Monday, February 20, 2017

स्टिंग: खंडहर वाला कनॉट प्लेस, टेरस पर झुग्गियां

परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली
खंडहर वाला कनॉट प्लेस। सुनते ही आपको झटका लगा होगा। लेकिन यह सच है। सफेदी में रंगी कनॉट प्लेस के हेरिटेज की इस हकीकत से शायद अब तक आप अनजान हों, लेकिन साल 1933 में बनी इन इमारतों की सच्चाई यही है। बाहर से चकाचक दिखने वाली हेरिटेज के पीछे, कहीं अवैध निर्माण है तो कहीं छतों पर मलबा। कहीं दीवारें चटकी हैं तो कहीं छज्जे टूटकर लटक गए हैं। इन हेरिटेज इमारतों के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया गया है, इसी को उजागर करती परीक्षित निर्भय की रिपोर्ट...

किसी को कानों-कान खबर नहीं
कमर्शल कनॉट प्लेस के टेरस पर कई साल से अवैध कमरे और झुग्गियां तक बना ली गईं और किसी को कानो कान खबर तक नहीं हुई। पिछले दिनों दो छतें गिरने के बाद टेरस पर रखे जनरेटर, वॉटर टैंक और रेस्टोबार को अतिरिक्त दबाव का कारण माना जा रहा था, लेकिन जब हमारे संवाददाता ने कई मंजिल ऊपर जाकर टेरेस पर नजरें दौड़ाईं तो यह चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। कई साल से कनॉट प्लेस के कुछ ब्लॉक के टेरस पर लोग अवैध निर्माण या झुग्गी बनाकर रह रहे हैं। ये न किराया देते हैं और न एनडीएमसी से इन्हें मंजूरी दी गई है। दुनिया की नजरों से बचने के लिए शॉर्ट रास्ते बना लिए गए हैं ताकि किसी को पता न चल सके कि तीन मंजिल ऊपर क्या खेल चल रहा है।

चोर रास्ते
कनॉट प्लेस के 'दिल' इनर सर्कल के ई ब्लॉक की पड़ताल के दौरान टेरस पर 'अवैध' रूप से रहने वालों के शॉर्ट रास्तों का पता चला। एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी इमारत से होकर ये लोग आना-जाना करते हैं। जिस इमारत की टेरस पर यह रहते हैं, वहां के मुख्य गेट पर ताला जड़ा है। इमारत खाली पड़ी है। मेन गेट से अंदर देखने पर इमारत वीरान लगती है। लेकिन ऊपर लोग रह रहे हैं। सर्विस लेन में लोगों ने खाली पड़ी इमारतों पर झुग्गी डाल रखी हैं। ऊपर जाने वाले रास्ते पर ताला जड़ा रहता है, लेकिन रात में इन्हीं सीढ़ियों से ये लोग टेरस पर पहुंचते हैं।

नशेड़ियों का अड्डा
झुग्गी के अलावा नशेड़ियों के कुछ अड्डों का भी पता चला। कनॉट प्लेस के कुछ ब्लॉक के टेरस पर शराब और बीयर की खाली बोतलों के साथ-साथ स्मैक और इंजेक्शन की सीरिंज पड़ी दिखीं। इसके बारे में छत पर रहने वालों से पूछा तो उन्होंने स्पष्ट जबाव नहीं दिया। रात को इमारत में कौन आता है? कितनी देर रुकता है? और कब चला जाता है? इसके बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया। जाहिर है कि कनॉट प्लेस की खाली इमारतें भी सेफ नहीं हैं।

NDMC की नजर क्यों नहीं गई?
टेरस पर रहने वालों से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि वे कई साल से यहां रहते हैं। उनके मालिक (बिल्डिंग ओनर) ने रहने के लिए कमरा दिया है। न वे एनडीएमसी को जानते हैं और न किसी को किराया देते हैं। जिन टेरस पर झुग्गी बनी है, उन लोगों ने तो ऊपर जाने का रास्ता ही बंद कर दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर अब तक NDMC की नजरें इन झुग्गियों पर क्यों नहीं पड़ सकी?



बरसों से मुंह चिढ़ा रहा खतरे का बोर्ड
कनॉट प्लेस के ब्लॉक-एन के ठीक सामने और केजी मार्ग के पहले ही छोर पर एक पेट्रोल पंप है जिसके ठीक पीछे एनडीएमसी ने एक होर्डिंग लगा रखा है। इस होर्डिंग पर लिखा है, ‘DANGER WAY, KEEP AWAY’। आसपास के लोगों की मानें तो यह होर्डिंग वर्षों से लगा है। यह वहां मौजूद बिल्डिंग की खस्ता हालत और उससे बचने की चेतावनी दे रहा है, लेकिन इससे कोई मकसद हल नहीं हो रहा। इसके सामने से ही लोग यहां आना-जाना करते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि बिल्डिंग की जर्जर हालत के बारे में जानकारी होने के बाद भी एनडीएमसी ने न तो इसकी मरम्मत कराने के आदेश दिए हैं और न ही बिल्डिंग को गिराने के। ऐसे में यह कहना गलत नहीं कि कनॉट प्लेस की भांति यहां भी किसी बड़े हादसे को न्यौता दिया जा रहा है। इसके बारे में अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं।

बार, रेस्तरां करते हैं नियमों का उल्लंघन
हेल्थ ट्रेड लाइसेंस के तहत टेरस पर किसी भी कमर्शल गतिविधि की अनुमति नहीं है। आग से बचाने और एमर्जेंसी एग्जिट के लिए टैरेस का इस्तेमाल होता है लेकिन सीपी में खासी संख्या में बार व रेस्तरां इसका उल्लंघन करते देखे जा सकते हैं। समझा जाता है कि हाल ही में सीपी में हुए छत गिरने के दोनों हादसों में भी बार व रेस्तरां द्वारा अवैध निर्माण करने की कोशिश की गई थी। इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ही हाल में एनडीएमसी ने 21 बार व रेस्तरां की छतों को सील किया है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखने की चेतावनी दी है। परिषद टेरस पर रेस्तरां या दूसरी कमर्शल गतिविधि चलाने के लिए अनुमति दी गई है, उनके पुराने रेकॉर्ड खंगाले जाएंगे। इसके अलावा एनडीएमसी जल्द ही लाइसेंस और बैठने की क्षमता को हर रेस्तरां के बाहर डिस्पले करने के निर्देश जारी करने वाली है।

मरम्मत के 6 साल
कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान छह साल पहले सीपी की बाहरी मरम्मत हुई थी। हेरिटेज इमारतों की रंगाई-पुताई भी की गई थी। लगभग 671 करोड़ रुपये तक खर्च हुए। वर्ष 2010 तक काम पूरा किया जाना था लेकिन डेडलाइन मीट नहीं हो पाई और काम 2013 में जाकर पूरा हो पाया। इस दौरान गलियारे की छत, फर्श व बाहरी हिस्से को सजाया-संवारा गया था। हालांकि तब इसमें कई खामियां भी सामने आई थीं और इसके लिए एनडीएमसी सवालों के घेरे में रही, लेकिन अब ढांचागत सुरक्षा के चलते कॉमनवेल्थ के दौरान हुए सुधार के काम भी सवालों के घेरे में आने लगे हैं।

टेरस पर सोलर पैनल
इनर सर्कल के ई ब्लॉक में दूर से ही टेरस पर लगा सोलर पैनल दिखाई दे जाता है। यह किसने और क्यों लगवाया? इसके बारे में जानकारी नहीं मिली है, लेकिन एनडीएमसी एक्ट के तहत इसे अवैध बताया जा रहा है। यहां के ओनर रुचित गर्ग के मुताबिक, उन्होंने इस बारे में दो बार एनडीएमसी को लिखित शिकायत भी की है।

कहीं हो गया कब्जा, तो कहीं पड़ा है मलबा
कनॉट प्लेस की इमारतों की छतों का भी बुरा हाल है। कुछ ब्लॉक के टेरस पर मलबा पड़ा हुआ, जबकि कुछ जगह अवैध कब्जा भी दिखाई दे रहा है। बिल्डिंग के टेरस पर नियमों के खिलाफ जाकर टीन शेड डाल दिए गए हैं। इसके अलावा कहीं छतों पर भारी भरकम जनरेटर सेट लगे हैं तो कहीं हजारों लीटर की पानी की टंकियां। छतों पर काई तक जमी हुई है।



सीपी की इस हालत के लिए कौन है जिम्मेदार?
कनॉट प्लेस की हेरिटेज इमारतों का हर पहलू से सर्वे किया जा रहा है। हर पॉइंट पर छतों की जांच की जाएगी। छतों पर किसी भी तरह के ढांचे को रेगूलेट करने के लिए नई नीति लाई जाएगी। इसके अलावा 27 फरवरी तक कारोबारियों से स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेट जमा कराने के लिए भी कहा गया है। -नरेश कुमार, चेयरमैन, एनडीएमसी

सीपी में होने वाले हादसों के लिए काफी हद तक अफसर जिम्मेदार हैं क्योंकि बिना मिली-भगत के अवैध निर्माण नहीं हो सकता और दोनों ही मामलों में इस तरह की बात सामने आई है। इतने वर्षों से हेरिटेज इमारतों की हालत जर्जर होती जा रही है और अफसरों ने अब तक इस पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। -करण सिंह तंवर, वाइस चेयरमैन, एनडीएमसी

इमारतों की सुरक्षा के लिए जांच होनी ही चाहिए। हम कई बार इस बारे में एनडीएमसी को बोल भी चुके हैं। लेकिन हादसे के बाद जांच के नाम पर कारोबारियों का ही शोषण किया जा रहा है। जिस सर्टिफिकेट की बात की जा रही है, उसमें कई विकल्प ऐसे हैं जिन्हें पूरे कर पाना संभव नहीं है। हालांकि परिषद से बातचीत जारी है। -विक्रम बधवार, महासचिव, एनडीटीए

टेरस पर नहीं रह सकता कोई
टेरस पर झुग्गी होने की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं है। लेकिन, कनॉट प्लेस के टेरेस पर किसी को रहने की अनुमति परिषद ने नहीं दी है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। -एमएस सहरावत, प्रवक्ता, NDMC

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: स्टिंग: खंडहर वाला कनॉट प्लेस, टेरस पर झुग्गियां