नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय में मंगलवार को छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ मार्च निकाला। एबीवीपी पर विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों, प्राध्यापकों और पत्रकारों की पिटाई का आरोप है। छात्रों का हुजूम खालसा कॉलेज के बाहर एकत्र हुआ और उन्होंने 20-21 फरवरी की घटनाओं को लेकर एबीवीपी और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
विरोध प्रदर्शन का आह्वान ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आइसा) ने किया था, जिसकी पिछले सप्ताह एबीवीपी के साथ झड़प हुई थी। वहीं, मंगलवार को कांग्रेस की छात्र इकाई नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने भी विश्वविद्यालय परिसर में आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के खिलाफ भूख हड़ताल की। एनएसयूआई की अध्यक्ष अमृता धवन ने बताया, ‘रामजस की घटना व हिंसा के बाद शांति चाहने वाले छात्रों की एक बड़ी संख्या काफी डरी हुई है... चर्चा की गुंजाइश ही नहीं रह गई है।’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी चीज हिंसा को जायज नहीं ठहरा सकती। हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, जहां लोगों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं।
रामजस कॉलेज में चल रहे विद्यार्थियों के विरोध प्रदर्शन में जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और वाइस प्रेजिडेंट शहला रशीद भी पहुंची।
दिल्ली विश्वविद्यालय में मंगलवार को छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ मार्च निकाला। एबीवीपी पर विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों, प्राध्यापकों और पत्रकारों की पिटाई का आरोप है। छात्रों का हुजूम खालसा कॉलेज के बाहर एकत्र हुआ और उन्होंने 20-21 फरवरी की घटनाओं को लेकर एबीवीपी और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
विरोध प्रदर्शन का आह्वान ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (आइसा) ने किया था, जिसकी पिछले सप्ताह एबीवीपी के साथ झड़प हुई थी। वहीं, मंगलवार को कांग्रेस की छात्र इकाई नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने भी विश्वविद्यालय परिसर में आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के खिलाफ भूख हड़ताल की। एनएसयूआई की अध्यक्ष अमृता धवन ने बताया, ‘रामजस की घटना व हिंसा के बाद शांति चाहने वाले छात्रों की एक बड़ी संख्या काफी डरी हुई है... चर्चा की गुंजाइश ही नहीं रह गई है।’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी चीज हिंसा को जायज नहीं ठहरा सकती। हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, जहां लोगों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं।
रामजस कॉलेज में चल रहे विद्यार्थियों के विरोध प्रदर्शन में जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और वाइस प्रेजिडेंट शहला रशीद भी पहुंची।
वहीं, आइसा ने स्पष्ट किया कि यह विरोध-प्रदर्शन उनका नहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का है। आइसा के एक सदस्य के अनुसार ‘कृपया इसे आइसा मार्च न कहें। यह मार्च एबीवीपी की गुंडागर्दी के खिलाफ और अभिव्यक्ति व चर्चा की स्वतंत्रता के लिए डीयू के छात्रों का है।’ इससे पहले सोमवार को एबीवीपी ने वामपंथी रुझान वाले छात्रों पर ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को समर्थन देने’ का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय परिसर में ‘तिरंगा मार्च’ निकाला था।Delhi: Former JNUSU president Kanhaiya Kumar & former JNUSU vice-president Shehla Rashid join protest over #RamjasRow at DU's Arts Faculty http://pic.twitter.com/NVC6HmeGf8
— ANI (@ANI_news) February 28, 2017
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