Wednesday, February 22, 2017

चिड़ियाघर में 4 मॉनिटर लिजर्ड की मौत

वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्ली
चिड़ियाघर में 4 मॉनिटर लिजर्ड की मौत हो गई है। अब चिड़ियाघर में एक भी मॉनिटर लिजर्ड नहीं है। इसे गोह के नाम से भी जाना जाता है। एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इन्हें चिड़ियाघर लाया गया था।

सूत्रों ने बताया कि हाल ही में चिड़ियाघर में जानवरों की गिनती के दौरान मॉनिटर लिजर्ड से कुछ छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद इनके व्यवहार में बदलाव देखा गया और इसी का नतीजा है एक के बाद एक दो हफ्तों में 4 मॉनिटर लिजर्ड की मौत हो गई। 2 लिजर्ड की मौत फरवरी के पहले हफ्ते में और बाकी 2 की मौत पिछले हफ्ते हुई है। ज़ू प्रशासन ने मॉनिटर लिजर्ड की देखरेख में लगे कर्मचारियों से जवाब-तलब किया है।

सूत्रों ने बताया कि मॉनिटर लिजर्ड की मौत की वजह चिड़ियाघर प्रशासन की लापरवाही है। जानवरों की गिनती हर साल होती है, लेकिन उनसे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए थी। अगर जानवरों को गिनने में उनकी जान जाती है, तो इसकी पूरी जवाबदेही चिड़ियाघर प्रशासन की बनती है। इससे पहले भी चिड़ियाघर प्रशासन की लापरवाही से कई जानवरों की मौत हो चुकी है।

मॉनिटर लिजर्ड या गोह, छिपकली की प्रजाति का बड़ा जंतु है। ये मांसाहारी होती हैं। मछलियां, चिड़िया, अंडे और कीड़े-मकोड़े इनके मुख्य भोजन हैं। कुछ मॉनिटर लिजर्ड फ्रूट्स वगैरह भी खाती हैं। वे कहां रहती हैं उनका खाना इस पर भी निर्भर करता है। इनकी गर्दन लंबी होती है और इनका पंजा बहुत ही मजबूत होता है। इनकी लंबाई 10 फीट तक हो सकती है और इन्हें दलदली क्षेत्रों में रहना पसंद है। गोह की स्किन का इस्तेमाल लेदर इंडस्ट्री में खूब किया जाता है। साथ ही देश के कुछ हिस्से में इनका मीट भी खाया जाता है।

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