नई दिल्ली
सीपी के इनर सर्कल को ट्रैफिक फ्री बनाने के फैसले का अर्बन प्लैनर और हेरिटेज एक्टिविस्ट खुश हैं। उनका कहना है कि पार्किंग सुविधाओं को मजबूत करने की जरूरत है। पैदल चलने वालों के लिए रिक्शा और ई-बसें चलाने की भी सलाह दी गई है।
आर्किटेक्ट और टाउन प्लैनर एजीके मेनन का कहना है कि सीपी को पैदल चलने वालों की जगह बनाना अच्छी पहल है लेकिन इसके लिए पूरी प्लानिंग करनी होगी। हेरिटेज नजरिए से यह बहुत अच्छी बात है। अब लोग इन दिलचस्प बिल्डिंगों के आर्किटेक्चर का भी मजा ले सकेंगे। हालांकि सरकार को ई-रिक्शा और कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक बसों जैसे ऑप्शन लाने होंगे। इस काम में शहरी एजेंसियों, डीडीए, ट्रैफिक डिपार्टमेंट और ट्रेडर्स को साथ लाने की जरूरत है।
हेरिटेज एक्टिविस्ट सोहेल हाशमी इसे शानदार पहल बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे सीपी की चमक लौटेगी और चलना लोगों की आदम में शुमार होगा। अभी तक तो इनर सर्कल गाड़ियों की वजह से जाम ही रहता है। जब सीपी बनाया गया था तो जनसंख्या कम थी और कारें न के बराबर थी। आज की स्थिति में आर्किटेक्चरल हेरिटेज का सम्मान होना चाहिए। सीपी को 1920 और 1930 के बीच में बनाया गया था और इसका नाम ड्यूक ऑफ कनॉट, प्रिंस अर्थर के नाम पर रखा गया था। हाशमी ने कहा कि लोगों को शॉपिंग की चिंता है लेकिन हम पर्यावरण पर पड़ रहे बोझ के बारे में नहीं सोचते।
इंटैक के दिल्ली चैप्टर की संयोजक स्वप्ना लिडल ने कहा कि यह फैसला तब तक सही है, जब तक कि इसके साथ बैलेंस बनाने के साधन उपलब्ध हैं। अगर सरकार पार्किंग और मेट्रो स्टेशनों से ट्रांसपोर्ट के आसान साधन उपलब्ध कराती है तो यह अच्छा प्रपोजल है। सीपी शॉपिंग की बड़ी जगह है इसलिए व्यापारी परेशान हो सकते हैं। इस फैसले को सफल बनाने के लिए बड़ी प्लानिंग की जरूरत है।
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