नई दिल्ली
पिछले साल इसी महीने में 'ऊबर' कैब में एक गर्भवती महिला ने अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया था। कैब में पैदा हुए बच्चे का नाम भी 'ऊबर' रखा गया था। 'ऊबर' के पहले जन्मदिन के सप्ताहभर बाद कंपनी के सीईओ ट्रैविस कालानिक ने पूरे परिवार को शानदार पार्टी दी।
इस जश्न में 'ऊबर' इंडिया के प्रेजिडेंट अमित जैन भी मौजूद रहे। ट्रैविस ने बच्चे के 18 साल के होन के बाद पढ़ाई-लिखाई के खर्च के लिए 12 हजार डॉलर (लगभग 8.14 लाख रुपये) के स्कॉलरशिप फंड का भी ऐलान किया। ट्रैविस ने बच्चे को एक खिलौना भी तोहफे में दिया।
क्या है पूरी कहानी?
पिछले साल एक महिला की डिलिवरी अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही कैब में हो गई थी। प्रसव पीड़ा के बाद महिला ने कई बार ऐंबुलेंस को फोन किया था, लेकिन कोई जवाब न मिलने के बाद ऊबर टैक्सी बुलाई गई थी। बता दें कि 'ऊबर' एक अमेरिकी कंपनी है, जो भाड़े पर टैक्सी सेवा मुहैया करवाती है। महिला के साथ दो और महिलाएं थीं, जो उसे सफदरजंग अस्पताल लेकर जा रही थीं, लेकिन उन्हें बीच में ही रुकना पड़ा क्योंकि महिला ने कैब के अंदर ही बच्चे को जन्म दे दिया था।
इस पूरी प्रक्रिया में टैक्सी चालक शाहनवाज खान ने तीनों महिलाओं का साथ दिया और उनकी सलाह पर ही महिला ने अपने बेटे का नाम 'ऊबर' रखा। बच्चे के जन्म के बाद खान ने तुरंत महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें इमरजेंसी वॉर्ड में दाखिल कर लिया गया।
ऊबर कंपनी का नाम एक बलात्कार मामले के चलते भी सुर्खियों में आ चुका है। दिल्ली की अदालत ने ऊबर कैब के चालक शिवकुमार यादव को 25 वर्षीय एक महिला ऐग्जिक्युटिव के साथ अपनी टैक्सी में बलात्कार करने और उसकी जान को खतरे में डालने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पिछले साल इसी महीने में 'ऊबर' कैब में एक गर्भवती महिला ने अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया था। कैब में पैदा हुए बच्चे का नाम भी 'ऊबर' रखा गया था। 'ऊबर' के पहले जन्मदिन के सप्ताहभर बाद कंपनी के सीईओ ट्रैविस कालानिक ने पूरे परिवार को शानदार पार्टी दी।
इस जश्न में 'ऊबर' इंडिया के प्रेजिडेंट अमित जैन भी मौजूद रहे। ट्रैविस ने बच्चे के 18 साल के होन के बाद पढ़ाई-लिखाई के खर्च के लिए 12 हजार डॉलर (लगभग 8.14 लाख रुपये) के स्कॉलरशिप फंड का भी ऐलान किया। ट्रैविस ने बच्चे को एक खिलौना भी तोहफे में दिया।
क्या है पूरी कहानी?
पिछले साल एक महिला की डिलिवरी अस्पताल जाते वक्त रास्ते में ही कैब में हो गई थी। प्रसव पीड़ा के बाद महिला ने कई बार ऐंबुलेंस को फोन किया था, लेकिन कोई जवाब न मिलने के बाद ऊबर टैक्सी बुलाई गई थी। बता दें कि 'ऊबर' एक अमेरिकी कंपनी है, जो भाड़े पर टैक्सी सेवा मुहैया करवाती है। महिला के साथ दो और महिलाएं थीं, जो उसे सफदरजंग अस्पताल लेकर जा रही थीं, लेकिन उन्हें बीच में ही रुकना पड़ा क्योंकि महिला ने कैब के अंदर ही बच्चे को जन्म दे दिया था।
इस पूरी प्रक्रिया में टैक्सी चालक शाहनवाज खान ने तीनों महिलाओं का साथ दिया और उनकी सलाह पर ही महिला ने अपने बेटे का नाम 'ऊबर' रखा। बच्चे के जन्म के बाद खान ने तुरंत महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें इमरजेंसी वॉर्ड में दाखिल कर लिया गया।
ऊबर कंपनी का नाम एक बलात्कार मामले के चलते भी सुर्खियों में आ चुका है। दिल्ली की अदालत ने ऊबर कैब के चालक शिवकुमार यादव को 25 वर्षीय एक महिला ऐग्जिक्युटिव के साथ अपनी टैक्सी में बलात्कार करने और उसकी जान को खतरे में डालने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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