नई दिल्ली
इन दिनों दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) एलजी अनिल बैजल को खुश करने के लिए चर्चाओं में है। उपराज्यपाल बनने के बाद बैजल ने डीडीए के अफसरों को पहला सुझाव ऑनलाइन सर्विसेज को बढ़ावा देने का दिया था। जिसके बाद डीडीए के अफसरों ने सुझाव को अमल में लाने के लिए मीटिंग का दौर भी शुरू किया। देखते ही देखते, पिछले 20 दिन के भीतर डीडीए ने ई-सेवाओं को बढ़ाने का फैसला ले लिया। अब तो डीडीए के शीर्ष अधिकारियों ने ई-सेवाओं के लिए टेंडर निकालना भी शुरू कर दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीडीए सबसे पहले स्पोर्ट्स और शिकायत निवारण केंद्र को मोबाइल ऐप से जोड़ने जा रहा है। इसके साथ ही डीडीए ने एक कॉल सेंटर तैयार करने का भी निर्णय लिया है, जिस पर काम शुरू हो चुका है। कॉल सेंटर को लेकर एलजी बैजल से अनुमति भी ली जा चुकी है। बहरहाल, एक तरफ हाऊसिंग स्कीम की लेटलतीफी के कारण डीडीए कटघरे में है। वहीं, एलजी बैजल की सलाह पर एक्शन मोड़ में आए अफसरों को लेकर विकास सदन में चर्चाएं भी तेज हैं।
शिकायत पर नहीं होती सुनवाई
फिलहाल की बात करें, तो डीडीए की सबसे बड़ी कमी शिकायतों का समय पर निपटारा न करना है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक वर्ष में डीडीए के पास साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं। लेकिन अभी तक इनमें से बमुश्किल ढाई हजार का समाधान हुआ है। शिकायतों को लेकर डीडीए की तरफ से कोई मोबाइल ऐप भी ऐसा नहीं है, जिस पर तत्काल सुनवाई दर्ज की जा सके।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलजी बैजल डीडीए के अफसर रह चुके हैं। उन्हें प्रशासनिक व डीडीए से जुड़े लोगों की समस्याओं का काफी अनुभव है। इसीलिए उन्होंने सबसे पहले मोबाइल पर ही शिकायतों के निपटारे और ट्रैकिंग रेकॉर्ड तैयार करने की सलाह दी है।
इन दिनों दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) एलजी अनिल बैजल को खुश करने के लिए चर्चाओं में है। उपराज्यपाल बनने के बाद बैजल ने डीडीए के अफसरों को पहला सुझाव ऑनलाइन सर्विसेज को बढ़ावा देने का दिया था। जिसके बाद डीडीए के अफसरों ने सुझाव को अमल में लाने के लिए मीटिंग का दौर भी शुरू किया। देखते ही देखते, पिछले 20 दिन के भीतर डीडीए ने ई-सेवाओं को बढ़ाने का फैसला ले लिया। अब तो डीडीए के शीर्ष अधिकारियों ने ई-सेवाओं के लिए टेंडर निकालना भी शुरू कर दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीडीए सबसे पहले स्पोर्ट्स और शिकायत निवारण केंद्र को मोबाइल ऐप से जोड़ने जा रहा है। इसके साथ ही डीडीए ने एक कॉल सेंटर तैयार करने का भी निर्णय लिया है, जिस पर काम शुरू हो चुका है। कॉल सेंटर को लेकर एलजी बैजल से अनुमति भी ली जा चुकी है। बहरहाल, एक तरफ हाऊसिंग स्कीम की लेटलतीफी के कारण डीडीए कटघरे में है। वहीं, एलजी बैजल की सलाह पर एक्शन मोड़ में आए अफसरों को लेकर विकास सदन में चर्चाएं भी तेज हैं।
शिकायत पर नहीं होती सुनवाई
फिलहाल की बात करें, तो डीडीए की सबसे बड़ी कमी शिकायतों का समय पर निपटारा न करना है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक वर्ष में डीडीए के पास साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं। लेकिन अभी तक इनमें से बमुश्किल ढाई हजार का समाधान हुआ है। शिकायतों को लेकर डीडीए की तरफ से कोई मोबाइल ऐप भी ऐसा नहीं है, जिस पर तत्काल सुनवाई दर्ज की जा सके।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलजी बैजल डीडीए के अफसर रह चुके हैं। उन्हें प्रशासनिक व डीडीए से जुड़े लोगों की समस्याओं का काफी अनुभव है। इसीलिए उन्होंने सबसे पहले मोबाइल पर ही शिकायतों के निपटारे और ट्रैकिंग रेकॉर्ड तैयार करने की सलाह दी है।
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