गाजियाबाद
थाना कविनगर के तहत गांव महरौली में रहने वाले राजपाल ने करीब 9 साल पहले संदिग्ध हालात में हुई अपने भाई ओमपाल की मौत की जांच के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेजा है। उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
पेशे से टीचर राजपाल का आरोप है कि उनके भाई की हत्या हुई थी, जिसमें ओमपाल की पत्नी और ससुराल पक्ष के लोगों का हाथ था। उनका कहना है कि आरोपियों ने उनकी मां को भी जहर देकर मार डाला था। उन्होंने बताया कि 9 साल से इस मामले के जांच के लिए उन्होंने अलग-अलग अधिकारियों को पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, जब-जब जांच कराने का प्रयास किया तो मुझे जान से मारने की धमकी भी मिली। साथ ही, जांच भी रुकवा दी गई।
2007 में हुई थी मौत : राजपाल के भाई ओमपाल रेलवे की टीएमसी लाइन में काम करते थे। 18 मई 2007 को बाराबंकी में रेलवे लाइन ठीक करने गई टीम के साथ वह भी थे। वहां रेलवे स्टाफ के बीच ही संदिग्ध हालात में उनकी मौत हो गई थी। राजपाल का आरोप है कि रेलवे के स्टाफ ने वास्तविकता को छिपाकर इसे हादसा बताया।
थाना कविनगर के तहत गांव महरौली में रहने वाले राजपाल ने करीब 9 साल पहले संदिग्ध हालात में हुई अपने भाई ओमपाल की मौत की जांच के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेजा है। उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
पेशे से टीचर राजपाल का आरोप है कि उनके भाई की हत्या हुई थी, जिसमें ओमपाल की पत्नी और ससुराल पक्ष के लोगों का हाथ था। उनका कहना है कि आरोपियों ने उनकी मां को भी जहर देकर मार डाला था। उन्होंने बताया कि 9 साल से इस मामले के जांच के लिए उन्होंने अलग-अलग अधिकारियों को पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, जब-जब जांच कराने का प्रयास किया तो मुझे जान से मारने की धमकी भी मिली। साथ ही, जांच भी रुकवा दी गई।
2007 में हुई थी मौत : राजपाल के भाई ओमपाल रेलवे की टीएमसी लाइन में काम करते थे। 18 मई 2007 को बाराबंकी में रेलवे लाइन ठीक करने गई टीम के साथ वह भी थे। वहां रेलवे स्टाफ के बीच ही संदिग्ध हालात में उनकी मौत हो गई थी। राजपाल का आरोप है कि रेलवे के स्टाफ ने वास्तविकता को छिपाकर इसे हादसा बताया।
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