Thursday, March 2, 2017

महिला के पेट से निकलीं 838 पथरियां

नई दिल्ली
एक दो नहीं बल्कि पूरे 838 स्टोन (पथरी) एक मरीज के गॉलब्लैडर से निकालने में डॉक्टरों को सफलता मिली है। अब तक गॉलब्लैडर से निकाली गई पथरियों में यह सबसे ज्यादा है। एक महिला मरीज में कैंसर ट्यूमर का संदेह था, लेकिन जब सर्जरी की गई तो उनके गॉलब्लैडर से 838 स्टोन निकले। बाद में की गई बायॉप्सी जांच में महिला का कैंसर निगेटिव आया।

दिल्ली के फोर्टिस शालीमार बाग में इस सर्जरी को अंजाम दिया गया। डॉक्टर के अनुसार पुष्पा को पेट में बहुत दर्द रहता था और बार-बार फीवर भी आ जाता था। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की जांच में बाद यह संदेह हुआ कि गॉलब्लैडर कैंसर हो सकता है। जिसके बाद सर्जरी कराने की सलाह दी गई। गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन डॉ. अमित जावेद की अगुवाई में विषेशज्ञों की एक टीम ने दो घंटे की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने की प्लानिंग की।

मरीज के गॉलब्लैडर में बहुत अधिक जलन थी और इसका साइज नॉर्मल से छह गुना बढ़ गया था। प्लानिंग के अनुसार यह एक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी थी जहां उनके गॉलब्लैडर को साथ लगे लीवर के हिस्से के साथ हटाया जाना था और इसे पैथोलाजिकल टेस्ट के लिए तत्काल भेजा गया।

डॉक्टर ने कहा कि पेट में गड़बड़ी से बचाव और पोर्ट साइट (सर्जिकल साइट मेटास्टैसिस) के लिए यह सर्जरी हर प्रकार की सावधानियों के साथ की गई। किसी भी तरह नुकसान से बचने के लिए गॉलब्लैडर के नमूने को एक पाउच में निकाला गया। हालांकि इसे निकालने के बाद बायॉप्सी के लिए भेजने से पहले इसके भीतर की चीज को देखने के लिए खोला गया तो इसे देखकर डॉक्टर हैरान रह गए और क्योंकि यह सैकड़ों छोटी और बड़ी पथरियों से भरा था। इसके भीतर कुल 838 पथरियां थी।

डॉक्टर जावेद ने कहा कि इन पथरियों की वजह से गॉलब्लैडर में जलन पैदा होती थी और तेज दर्द होता थ। इनके जो लक्षण थे वह बिल्कुल गॉलब्लैडर कैंसर की तरह थे। लेकिन इस मरीज में सिर्फ पथरी थी और उनकी बायॉप्सी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। पथरियों के साथ ही गॉलब्लैडर के कैंसर से बचाव का एकमात्र तरीका गॉलब्लैडर को पूरी तरह निकाल देना ही है।

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