नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में आने वाले खतरनाक कैदियों के लिए अलग से जेल बनाई गई है। यह तिहाड़ की मंडोली जेल में है और इसे जेल नंबर-15 के नाम से जाना जाता है। तिहाड़ में बंद खतरनाक कैदियों को मंडोली शिफ्ट किया जाएगा। आने वाले समय में जो भी खतरनाक कैदी तिहाड़ लाया जाएगा उसे जेल नंबर-15 में रखा जाएगा। इस जेल में 280 सेल बनाए गए हैं।
जेल सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ में पहली बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जहां केवल खतरनाक कैदियों को ही रखा जाएगा। ये विचाराधीन कैदी गैंगस्टर, फिरौती, अपहरण, हत्या, लूट और डकैती जैसे कई-कई मामलों के आरोपी होंगे। इनके अलावा जो शख्स बार-बार स्ट्रीट क्राइम करके जेल में लाया जाएगा उसे भी इसी जेल में शिफ्ट किया जाएगा। तिहाड़ और रोहिणी की सभी जेलों से 8 से 10 खतरनाक कैदियों को मंडोली जेल में शिफ्ट करने का काम शुरू किया जाएगा।
यह तिहाड़ की सबसे खतरनाक कैदियों वाली अकेली जेल होगी, इसलिए इसकी सुरक्षा भी जेल प्रशासन के लिए टॉप प्रायॉरिटी होगी। खतरनाक कैदियों को अलग-अलग रखा जाएगा। यानी एक सेल में एक ही कैदी बंद किया जाएगा। आमतौर पर सेल में तीन कैदियों को रखा जाता है। ऐसा इसलिए भी किया जाएगा कि कहीं वे गैंग न बना लें। इस जेल में कोई कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने पाए इसके लिए खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि कोई भी कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। अगर किसी कैदी ने भागने की कोशिश की तो यह भी हो सकता है कि वह जेल की चारदीवारी में फैले करंट से झटका खा जाए। जेल प्रशासन की जेल की बाउंड्री पर लेजर फेंसिंग के साथ-साथ इलेक्ट्रिक फेंसिंग लगाने की योजना है।
तिहाड़ जेल में आने वाले खतरनाक कैदियों के लिए अलग से जेल बनाई गई है। यह तिहाड़ की मंडोली जेल में है और इसे जेल नंबर-15 के नाम से जाना जाता है। तिहाड़ में बंद खतरनाक कैदियों को मंडोली शिफ्ट किया जाएगा। आने वाले समय में जो भी खतरनाक कैदी तिहाड़ लाया जाएगा उसे जेल नंबर-15 में रखा जाएगा। इस जेल में 280 सेल बनाए गए हैं।
जेल सूत्रों ने बताया कि तिहाड़ में पहली बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जहां केवल खतरनाक कैदियों को ही रखा जाएगा। ये विचाराधीन कैदी गैंगस्टर, फिरौती, अपहरण, हत्या, लूट और डकैती जैसे कई-कई मामलों के आरोपी होंगे। इनके अलावा जो शख्स बार-बार स्ट्रीट क्राइम करके जेल में लाया जाएगा उसे भी इसी जेल में शिफ्ट किया जाएगा। तिहाड़ और रोहिणी की सभी जेलों से 8 से 10 खतरनाक कैदियों को मंडोली जेल में शिफ्ट करने का काम शुरू किया जाएगा।
यह तिहाड़ की सबसे खतरनाक कैदियों वाली अकेली जेल होगी, इसलिए इसकी सुरक्षा भी जेल प्रशासन के लिए टॉप प्रायॉरिटी होगी। खतरनाक कैदियों को अलग-अलग रखा जाएगा। यानी एक सेल में एक ही कैदी बंद किया जाएगा। आमतौर पर सेल में तीन कैदियों को रखा जाता है। ऐसा इसलिए भी किया जाएगा कि कहीं वे गैंग न बना लें। इस जेल में कोई कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने पाए इसके लिए खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि कोई भी कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। अगर किसी कैदी ने भागने की कोशिश की तो यह भी हो सकता है कि वह जेल की चारदीवारी में फैले करंट से झटका खा जाए। जेल प्रशासन की जेल की बाउंड्री पर लेजर फेंसिंग के साथ-साथ इलेक्ट्रिक फेंसिंग लगाने की योजना है।
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