्स में से 3.84 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही विदेश का विकल्प चुना। दिल्ली में हालांकि इस साल कितने स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी का अॉप्शन लिया इसका डेटा मिनिस्ट्री के पास नहीं है क्योंकि मिनिस्ट्री के मुताबिक प्लेसमेंट प्रोसेस जारी है। लेकिन पिछले चार सालों के आंकड़ें देखें तो यहां भी विदेश जाने का मोह कम होता दिखा है।
IIT दिल्ली से पासआउट स्टूडेंट्स में से 2012-13 में 7.66 पर्सेंट, 2013-14 में 7.28 पर्सेंट, 2014-15 में 5.29पर्सेंट, 2015-16 में 3.19 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी का मौका चुना। IIT मद्रास में भी यह लगातार कम हुआ है। यहां 2012-13 में जहां 3.88 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी चुनी वहीं इस साल 1.85 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही इसे चुना। इसी तरह IIT कानपुर से पासआउट स्टूडेंट्स में से 2014-15 में 3.38 पर्सेंट स्टूडेंट्स तो इस साल महज 1.36 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी को ज्यादा तव्वजो दी।
देश के टॉप टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स IIT से पासआउट होने वाले स्टूडेंट्स में विदेश में नौकरी को लेकर क्रेज घटा है। आंकड़ों के मुताबिक IIT से पासआउट होने वाले अब कम स्टूडेंट्स ही विदेश में नौकरी का ऑप्शन सिलेक्ट करते हैं। सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली से विदेशों में नौकरी के लिए जाते रहे हैं लेकिन अब यहां भी विदेश में नौकरी चुनने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आई है।
एचआरडी मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक IIT बॉम्बे और दिल्ली में ही नहीं बल्कि आईआटी खड़कपुर, IIT मद्रास, IIT कानपुर में भी साल दर साल विदेश में नौकरी चुनने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम हुई है। मिनस्ट्री से मिले आंकड़ें बताते हैं कि 2012-13 में IIT खड़कपुर से पास होने वाले स्टूडेंट्स में से 2.40 पर्सेंट ने विदेश में नौकरी का विकल्प चुना। जबकि इसके अगले साल यानी 2013-14 में 1.75 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही इस तरफ कदम बढ़ाया। 2014-15 में ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या 2.06 पर्सेंट रही तो 2015-16 में यह घटकर 1.14 पर्सेंट पहुंच गई। इस बार IIT खड़कपुर से पासआउट स्टूडेंट्स में से महज 0.85 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही विदेश में नौकरी को चुना है।
IIT बॉम्बे में भी यही ट्रेंड देखने को मिला है। जहां 2012-13 में 5.67 पर्सेंट स्टूडेंट्स और 2013-14 में 6.72 पर्सेंट स्टूडेंट्स विदेश में नौकरी के लिए गए वहीं 2014-15 में यह घटकर 5.14 पर्सेंट और 2015-16 में 4.56 पर्सेंट ही रह गए। इस साल पासआउट स्टूडेंट्स में से 3.84 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही विदेश का विकल्प चुना। दिल्ली में हालांकि इस साल कितने स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी का अॉप्शन लिया इसका डेटा मिनिस्ट्री के पास नहीं है क्योंकि मिनिस्ट्री के मुताबिक प्लेसमेंट प्रोसेस जारी है। लेकिन पिछले चार सालों के आंकड़ें देखें तो यहां भी विदेश जाने का मोह कम होता दिखा है।
IIT दिल्ली से पासआउट स्टूडेंट्स में से 2012-13 में 7.66 पर्सेंट, 2013-14 में 7.28 पर्सेंट, 2014-15 में 5.29पर्सेंट, 2015-16 में 3.19 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी का मौका चुना। IIT मद्रास में भी यह लगातार कम हुआ है। यहां 2012-13 में जहां 3.88 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी चुनी वहीं इस साल 1.85 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने ही इसे चुना। इसी तरह IIT कानपुर से पासआउट स्टूडेंट्स में से 2014-15 में 3.38 पर्सेंट स्टूडेंट्स तो इस साल महज 1.36 पर्सेंट स्टूडेंट्स ने विदेश में नौकरी को ज्यादा तव्वजो दी।
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