Friday, March 31, 2017

राजस्थान-हरियाणा की बसें अब यहां से मिलेंगीं

नई दिल्ली
अगर आप हरियाणा और राजस्थान की यात्रा बस से करते हैं तो अगली बार आईएसबीटी कश्मीरी गेट जाने से पहले एक दफा बसों की स्थिति जरूर चेक कर लें। NH-8 के रास्ते इन दो राज्यों से आने-जानेवाली बसों को निर्धारित स्थान कश्मीरी गेट आईएसबीटी नहीं सराय काले खां आईएसबीटी करने का फैसला ट्रांसपॉर्ट मंत्रालय ने किया है। ट्रांसपॉर्ट विभाग के स्पेशल कमिश्नर के. के. दहिया ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।

दहिया ने बताया, 'दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर बसों की अधिकता के कारण ट्रैफिक की समस्या को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। साथ ही कश्मीरी गेट पर आने वाली दूसरे राज्यों में से कुछ की बसों को नजदीकी आईएसबीटी पर ट्रांसफर करने के सुझाव भी बहुत से लोगों की तरफ से मिले। उन्हीं सुझावों को ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया है कि NH-8 के रास्ते आने और जानेवाली सभी बसें अब सराय काले खां से ही जाएंगीं।'
दहिया ने यह भी बताया कि ये सभी बसें धौला कुआं से होते हुए कश्मीरी गेट आईएसबीटी आती थीं। इसके कारण शहर के एक बड़े हिस्से में घूमते हुए बसें अपने गंतव्य तक पहुंचती थीं जिसकी वजह से ट्रैफिक की परेशानी बढ़ जाती थी। अब NH-8 से आनेवाली सभी बसें सीधे सराय काले खां जाएंगी।

जयपुर, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, पुष्कर और भीलवाड़ा को जानेवालीं 100 के करीब बसें NH-8 से होते हुए आवाजाही करती हैं। इनमें से ज्यादातर बसें जयपुर होते हुए जाती हैं। दिल्ली में इनका प्रवेश या दिल्ली से बाहर जाना धौला कुआं के रास्ते ही होता है। पिछले कुछ साल से कश्मीरी गेट के आसपास ट्रैफिक की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। आईएसबीटी पर दोपहिया और चार पहिया वाहनों के साथ नजदीकी मेट्रो स्टेशन के कारण भी ट्रैफिक काफी अधिक रहता है। इसके अलावा मेट्रो फीडर बसें और ऑटोरिक्शा, ईरिक्शा के कारण भी ट्रैफिक की हालत और ज्यादा खराब रहती है। ट्रैफिक पुलिस ने इस जगह पर ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली।

दहिया ने बताया कि कश्मीरी गेट के आसपास ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए कुछ और उपाय भी किए जाएंगे। पहले फेज में हरियाणा और राजस्थान की बसों के लिए व्यवस्था की गई है। दूसरे फेज में उत्तर प्रदेश जानेवाली बसों के आवागमन स्थान आनंद विहार को बनाने की योजना है। हालांकि अभी उस योजना पर काम करने में कुछ और महीनों का वक्त लग सकता है क्योंकि आनंद विहार के आसपास प्रदूषण की स्थिति बहुत खतरनाक हद तक पहुंच चुकी है।

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