Friday, March 3, 2017

रिमांड होम के बच्चों को झाबुआ का उदाहरण

पूनम पांडे, नई दिल्ली
निर्भया कांड के बाद जूवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट में हुए बदलाव की वजह से गंभीर अपराध करने वाले बच्चे भी कानून की गिरफ्त में होंगे और उन्हें भी बड़ों की तरह ही सजा दी जाएगी। देश में चाइल्ड राइट्स की टॉप बॉडी एनसीपीसीआर (NCPCR) अब देश के हर ऑब्जर्वेशन होम में बच्चों को यह जानकारी देगी वह भी झाबुआ के उदाहरण के साथ।

मध्य प्रदेश के झाबुआ में कुछ दिन पहले एक अदालत ने दो नाबालिगों को हत्या के आरोप में वयस्क की कैटिगरी में रखा और उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई। इन नाबालिगों ने पिछले साल पैसे को लेकर हुए विवाद पर अपने साथ पढ़ने वाले बच्चे को चाकुओं से गोदकर मार डाला था।

NCPCR के मेंबर यशवंत जैन ने बताया, हमारी कोशिश है कि क्राइम की तरफ बढ़ते बच्चों के कदम रोके जाएं। उन्होंने कहा कि ऑब्जर्वेशन होम में वह बच्चे रखे जाते हैं जिन्होंने कुछ कानून तोड़ा होता है। कई मामलों में यह देखा गया है कि सही गाइडेंस न मिलने पर बच्चा एक छोटा क्राइम करने के बाद बड़े क्राइम की तरफ बढ़ता है। इसलिए हम यह प्लानिंग कर रहे हैं कि ऑब्जर्वेशन होम में इन बच्चों को बताया जाए कि क्राइम करने पर वह कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। हम झाबुआ के इस केस के बारे में वहां विस्तार से बताने की सोच रहे हैं। ऑब्जर्वेशऩ होम्स में इस केस के बारे में पोस्टर लगाए जा सकते हैं जिससे बच्चे इस बारे में जानें। हम इस पर सभी राज्यों के कमिशन फॉर प्रोटेक्शऩ ऑफ चाइल्ड राइट्स से मदद लेंगे।

उन्होंने कहा कि कई एनजीओ के यह अनुभव रहे हैं कि क्रिमिनल गैंग बच्चों का इस्तेमाल करते हैं और उन गैंग की तरफ से बच्चों को यह बता दिया जाता है कि बच्चों को क्राइम करने पर सजा नहीं मिलती। इससे बच्चों का दिमाग भी क्राइम की तरफ बढ़ता है। हमारी कोशिश है कि बच्चों को बताया जाए कि जेजे एक्ट में बदलाव के बाद गंभीर अपराध करने पर बच्चों को बड़ों की तरह ही सजा होती है। हम इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में चलाने की भी सोच रहे हैं जिसमें बच्चों को कानून के बारे में जागरूक किया जाए।

जूवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट के मुताबिक गंभीर अपराध में नाबालिग को सजा होने पर भी उन्हें जेल में बड़े अपराधियों के साथ नहीं रखा जा सकता। उनके लिए अलग जगह होगी जिन्हें प्लेस ऑफ सेफ्टी कहा गया है। जैन ने कहा कि हम मध्य प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर यह पूछ रहे हैं कि जिन दो नाबालिगों को सजा हुई है उन्हें कहां रखा गया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि जेजे एक्ट का पूरा पालन हो।

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