नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने रामजस कॉलेज में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के मामले में प्राथमिकी के लिए एक याचिका पर 'लचर तरीके से तैयार' कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए गुरुवार को पुलिस की खिंचाई की। मेट्रपॉलिटन मैजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने जांच अधिकारी को 27 अप्रैल को देशद्रोह सहित सभी आरोपों के गुण-दोष पर ताजा कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) दायर करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने 21 फरवरी की घटना के मामले में देशद्रोह और अन्य आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। उस दिन कथित तौर पर आपत्तिजनक नारेबाजी हुई थी। हालांकि अपनी रिपोर्ट में IO ने मामले को छोड दिया और निवेदन में कहा कि उन्होंने मुद्दे पर 22 फरवरी को झड़प को लेकर प्राथमिकी दर्ज की।
मैजिस्ट्रेट ने कहा, 'या तो आप आरोपों के गुण-दोष पर ATR दीजिए या लिखकर दीजिए कि आप पहले से दर्ज प्राथमिकी में देशद्रोह के आरोपों की जांच करेंगे। तीसरा कोई विकल्प नहीं है।' अदालत ने कहा कि आरोपों की गंभीरता के मद्देनजर वह जांच अधिकारी को और समय दे रही है।
अदालत ने कहा, '21 फरवरी की घटना के संबंध में ATR शिकायत में लगाए गए आरोपों के संबंध में चुप है। यह साफ है कि (22 फरवरी की झड़पों पर दर्ज) प्राथमिकी में देशद्रोह के आरोप नहीं है।'
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के निरीक्षक पंकज सिंह ने कहा कि मामला उन्हें स्थानांतरित किया गया है और उन्हें हाल में शिकायत मिली है। याचिका में लगाए गए आरोपों के गुण-दोष पर विस्तृत ATR दायर करने के लिए समय चाहिए। वकील और शिकायतकर्ता विवेक गर्ग ने सुनवाई स्थगित करने के लिए जांच अधिकारी की दलील का विरोध किया।
दिल्ली की एक अदालत ने रामजस कॉलेज में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के मामले में प्राथमिकी के लिए एक याचिका पर 'लचर तरीके से तैयार' कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए गुरुवार को पुलिस की खिंचाई की। मेट्रपॉलिटन मैजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने जांच अधिकारी को 27 अप्रैल को देशद्रोह सहित सभी आरोपों के गुण-दोष पर ताजा कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) दायर करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने 21 फरवरी की घटना के मामले में देशद्रोह और अन्य आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। उस दिन कथित तौर पर आपत्तिजनक नारेबाजी हुई थी। हालांकि अपनी रिपोर्ट में IO ने मामले को छोड दिया और निवेदन में कहा कि उन्होंने मुद्दे पर 22 फरवरी को झड़प को लेकर प्राथमिकी दर्ज की।
मैजिस्ट्रेट ने कहा, 'या तो आप आरोपों के गुण-दोष पर ATR दीजिए या लिखकर दीजिए कि आप पहले से दर्ज प्राथमिकी में देशद्रोह के आरोपों की जांच करेंगे। तीसरा कोई विकल्प नहीं है।' अदालत ने कहा कि आरोपों की गंभीरता के मद्देनजर वह जांच अधिकारी को और समय दे रही है।
अदालत ने कहा, '21 फरवरी की घटना के संबंध में ATR शिकायत में लगाए गए आरोपों के संबंध में चुप है। यह साफ है कि (22 फरवरी की झड़पों पर दर्ज) प्राथमिकी में देशद्रोह के आरोप नहीं है।'
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के निरीक्षक पंकज सिंह ने कहा कि मामला उन्हें स्थानांतरित किया गया है और उन्हें हाल में शिकायत मिली है। याचिका में लगाए गए आरोपों के गुण-दोष पर विस्तृत ATR दायर करने के लिए समय चाहिए। वकील और शिकायतकर्ता विवेक गर्ग ने सुनवाई स्थगित करने के लिए जांच अधिकारी की दलील का विरोध किया।
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